Maha Kumbh moves towards the world record of cleanliness

स्वच्छता के वर्ल्ड रिकॉर्ड की ओर बढ़ा महाकुम्भ

198 0

महाकुम्भ नगर। तीर्थराज प्रयागराज की धरती न केवल भव्य महाकुम्भ-2025 (Maha Kumbh)  के रूप में मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर का साक्षात्कार कर रही है, बल्कि संगमनगरी ऐतिहासिक वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की भी साक्षी बन रही है। 50 करोड़ श्रद्धालुओं के संगम स्नान के वर्ल्ड रिकॉर्ड के साथ ही तीर्थराज ने शुक्रवार को स्वच्छता की दिशा में भी एक अनूठा वर्ल्ड रिकॉर्ड स्थापित किया। इसके तहत, 300 से अधिक स्वच्छताकर्मियों ने एक साथ अलग-अलग घाटों पर गंगा की सफाई कर विश्व रिकॉर्ड स्थापित किया। इस रिकॉर्ड को बनाने के लिए मेला प्राधिकरण की ओर से सभी निर्धारित प्रक्रिया को अपनाया गया। अब गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के प्रतिनिधि इस पूरी प्रक्रिया को वेरिफाई करेंगे और इस रिकॉर्ड को प्रमाणित करने के बाद इसका सर्टिफिकेट प्रदान करेंगे। सर्टिफिकेट प्राप्त होने के बाद यह अपने आप में एक अनूठा रिकॉर्ड होगा, जहां एक साथ इतने सफाई कर्मियों ने अलग-अलग घाटों पर आधे घंटे से ज्यादा समय तक नदी की सफाई का अभियान चलाया।

पूरी प्रक्रिया की कराई गई वीडियोग्राफी

सीएम योगी के विजन अनुसार, प्रयागराज में जारी महाकुम्भ (Maha Kumbh) की ग्लोबल इमेज को देखते हुए सरकार ने नदी की सफाई को लेकर जन जागरुकता अभियान छेड़ा हुआ है। इस अभियान की वजह से महाकुम्भ में आ रहे करोड़ों श्रद्धालु मां गंगा, मां यमुना और अदृश्य मां सरस्वती के पावन, निर्मल और स्वच्छ जल में स्नान कर रहे हैं। अब इसी अभियान को वर्ल्ड रिकॉर्ड के रूप में प्रमाणिकता मिलने जा रही है।

मेला प्राधिकरण की विशेष कार्याधिकारी (ओएसडी) आकांक्षा राना ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर सबसे बड़ी नदी सफाई अभियान के रिकॉर्ड्स की स्थापना का लक्ष्य रखा गया था, जिसे आज पूरी प्रक्रिया के साथ पूर्ण किया गया है। इसके तहत गंगा नदी पर बने तीन घाटों (राम घाट, भारद्वाज घाट और गंगेश्वर घाट) पर एक साथ गंगा सफाई अभियान चलाया गया। आधे घंटे से अधिक समय तक चले इस अभियान के माध्यम से नदी और घाटों को स्वच्छ रखने के लिए जागरूकता का भी प्रसार किया गया। इस सफाई अभियान में कुल 300 से ज्यादा सफाई कर्मी शामिल हुए। इस तरह का अभियान पहली बार बनाया गया है।

आई विटनेसेज के सामने चली प्रक्रिया

आकांक्षा राना ने बताया कि इस अभियान को देखने के लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे। साथ ही, इस प्रक्रिया को संपन्न कराने के लिए आई विटनेसेज के रूप में इनवॉयरमेंटलिस्ट और एमएनआईटी के प्रोफेसर्स भी मौजूद थे। अब इस पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी कराई गई, जिसे देखने और वेरीफाई करने के बाद इस रिकॉर्ड को मान्यता दी जाएगी।

इस रिकॉर्ड का उद्देश्य न केवल विश्व रिकॉर्ड हासिल करना है, बल्कि पवित्र नदियों के संरक्षण के लिए महाकुम्भ के समर्पण को भी उजागर करना है। इसके माध्यम से पारिस्थितिक संरक्षण और प्राकृतिक पर्यावरण के साथ आध्यात्मिक संबंध के महत्व पर जोर दिया जाएगा।

15 हजार स्वच्छताकर्मी एक साथ सफाई अभियान का बनाएंगे रिकॉर्ड

एक साथ नदी सफाई के वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने की प्रक्रिया पूरी करने के बाद अब मेला प्राधिकरण शनिवार को भी एक और वर्ल्ड रिकॉर्ड की ओर कदम बढ़ाएगा। यह रिकॉर्ड सबसे बड़ी सिंक्रोनाइज्ड स्वीपिंग ड्राइव का होगा। इसके अंतर्गत, 15000 प्रतिभागियों द्वारा एक समन्वित सफाई गतिविधि को पूरा किया जाएगा।

इस रिकॉर्ड का महत्व महाकुम्भ (Maha Kumbh) मेले के आंतरिक मूल्यों के रूप में स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देना है, जो प्रमुख स्थलों की पवित्रता बनाए रखने के लिए सामूहिक जिम्मेदारी के संदेश को मजबूत करेगा। इससे पहले मेला प्रशासन ने 2019 में 10 हजार प्रतिभागियों के साथ यह रिकॉर्ड बनाया था, जिसे इस बार सुधारने की पहल की जा रही है।

Related Post

Yogi

सीएम योगी ने की समीक्षा बैठक, बोले- त्योहारों पर शांति व्यवस्था से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं

Posted by - October 12, 2023 0
गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने कहा कि त्योहारों पर शांति व्यवस्था से खिलवाड़ करने की अनुमति किसी को…
Varanasi

वाराणसी में रात्रिकालीन पर्यटन और स्थानीय व्यापार, हस्तशिल्प को भी मिलेगा बढ़ावा

Posted by - November 27, 2025 0
वाराणसी। काशी के ऐतिहासिक घाट और सनातन धर्म के आस्था का केंद्र काशी में मंदिर अब रात में भी चमकते…