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भारत में पहला डेंगू रोधी टीका तैयार, संक्रमण की रोकथाम में ट्रायल सफल

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पुणे। डेंगू संक्रमण (Dengue Virus) की रोकथाम में भारत ने बड़ा कदम बढ़ाया है। अमेरिका से मिले वायरस स्ट्रेन से विकसित देश का पहला स्वदेशी टीका (Anti-Dengue Vaccine) प्रारंभिक ट्रायल में कामयाब रहा, जिसके चलते सरकार ने अगले ट्रायल की अनुमति दे दी है।

पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) ने पिछले सप्ताह हुई विशेषज्ञ कार्य समिति की बैठक में बताया कि पहले ट्रायल में 60 लोगों पर प्लेसबो के साथ टीके (Anti-Dengue Vaccine) का परीक्षण किया। करीब छह महीने से ज्यादा वक्त तक निगरानी रखने पर वयस्कों में टीका पूरी तरह सुरक्षित और वायरस के सभी चार स्ट्रेन पर असरदार पाया गया। इसके बाद केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने दूसरे चरण की भी सहमति दे दी। दरअसल, अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इनफेक्शियस डिजीज (एनआईएआईडी) ने एसआईआई को डेंगू वायरस के आइसोलेट स्ट्रेन उपलब्ध कराए, जिनके जरिये भारत में टेट्रावेलेंट लाइव एटेन्यूएटेड डेंगू रोधी टीका विकसित हुआ है। 25 मई 2019 से 29 दिसंबर 2023 तक पहला ट्रायल पूरा हुआ, जिसमें डेंगू के डेन 1, डेन 2, डेन 3 और डेन 4 स्ट्रेन से संक्रमित मरीजों को भी शामिल किया।

भारत में एसआईआई के अलावा इंडियन इम्यूनोलॉजिकल्स लि. (आईआईएल) भी डेंगू टीका (Anti-Dengue Vaccine) पर काम कर रहा है। हाल ही में आईआईएल ने साल 2026 की शुरुआत में टीके को व्यावसायिक रूप से लॉन्च करने की उम्मीद भी जताई। इसके लिए भी अमेरिका स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (एनआईएच) ने आवश्यक वायरस प्रदान किया है।

डेंगू से बचाव में कारगर है ये जूस, ऐसे करें तैयार

विशेषज्ञ कार्य समिति (एसईसी) के एक वरिष्ठ सदस्य ने बताया कि इस स्वदेशी टीका (Anti-Dengue Vaccine) पर अभी दो और परीक्षण किए जाने हैं, जिनमें से दूसरे चरण का ट्रायल अगले कुछ महीनों या फिर सप्ताह में शुरू किया जा सकता है। यह परीक्षण देश के बड़े अस्पतालों में किया जाएगा, जहां डेंगू (Dengue) संक्रमित मरीजों की संख्या पर्याप्त होगी। इसमें दिल्ली एम्स, पीजीआई चंडीगढ़ और सीएमसी वेल्लोर जैसे चिकित्सा संस्थान शामिल हो सकते हैं।

ये मिले परिणाम

पहले ट्रायल में शामिल ज्यादातर प्रतिभागियों में टीका अत्यधिक प्रतिरक्षात्मक पाया गया। इस दौरान कुछ प्रतिकूल प्रभाव भी सामने आए हैं, जिन पर चर्चा जरूरी है। इनमें इंजेक्शन स्थल पर एरिथेमा, दाने, सिरदर्द, थकान, मांसपेशियों में दर्द और जोड़ों का दर्द शामिल है। हालांकि, उनका पूरी तरह से समाधान निकाला गया है। जिन 60 प्रतिभागियों (40 को टीका) और (20 को प्लेसिबो) दिया गया, इनमें 23 प्रतिभागियों (59%) ने नौ से लेकर 11वें दिन के बीच डेंगू के चारों स्ट्रेन के खिलाफ असर दिखाना शुरू किया जो करीब 181 दिन बाद भी दिखाई दिया।

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