farmers

प्रकृति और प्रगति के समन्वय से चमकेगी यूपी के किसानों की किस्मत

318 0

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) किसानों (Farmers) की आय दोगुनी करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं। इसी को लेकर तरह-तरह की नए किस्म की खेती को प्राेत्साहित कर रहे हैं। प्राकृतिक खेती (Natural Farming) भी योगी सरकार की इसी मुहिम का हिस्सा है। मुख्यमंत्री योगी कई मंचों से प्राकृतिक खेती की सराहना कर चुके हैं।

15 अगस्त के अपने संबोधन में भी प्राकृतिक खेती को किसानों (Farmers) के लिए संजीवनी बताया। इसके पहले उपकार की बैठक और गोरखपुर में कम्हरिया घाट के पुल के लोकार्पण के दौरान भी किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए प्रोत्साहित किया था। इसी क्रम में गंगा के तटवर्ती 27 एवं बुंदेलखंड के सभी 7 जनपदों में गो आधारित प्राकृतिक खेती को लागू करने की घोषणा के साथ इस पर काम भी चल रहा है। मुख्यमंत्री द्वारा पहले चरण में बुंदेलखंड के सात जिलों को चुनने की कई वजहें हैं।

ताकि तिलहन और दलहन का कम हो आयात

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) किसानों (Farmers) की आय तीन से चार गुना करने के लिए प्राकृतिक खेती पर जोर दे रहे हैं। मुख्यमंत्री ने 15 अगस्त को इसका पहला चरण बुंदेलखंड से शुरू करने की बात कही। इसकी कई वजह भी हैं। प्रदेश के बुंदेलखंड में सबसे अधिक दलहन और तिलहन की खेती होती है।

देश के हर परिवार में इसका रोजाना इस्तेमाल होने से इसकी खपत भी सबसे ज्यादा होती है। कुल उत्पादन का 50 प्रतिशत आयात करना पड़ता है। यही वजह है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्राकृतिक खेती को प्रथम चरण में लागू करने के लिए बुंदेलखंड को चुना है। उनके इस फैसले से जहां देश में दलहन और तिलहन की खेती बढ़ेगी, वहीं इसका आयात भी कम होगा। इससे निर्यात घटने से विदेशी मुद्रा भी बचेगी।

निराश्रित पशुओं की समस्या होगी कम

बुंदेलखंड में सबसे बड़ी समस्या निराश्रित पशुओं की है। यहां पर पशुओं के कम दूध देने पर लोग उन्हे खुला छोड़ देते हैं। बुंलेदखंड में इसे अन्ना प्रथा कहा जाता है। प्राकृतिक खेती के तहत प्राकृतिक तरीके से खेत की उर्वरा क्षमता बढ़ाने के लिए गोबर, गो मूत्र का इस्तेमाल किया जाएगा।

इससे लोग अपने गाेवंश को लेकर जागरूक होंगे और अपने जानवरों को खुला नहीं छोड़ेंगे। इससे निराश्रित पशुओं की समस्या भी कम होगी। वहीं प्राकृतिक खेती से जहां खेतीहर जमीन की उम्र बढ़ेगी वहीं जैविक उत्पादन की वजह से किसानों को उनकी फसल के उत्पाद का ज्यादा दाम मिलेगा। इससे अर्थव्यवस्था में कृषि क्षेत्र का योगदान भी बढ़ेगा। इससे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी के लक्ष्य में भी मदद मिलेगी।

प्रकृति एवं प्रगति के समन्वय से कृषि के क्षेत्र में परिवर्तन की योजना

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन पर प्रदेश में प्रकृति और प्रगति के बीच समन्वय स्थापित कर कृषि क्षेत्र में बड़ा बदलाव लाने पर काम किया जा रहा है। इसके लिए प्रदेश के किसानों को नई किस्म की खेती की ट्रेनिंग भी दी जा रही है, जिससे किसान पारंपरिक खेती के साथ इसे अपनाकर प्रदेश को आर्थिक रूप से मजबूत करने में अपनी अहम भूमिका निभा सकें।

Related Post

Ram Jyoti

सरयू तीरे जलाए गए आस्था और आत्मीयता के दीप

Posted by - January 22, 2024 0
अयोध्या: अद्भुत, अलौकिक, अविस्मरणीय…कल्पनातीत सौंदर्य। अनगिनत दीपों से जगमगाती रामनगरी को जिसने भी देखा, अपलक निहारता ही रह गया। प्रभु…
Testing

टेस्टिंग और टीकाकरण में यूपी अव्‍वल, दी जा चुकी 31 करोड़ टीके की डोज

Posted by - April 24, 2022 0
लखनऊ: सर्वाधिक आबादी वाले यूपी (UP) में मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ (CM Yogi Adityanath)के कुशल प्रबंधन का परिणाम है कि दूसरे…
arvind jejariwal in meeruth kisan panchayat

किसान महापंचायत में केजरीवाल ने कहा, किसानों के लिए डेथ वारंट हैं ये तीनों कृषि कानून

Posted by - February 28, 2021 0
मेरठ। किसान महापंचायत में पहुंचे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Delhi CM Kejariwal ) ने भाजपा सरकार पर जमकर हमला…
municipal bond

योगी सरकार में यूपी जल्द बनेगा सर्वाधिक नगर निगमों के म्युनिसिपल बॉण्ड जारी करने वाला प्रदेश

Posted by - May 2, 2025 0
लखनऊ। उत्तर प्रदेश, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) के नेतृत्व में न केवल विकास के नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा…