लखनऊ: नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए के शर्मा (AK Sharma) ने बताया कि विद्युत वितरण व्यवस्था को आधुनिक, पारदर्शी एवं उपभोक्ता केंद्रित बनाने के उद्देश्य से भारत सरकार के निर्देशों के क्रम में पूरे देश में स्मार्ट मीटर अथवा प्रीपेड मीटर लगाए जा रहे हैं। यह पहल ऊर्जा क्षेत्र में सुधार और उपभोक्ता सुविधा को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उत्तर प्रदेश में भी इस योजना के अंतर्गत स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। अब तक 40 लाख से अधिक स्मार्ट मीटर सफलतापूर्वक स्थापित किए जा चुके हैं। इससे प्रदेश की बिजली वितरण प्रणाली को तकनीकी रूप से सशक्त और पारदर्शी बनाने में सहायता मिली है।
स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं को अपनी बिजली खपत की वास्तविक जानकारी किसी भी समय देखने की सुविधा प्रदान करते हैं। इससे गलत बिलिंग की शिकायतें समाप्त होंगी और उपभोक्ताओं को अपने बिजली उपयोग एवं व्यय पर पूर्ण नियंत्रण मिलेगा।इन मीटरों की स्थापना से विद्युत कर्मियों के मानवीय हस्तक्षेप की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी, जिससे त्रुटियों, अनियमितताओं और भ्रष्टाचार की संभावनाएं भी घटेंगीं। स्मार्ट मीटर प्रणाली से बिजली बिलिंग में पूर्ण पारदर्शिता आएगी तथा उपभोक्ता संतुष्टि में वृद्धि होगी।
स्मार्ट मीटर की एकमुश्त वसूली पर रोक
हाल ही में यह ध्यान में आया है कि उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) द्वारा कुछ क्षेत्रों में स्मार्ट मीटर की कीमत एकमुश्त रूप से उपभोक्ताओं से वसूली जा रही है, जिसके कारण उपभोक्ताओं में असंतोष की स्थिति उत्पन्न हुई है।नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए. के. शर्मा (AK Sharma) ने इस पर गंभीरता से संज्ञान लेते हुए कहा कि स्मार्ट मीटर की कीमत एकमुश्त वसूलना शासन की नीति अथवा मंशा के अनुरूप नहीं है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि सरकार का उद्देश्य उपभोक्ताओं को सुविधा देना है, न कि उन पर आर्थिक बोझ डालना।
श्री शर्मा (AK Sharma) ने ऊर्जा विभाग एवं UPPCL के वरिष्ठ अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए हैं कि मीटर की कीमत किसी भी स्थिति में एकमुश्त रूप से वसूल न की जाए। उन्होंने आदेशित किया कि मीटर की लागत उपभोक्ताओं से दीर्घकालिक एवं आसान किश्तों में ही वसूली जाए, ताकि आम उपभोक्ताओं पर किसी भी प्रकार का आर्थिक दबाव न पड़े।
ऊर्जा मंत्री (AK Sharma) ने कहा कि शीघ्र ही इस संबंध में औपचारिक आदेश जारी किए जाएंगे, ताकि प्रदेश के सभी वितरण क्षेत्रों में इस नीति का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा सके।
श्री शर्मा (AK Sharma) ने कहा कि राज्य सरकार की प्राथमिकता उपभोक्ता हितों की रक्षा, पारदर्शिता और सुशासन को सुनिश्चित करना है। स्मार्ट मीटर योजना का उद्देश्य बिजली वितरण व्यवस्था को डिजिटल, जवाबदेह और उपभोक्ता-हितैषी बनाना है।
उन्होंने सभी उपभोक्ताओं से अपील की है कि वे स्मार्ट मीटर योजना में सहयोग करें और किसी भी प्रकार की शिकायत या अनियमितता की स्थिति में संबंधित विद्युत कार्यालय या हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करें।स्मार्ट मीटर प्रणाली से प्रदेश की बिजली वितरण व्यवस्था अधिक विश्वसनीय, पारदर्शी और आधुनिक बनेगी, जिससे उपभोक्ता संतोष एवं सेवा गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार सुनिश्चित होगा।