बर्ड फ्लू की दस्‍तक

बर्ड फ्लू के दौरान जानें चिकन खाना कितना है सुरक्षित?

1679 0

नई दिल्ली। देश में ‘बर्ड फ्लू’ (Bird Flu) ने दस्तक दे दी है। बता दें कि यह पक्षियों में होने वाले फ्लू का मानव संस्करण है जिसे “एवियन इन्फ्लूएंजा” कहा जाता है।

जानें क्या है बर्ड फ्लू (Bird Flu) ?

बर्ड फ्लू (Bird Flu) यानी एविएन इन्फ्लुएन्ज़ा वायरस का ये एक स्ट्रेन आमतौर पर पक्षियों को प्रभावित करता है। 90 के दशक में बर्ड फ्लू की नई किस्म की पहचान सामने आई थी। बर्ड फ्लू का नया स्ट्रेन मौत का कारण बनने खासकर घरेलू पक्षियों जैसे बत्तख, मुर्गी और टर्की में। उस स्ट्रेन को अत्यधिक रोगजनक यानी बहुत गंभीर और संक्रामक एविएन इन्फलुएन्ज़ा कहा गया और उसका नाम H5N1 दिया गया। वायरस संक्रमित पक्षियों से फैलता है। सेहतमंद पक्षी संक्रमित पक्षियों के दूषित मल या पंख से संक्रमित हो जाते हैं।

ब्रिटेन से विमान सेवा शुरु करने के फैसले पर सरकार करे पुनर्विचार : अशोक गहलोत

क्या इस दौरान चिकन खाना सुरक्षित है?

जब भी बात बर्ड फ्लू (Bird Flu) की आती है तो सबका ध्यान चिकन और अंडों पर चला जाता है। बता दें कि ये बीमारी मुर्गी खाने से नहीं होती, अगर चिकन ढंग से पकाया जाए, तो आप इसे आराम से खा सकते हैं।

संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को जारी किए गए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के संयुक्त बयान के अनुसार, अगर खाने को ठीक से पकाया जाता है, तो चिकन, टर्की या अन्य ऐसी चीज़ें खाने के लिए सुरक्षित हैं। साथ ही ये साफ किया कि इस बात का ख्याल रखना भी ज़रूरी है कि संक्रमित पक्षी इस फूड चेन का हिस्सा न बन जाएं।

WHO ने कहा कि खाने से संक्रमण या मौत का ख़तरा नहीं

WHO ने कहा कि जिन क्षेत्रों में पोल्ट्री में एवियन इन्फ्लूएंज़ा का प्रकोप नहीं है, वहां इसे खाने से संक्रमण या मौत का ख़तरा नहीं है। अभी तक ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है जिसमें मांस खाने से किसी को फ्लू हुआ हो। ये बीमारी आमतौर पर पक्षियों से पक्षियों में फैलती है।

70 डिग्री सेल्सियस पर या उससे अधिक तापमान पर पकाया जाए, तो H5N1 वायरस मर जाएगा

अगर चिकन, बत्तख, गीस या टर्की को अच्छे तरीके से 70 डिग्री सेल्सियस पर या उससे अधिक तापमान पर पकाया जाए, तो H5N1 वायरस मर जाएगा। साथ ही इस बात का ख्याल रखा जाए कि मांस का कोई भी हिस्सा कच्चा या लाल न रहे, तो इसे खाना सुरक्षित है।

डॉ. मंजीता नाथ दास (इंटरनल मेडिसिन, कोलंबिया एशिया हॉस्पिटल, गुड़गांव) ने बताया कि बर्ड फ्लू के फैलने पर चिकन और अन्य पॉल्ट्री उत्पादों को खाने वाले लोगों पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है। इसका कारण यह है कि इसे पकाने से फ्लू नष्ट हो जाता है, इसके साथ ही जो बैक्टीरिया होते है वह भी पकाते समय ख़त्म हो जाते हैं। लेकिन कच्चे चिकन को लेकर सावधानी ज़रूर बरतें। चिकन को पकाने वाले बर्तनों और रसोई को पूरी तरह से डिसइन्फेक्ट करें। जहां पर चिकन को रखा गया हो वहां सब्जियां या अन्य खाद्य पदार्थों को न रखें।

किचन में इन 6 बातों का रखें ख्याल

  1. चिकन या अन्य मांस को जब तक पकाना न हो फ्रिज में ही रखें।
  2. कच्चे मांस को बाकी खाने की चीज़ों से दूर रखें।
  3. मांस को पकाने के बाद जिन बर्तन का इस्तेमाल किया गया जैसे- कटिंग बोर्ड, चम्मच को अच्छी तरह धो लें।
  4. कच्चे मांस को छूने के बाद हाथों को ज़रूर धोएं।
  5. चिकन को अच्छी तरह पकाएं।
  6. बचे हुए खाने को फौरन फ्रिज में रखें या फिर फेंक दें।

Related Post

Uttarakhand will have its own pavilion in Maha Kumbh

महाकुंभ में उत्तराखंड का होगा अपना पवेलियन, दिखेगी उत्तराखंडी संस्कृति की झलक

Posted by - December 21, 2024 0
देहरादून: प्रयागराज महाकुंभ-2025 (Maha Kumbh) में उत्तराखंड का अपना पवेलियन होगा। प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने उत्तराखंड राज्य को सेक्टर-7 कैलाशपुरी…

यूपी में कोविड प्रबंधन की ऑस्ट्रेलिया में चर्चा, वहां के सांसद ने कहा- योगी को हमें दे दीजिए

Posted by - July 12, 2021 0
कोरोना की दूसरी लहर के दौरान यूपी में सरकारी सिस्टम ध्वस्त हो गया था, बड़ी संख्या में लोगों की मौत…
CM Dhami

वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस प्लान बना रही है सरकार : धामी

Posted by - May 23, 2024 0
अल्मोड़ा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Dhami) ने गुरुवार को लमगड़ा क्षेत्र में वनाग्नि से प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय और…