Raisina Dialogue

रायसीना संवाद में कोरोना प्रभावित विश्व की चिंता

704 0

दिल्ली में रायसीना डायलॉग-2021का वर्चुअल आगाज हो चुका है। वर्ष 2016 में शुरू हुए रायसीना संवाद 13 अप्रैल से 16 अप्रैल तक चलने वाला है। जिसमें 50 सत्रों का आयोजन किया जाएगा। इस संवाद कार्यक्रम में 50 देशों के 150 स्पीकर हिस्सा ले रहे हैं।  रायसीना संवाद के इस छठवें संस्करण का आयोजन ऐसे समय हो रहा है जब पूरी दुनिया कोविड—19 की चपेट में हैं। ऐसे में कोरोना महामारी से निपटने के तौर—तरीकों और आपसी सहयोग पर मंथन तो होना ही है।

यूपी में डेढ़ गुनी रफ्तार से बढ़ रहा कोरोना, 20510 नए मामले, 67 की मौत

कोरोना आज की ज्वलंत समस्या है। एक साल से अधिक समय हो गया, दुनिया के तमाम देश कोरोना से बर्बाद हो रहे हैं। जान-माल का अपरिमित नुकसान झेल रहे हैं। बीमारी जब वैश्कि हो, समस्या वैश्विक हो तो उसका निदान भी वैश्विक ही होना चाहिए। समस्या के निदान में संवाद की बड़ी भूमिका होती है।   रायसीना संवाद को इसी कड़ी में देखा—समझा जा सकता है। 13 अप्रैल से 16 अप्रैल तक चलने वाले इस संवाद का आगाज बेहद प्रेरक रहा है। इसमें कोरोना तो उभयनिष्ठ था ही, चीन की भी चर्चा हुई। पड़ोसियों के साथ उसके विस्तारवादी व्यवहार की आलोचना हुई तो उसकी कुछ अच्छाइयों का भी जिक्र हुआ।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस बात में दम है कि हम किसी भी समस्या के समाधान के लिए प्लान तो बदल सकते हैं लेकिन प्लैनेट नहीं। रहेंगे तो आखिर धरती पर ही, इसलिए हमें धरती की जरूरतों के हिसाब से ही अपना रहन—सहन, कार्य व्यवहार सुनिश्चित करना पड़ेगा। जब तक सभी कोरोना महामारी के खिलाफ एकजुट नहीं होंगे, तब तक मानव जाति इसे  हरा नहीं पाएगी। भारत ने इन विषम परिस्थितियों  में अपने 138 करोड़ नागरिकों की तो चिंता की ही, दूसरे देशों की भी सहायता की।  कोरोना ने वैश्विक व्यवस्था और अपनी सोच में परिवर्तन करने का दुनियाो अवसर दिया है। हमें ऐसी व्यवस्था बनानी चाहिए, जिससे आज की समस्याओं और आगामी चुनौतियों का निराकरण हो सके।

उन्होंने कहा कि कई बाधाओं के बावजूद हमने 80 से अधिक देशों को कोविड-19 रोधी टीके उपलब्ध कराए।

उन्होंने सुस्पष्ट किया कि  मानवता इस महामारी को हराने में तब तक कामयाब नहीं हो सकेगी जब तक हम सब, हर जगह, यह सोचे बिना कि हमारे पासपोर्ट का रंग क्या है, इससे बाहर निकलने की कोशिश नहीं करेंगे। वहीं,विदेश मंत्री एस जयशंकर ने स्वास्थ्य सुरक्षा को राष्ट्रीय सुरक्षा का अभिन्न अंग बताया। साथ ही यह संदेश भी दिया कि  पूरे विश्व में कोरोना वायरस रोधी टीके तक सभी लोगों की समान रूप से पहुंच महत्वपूर्ण है क्योंकि जब तक सभी लोग सुरक्षित नहीं होंगे तब तक कोई सुरक्षित नहीं होगा।

उन्होंने भारत के भारत का  टीका मैत्री  अभियान का भी जिक्र किया और कहा कि भारत इस अभियान के तहत यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहा है कि  एक भी व्यक्ति टीके से वंचित न रह जाए। भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा है कि ‘दक्षिण—दक्षिण संबंध, मानवीय सहयोग, आपदा के खिलाफ प्रतिरोध को लेकर पूरी दुनिया को एक साथ आना चाहिए। भारत ने जनवरी से अब तक अभी तक विश्व के 83 देशों में 6 करोड़ 45 लाख वैक्सीन मानवीय आधार पर भेजी है।

प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के विजय राघवन ने कहा कि कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए भारत ने तेजी से  टीका बनाया बल्कि दुनिया में वह टीके का निर्यात भी कर रहा है। कोविड रोधी टीके के निर्माण में न केवल बड़ी कंपनियां लगी हैं बल्कि चिकित्सा शिक्षा भी इस कार्य में व्यापक मदद दे रहा है।

नाटो के महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने क्षेत्र में पड़ोसियों पर दबाव डालने और दक्षिण चीन सागर में नौवहन की स्वतंत्रता में बाधा उत्पन्न करने के चीन के कदमों की ओर ध्यान आकृष्ट किया और कहा कि ट्रान्स अटलांटिक सैन्य गठबंधन चीन के चलते उत्पन्न सुरक्षा प्रभावों का मुकाबला करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है। स्टोलटेनबर्ग ने  रायसीना डायलॉग  में अपने आनलाइन संबोधन में इस बात का विश्वास जाहिर किया कि भारत की हिंद-प्रशांत क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका है। साथ ही, यह एक महत्वपूर्ण और सक्रिय अंतरराष्ट्रीय हितधारक भी है। नाटो के लिए एक एकीकृत सैन्य सहयोग का हिस्सा बने बिना देश के साथ अलग-अलग तरीके से काम करने की काफी संभावनाएं है। भारत वास्तव में वैश्विक परिदृश्य में मायने रखता है।

इस कार्यक्रम में रवांडा के राष्ट्रपति पॉल कगामे और डेनमार्क के प्रधानमंत्री मेट्टे फ्रेडरिक्शन इस बार बतौर मुख्य अतिथि हिस्सा ले रहे हैं। वहीं, आस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री मरीसे पायने, फ्रांस के विदेश मंत्री जीन वेस ली ड्रायन भी इस संवाद कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे हैं। भारत सरकार द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में इस बार नेपाल, पुर्तगाल, स्लोवेनिया, रोमानिया, सिंगापुर, जापान, इटली, स्वीडन, नाइजीरिया, आस्ट्रेलिया, केन्या, मालदीव, चिली, कतर, ईरान और भूटान के विदेश मंत्री भी हिस्सा ले रहे हैं।

यह और बात है कि आज ही  विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख टेड्रोस अदानोम गेब्रेयसस  का मानना है कि भले ही दुनियाभर में अब तक 78 करोड़ से अधिक  कोविड-19 रोधी टीके लगाए जा चुके हैं,लेकिन महामारी का अंत अब भी काफी दूर है। उन्होंने यह तो माना कि चीन के वुहान शहर में दिसंबर 2019 में कोरोना वायरस संक्रमण का पहला मामला सामने आया था। अब तक दुनियाभर में 13,65,00,400 लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं। इनमें से 29,44,500 की मौत हो चुकी है लेकिन चीन की नीति और नीयत पर वे चुप्पी साधे ही नजर आए। भले ही वे रायनीसा संवाद के हिस्से न हों और उनका यह बयान कोरोना संक्रमण के संदर्भ में अलग से आया हो लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख होने के नाते उनसे इतनी अपेक्षा तो दुनिया कर ही सकती है कि वे दुनिया भर में फैल रहे कोरोना संक्रमण के लिए चीन की आलोचना तो कर ही सकते हैं। ऐसा वे क्यों नहीं कर पा रहे, यह तो वही जानें लेकिन यह भी उतना ही सच है कि पक्षधरता एक सीमा तक ही अच्छी लगती है।

रायसीना संवाद का अभी दूसरा दिन है। निष्कर्ष तो अंतिम दिन निकलेगा लेकिन इससे देश—दुनिया को आगे ले जाने की जो रूपरेखा बनेगी,वह निर्णायक होगी, इतनी उम्मीद तो की ही जा सकती है।

Related Post

Reliance company

रिलायंस कंपनी पेट्रोलियम के साथ अब हेल्थ केयर सेक्टर में भी बढ़ा रही कदम

Posted by - August 19, 2020 0
रिलायंस कंपनी भारत की श्रेष्ठ कम्पनियों में से एक है। आज रिलायंस कंपनी ने हर सेक्टर में अपने हाथ मजबूत…
cm yogi

संकट में हर नागरिक के साथ खड़ी है सरकार: सीएम योगी

Posted by - January 11, 2023 0
गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी अदित्यनाथ (CM Yogi) ने बुधवार को दिवंगत वरिष्ठ प्रेस फोटोग्राफर डीके गुप्ता व सुपरिचित भोजपुरी गायक संतराज…

अपर पुलिस अधीक्षकों के साथ आइपीएस तबादला

Posted by - February 28, 2021 0
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को सूबे की कानून-व्यस्था की समीक्षा करने के बाद रविवार को एक आईपीएस सहित 28 अपर पुलिस अधीक्षकों का तबादला किया गया है। इसमें वाराणसी के एसपी सुरक्षा भी शामिल हैं। इसके अलावा लखनऊ कमिश्नरेट से दो एडीसीपी का भी तबादला किया गया है। वाराणसी में अपर पुलिस अधीक्षक सुरक्षा के पद पर तैनात आइपीएस अफसर आदित्य लग्हे को वाराणसी में ही एएसपी क्राइम के पद पर तैनात किया गया है। इसके साथ ही राजेश कुमार सोनकर को एएसपी क्राइम आगरा से एएसपी देवरिया, डॉ. अरविंद कुमार को एएसपी क्राइम अलीगढ़ से एएसपी कन्नौज, दयाराम को एएसपी अमेठी से एएसपी चंदौली, रामसेवक गौतम एएसपी उत्तरी बाराबंकी से एएसपी ट्रैफिक गोरखपुर, प्रेमचंद एएसपी चंदौली को एएसपी एसआईटी लखनऊ, राजेश कुमार तृतीय एएसपी ग्रामीण फिरोजाबाद को एएसपी सिटी सहारनपुर, अवधेश सिंह एएसपी जालौन को एएसपी उत्तरी बाराबंकी, विनोद कुमार एएसपी कन्नौज को एएसपी सोनभद्र, सुरेश चंद्र रावत एडीसीपी उत्तरी लखनऊ को एएसपी सिद्धार्थनगर, अखिलेश नारायण सिंह एएसपी उत्तरी मेरठ को एएसपी ग्रामीण फिरोजाबाद, ओम प्रकाश सिंह सेकेंड एएसपी सोनभद्र को एएसपी शामली, अरुण कुमार दीक्षित पूर्व मंत्री मनोज पाण्डेय जल्द करेगी विजिलेंस एएसपी नक्सल वाराणसी को एएसपी एडीजी वाराणसी जोन कार्यालय, मायाराम वर्मा एएसपी सद्धार्थनगर को एएसपी क्राइम आगरा, विनीत भटनागर एएसपी क्राइम सहारनपुर को एएसपी सिटी मेरठ, विनोद कुमार पाण्डेय एएसपी उन्नाव को एएसपी अमेठी, श्रवण कुमार सिंह एएसपी ट्रैफिक वाराणसी को एडीसीपी उत्तरी लखनऊ, आशुतोष शुक्ला एएसपी ट्रैफिक गोरखपुर को डिप्टी कमाडेंट पीएसी बरेली, रामयश सिंह एएसपी देवरिया को डिप्टी कमाडेंट पीएसी प्रयागराज, राकेश कुमार सिंह डिप्टी कमाडेंट पीएसी प्रयागराज को एएसपी जालौन, शशि शेखर सिंह एएसपी डायल 112 को एएसपी उन्नाव, दिनेश कुमार पुरी एडीसीपी लखनऊ को एएसपी ट्रैफिक वाराणसी, प्रज्ञा मिश्रा एएसपी सीबीसीआईडी बरेली को एएसपी मध्यांचल बिजली, जेपी सिंह एएसपी डीजीपी मुख्यालय को एएसपी एटीएस लखनऊ, आलोक शर्मा एएसपी एटीएस को एएसपी सर्तकता अधिष्ठान, दिनेश यादव एएसपी एटीएस को एएससी एटीसी सीतापुर तथा अजय सिंह एएसपी क्राइम को एएसपी सिक्योरिटी वाराणसी के पद पर तैनाती मिली है।