AIIMS Gorakhpur

चिकित्सा सेवा का ड्रीम डेस्टिनेशन है एम्स गोरखपुर

46 0

गोरखपुर: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) गोरखपुर, पूर्वी उत्तर प्रदेश सहित बिहार और नेपाल तक के सीमाई इलाके में रहने वाले लोगों के लिए चिकित्सा सेवा का ड्रीम डेस्टिनेशन (सपनों का गंतव्य या मनचाही जगह) बन चुका है। एम्स गोरखपुर सांसद के रूप में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में एम्स के लिए हुए बड़े आंदोलन का प्रतिफल है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों शिलान्यासित और लोकार्पित एम्स गोरखपुर सोमवार (30 जून) को अपना पहला दीक्षांत समारोह मनाने जा रहा है जिसमें देश की प्रथम नागरिक महामहिम राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगी। राष्ट्रपति AIIMS गोरखपुर के पहले बैच के मेधावियों को पदक प्रदान कर मार्गदर्शक वक्तव्य देंगी।

गोरखपुर में AIIMS लाने और पूर्वी उत्तर प्रदेश को मेडिकल हब बनाने का श्रेय योगी आदित्यनाथ को है। गोरखपुर में एम्स की स्थापना की मांग करीब डेढ़ दशक तक चली। इसे लेकर 2004 से तत्समय सांसद योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में लंबा जनांदोलन चला था। योगी ने सड़क से लेकर सदन तक पूर्वी उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य सुविधाओं की मजबूती के लिए हमेशा आवाज बुलंद की। एम्स को लेकर उनकी मुखरता ही थी कि वर्ष 2014 में नरेंद्र मोदी जब प्रधानमंत्री बने तो उनके जरिये पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोगों की यह बहुप्रतीक्षित मांग पूरी कर ली गई। प्रक्रियात्मक औपचारिकताओं के बाद 22 जुलाई 2016 को पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत इसका शिलान्यास किया था। इस बीच मार्च 2017 में योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बने तो इसके निर्माण की सारी बाधाएं एक झटके में दूर हो गईं। इन बाधाओं के दूर होने का ही परिणाम रहा कि लोकार्पण से पहले ही 24 फरवरी 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा AIIMS की ओपीडी का शुभारंभ कर दिया गया था। निर्माण पूरा होने के बाद पीएम मोदी ने ही 7 दिसंबर 2021 को इसका लोकार्पण कर पूर्वी उत्तर प्रदेश में चिकित्सा सेवा की शुरुआत का नया अध्याय लिखा था। इन चार सालों में एम्स गोरखपुर की ख्याति पूर्वी उत्तर प्रदेश, सीमावर्ती बिहार और नेपाल की करीब पांच करोड़ आबादी के लिए संजीवनी सी बन रही है।

सीएम योगी ने बनाया पूर्वी यूपी को मेडिकल हब

पिछडेपन का दंश और बीमारू की पहचान। आठ साल पहले तक पूर्वी उत्तर प्रदेश के माथे की लकीरों से यही इबारत लिखी नजर आती थी। तब गोरखपुर-बस्ती मंडल के लोगों के इलाज के लिए उम्मीद की एकमात्र किरण था बीआरडी मेडिकल कालेज गोरखपुर। सात जिलों की इतनी बड़ी आबादी का बोझ संभालते-संभालते यह मेडिकल कालेज खुद बीमार हो चला था। पर, ये बातें अब अतीत के पन्नों में सिमट गई हैं।

योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद वर्ष 2017 से चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में इस अंचल में आया परिवर्तन कभी कभी अकल्पनीय सा लगता है। इन दो मंडलों में अब पांच राजकीय (गोरखपुर, देवरिया, कुशीनगर, बस्ती, सिद्धार्थनगर) और एक पीपीपी मॉडल (महराजगंज) और एक निजी (महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय में) मेडिकल कॉलेज सहित कुल सात मेडिकल कालेज जनता की सेवा में हैं। सबसे बड़ी बात कि विश्व स्तरीय व विशेषज्ञ चिकित्सा सुविधा वाले AIIMS की भी सौगात के साथ पूरब में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं का नया सूर्योदय हुआ है। सीएम योगी आदित्यनाथ के विजन ने पूर्वी उत्तर प्रदेश को मेडिकल हब बना दिया है।

Related Post

Mission Shakti 5.0: Girls visited government hospitals

मिशन शक्ति 5.0: बालिकाओं ने सरकारी अस्पतालों का भ्रमण कर सीखी स्वास्थ्य सुरक्षा की बारीकियां

Posted by - September 30, 2025 0
लखनऊ। उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा विभाग के महत्वाकांक्षी मिशन शक्ति 5.0 (Mission Shakti)  अभियान के तहत प्रदेशभर के सभी प्राथमिक,…

इंशाअल्लाह…पूरी कोशिश करेंगे कि योगी फिर सीएम न बनें- बोले AIMIM नेता ओवैसी

Posted by - July 3, 2021 0
साल 2022 में होने वाले उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियों ने तैयारियां शुरू कर दी है। असदुद्दीन…
CM Yogi

सीएम योगी की अधिकारियों को दो टूक- किसी भी शिकायतकर्ता को उसी समस्या को लेकर दोबारा न आना पड़े

Posted by - January 7, 2024 0
गोरखपुर। दो दिवसीय दौरे पर गोरखपुर आए को सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने रविवार को लोगों की फरियाद सुनने…
CM Yogi

धन के अभाव में बाधित नहीं होगा किसी का इलाज : मुख्यमंत्री

Posted by - August 14, 2023 0
गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने सोमवार सुबह गोरखनाथ मंदिर में 300 लोगों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनीं।…