Maha Kumbh

पहले ही स्नान में दिखा आस्था-उमंग का जनसैलाब, महाकुम्भ की दिव्यता देख श्रद्धालु हुए मुग्ध

108 0

महाकुम्भनगर। महाकुम्भ-2025 (Maha Kumbh) का आगाज 144 वर्षों की प्रतीक्षा, अनन्य आस्था, अगाध भक्ति, हर्ष-उमंग और भावनाओं के उमड़ते ज्वार को साक्षात्कार करने सरीखा अनुभव बन गया। न केवल देश-प्रदेश बल्कि विदेशों से आए लाखों श्रद्धालुओं के जप-तप और पुण्य-मोक्ष का मार्ग बनने के साथ ही, एकता के सूत्र में बांधने वाला एक ऐसा माध्यम बन गया जिसकी तुलना किसी अन्य घटना से होना असंभव है। मानवता के इस अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर का साक्षी बनने, अपने जन्मों के पुण्यों को साकार करने और मानव सभ्यता के इस सबसे बड़े विलक्षण क्षण का साक्षी पहले ही दिन बनने की होड़ तीर्थराज प्रयागराज के संगम नोज समेत सभी स्थायी व अस्थायी घाटों पर दिखी। यहां भाव विह्वल श्रद्धालु भीगी पलकों से इस सुखद क्षण का साक्षात्कार करते हुए अपनी पूजा व अर्चन विधि से भक्ति में रमने के साथ ही एकता के संगम में सराबोर होते दिखे।

पहले ही दिन रिकॉर्ड भीड़ के मिले संकेत

पौष पूर्णिमा के अवसर पर महाकुम्भ-2025 (Maha Kumbh) के प्रारंभ होने और पहले स्नान के अवसर पर ही पूरी दुनिया से महाकुम्भनगर स्थित मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं की अपार भीड़ देखने को मिली। ये श्रद्धालु उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की तैयारियों से बेहद संतुष्ट दिखे और महाकुम्भ पर्व को लेकर की गई सुव्यवस्थित व्यवस्था को देखकर मुक्त कंठ से डबल इंजन की सरकार की तारीफ करते दिखे। स्नान के दो दिन पूर्व ही लाखों की तादात में श्रद्धालुओं ने स्नान किया और पहले दिन श्रद्धालुओं का अपार उत्साह-उमंग दर्शाता है कि आगे आने वाले 45 दिनों में महाकुम्भ-2025 में उत्तर प्रदेश सरकार के अनुमान से भी ज्यादा भक्तों की भीड़ उमड़ सकती है।

कल्पवासियों ने स्नान कर कल्पवास के नियमों का लिया संकल्प

पौष पूर्णिमा के अवसर पर कल्पवासी संगम में स्नान कर कल्पवास के कठिन नियमों का महाकुम्भ (Maha Kumbh) अवधि के दौरान पालन करते हुए पुण्य प्राप्ति, सद्गति, मोक्ष प्राप्ति और सकल विश्व के कल्याण के लिए प्रार्थना करते हैं। स्वयं व अपने परिजनों के कल्याण के साथ ही सकल विश्व के कल्याण के लिए भी कल्पवासी प्रार्थना करते हैं। महाकुम्भ (Maha Kumbh) के प्रारंभ होने के साथ ही सोमवार होने के कारण महादेव की उपासना के विशेष संयोग ने इस क्षण को और भी दुर्लभ बना दिया और महाकुम्भ मेला क्षेत्र के सभी घाटों पर श्रद्धालु महादेव की उपासना में पवित्र जलधारा में डुबकी लगाकर संकल्प लेते दिखे। हर-हर महादेव, जय श्रीराम और जय बजरंग बली की जैसे नारों से रह-रहकर संगम नोज समेत सभी घाट दिनभर गुंजायमान होते रहे। वहीं, साधारण गृहस्त श्रद्धालुओं में भी स्नान को लेकर अपार उत्साह देखने को मिला। पहले ही दिन प्रयागराज व आसपास के इलाकों समेत बिहार, हरियाणा, बंगाल, ओडिशा, दिल्ली, उत्तराखंड, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र तथा मध्य प्रदेश जैसे प्रांतों की भारी भीड़ संगम समेत तीर्थराज प्रयागराज के विभिन्न घाटों पर देखने को मिली।

विदेशी श्रद्धालु भी हुए महाकुम्भ (Maha Kumbh) के मुरीद

संगम घाट पर देश-विदेश के श्रद्धालुओं का तांता देखने को मिला। साउथ कोरिया से आए यू-ट्यूबर दल महाकुम्भ के विभिन्न शॉट्स को अपने कैमरे से कैप्चर करते दिखे तो जापान से आए पर्यटक महाकुम्भ में अपार जनसैलाब को देखकर स्थानीय गाइडों से जानकारी लेते दिखे। रूस-अमेरिका समेत यूरोप के विभिन्न देशों से आए सनातनी श्रद्धालुओं ने सोमवार को आस्था और एकता के इस महापर्व का साक्षात्कार करने के साथ ही पुण्य की डुबकी भी लगाई। स्पेन से आई क्रिस्टीना भी इन्हीं में से एक थीं जिन्होंने महाकुम्भ की भव्यता को देखकर मुक्त कंठ से इस अद्भुत क्षण की प्रशंसा की।

गौरतलब यह है कि महाकुम्भ में इस वर्ष जिस प्रकार की भीड़ उमड़ने का अंदाजा लगाया जा रहा है वह दुनिया के विभिन्न देशों की जनसंख्या से भी ज्यादा है। ऐसे में, विदेशी न केवल कौतुहल में खिंचकर आस्था और एकता के इस महापर्व का साक्षी बनते दिखे, बल्कि सनातन धर्म को अपना चुके और सनातन आस्था को अंगीकार कर चुके विभिन्न साधु-संन्यासियों ने भी आस्था की पवित्र डुबकी लगाकर खुद को धन्य किया।

ऐसी रौनक पहले नहीं देखी…

महाकुम्भनगर में संगम मेला क्षेत्र और लेटे हनुमान मंदिर के समीप पूजा सामग्री बेचने और घाटों पर श्रद्धालुओं को तिलक लगाने वाले बेहद व्यस्त दिखे। श्रद्धालुओं की इच्छा अनुरूप प्रसाद, चुनरी, दीपदान सामग्री बेच रहे फुटकर दुकानदारों और तिलक लगाने का काम कर रहे लोगों का मानना है कि 2019 के कुम्भ मेले की अपेक्षा इस बार का महाकुम्भ (Maha Kumbh) न केवल दिव्य व भव्य है, बल्कि भीड़ भी कई गुना ज्यादा है और इससे उनकी आमदनी भी अच्छी-खासी होगी। तिलक लगाने का कार्य कर रहे प्रदीप उपाध्याय के अनुसार, वह 2019 में भी कुम्भ के दौरान इस कार्य को कर रहे थे, मगर इस बार लोगों में पहले से कहीं ज्यादा उत्साह-उमंग है। इसी प्रकार, फूलपुर से आकर संगम क्षेत्र में पूजन-अर्चन की फुटकर दुकान चला रही संतोषी देवी ने कहा कि लोग उनसे सबसे ज्यादा गंगा जल स्टोर करने वाले डिब्बे खरीद रहे हैं।

Related Post

Pm Modi

मोदी ने कहा स्वीडन और भारत के बीच प्रगाढ़ होंगे रिश्ते

Posted by - March 6, 2021 0
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकतंत्र, मानवाधिकार, कानून का राज, समानता, स्वतंत्रता और न्याय को भारत और स्वीडन के बीच संबंधों…

हिन्दू महासभा के नेता कमलेश तिवारी को हमलावर के मारी गोली, हुई मौत

Posted by - October 18, 2019 0
लखनऊ। शुक्रवार यानी आज दोपहर घर पर आये दो बदमाशों ने हिन्दू समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश तिवारी की…

शिवपाल ने बिना नाम लिए अखिलेश को दी धमकी, कहा- बहुत हुआ इंतजार, अब होगा युद्ध

Posted by - October 6, 2021 0
इटावा। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के प्रमुख शिवपाल सिंह का यूपी विधान सभा चुनाव को लेकर बड़ा बयान समाने आया है।…
cm yogi

आज पूरी दुनिया आयुष के पीछे भाग रही है: सीएम योगी

Posted by - February 15, 2023 0
गोरखपुर। मुख्यमंत्री एवं महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलाधिपति योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने कहा कि विश्व की सबसे पुरातन चिकित्सा…
kashi

शिवरात्रि पर पहली बार मिलेगा विश्वनाथ कॉरिडोर से मंदिर में प्रवेश

Posted by - March 9, 2021 0
वाराणसी। काशी में बन विश्वनाथ कॉरिडोर (Vishwanath Corridor) का काम तेजी से चल रहा है। महाशिवरात्रि के मौके पर श्रद्धालुओं…