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सात राज्यों में बर्बादी के निशान छोड़ गया तूफान Taukate

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दीव । चक्रवात ताउते (Taukate) गोवा, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, गुजरात समेत सात राज्यों में भारी बर्बादी के निशान छोड़ता हुआ राजस्थान की ओर तक बढ़ रहा है। हालांकि अब उसकी रफतार काफी कम हो गई है। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने मंगलवार को बताया कि चक्रवात ताउते (Taukate) सोमवार की मध्यरात्रि में सौराष्ट्र क्षेत्र के दीव और उना के बीच गुजरात तट से टकराने के बाद कमजोर पड़ गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को गुजरात और केंद्र शासित दमन और दीव का दौरा करेंगे व चक्रवात ताउते (Taukate) से उत्पन्न हुई परस्थिति और नुकसान का जायजा लेंगे। वह अहमदाबाद में एक समीक्षा बैठक भी करेंगे।

आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री सुबह साढ़े नौ बजे दिल्ली से रवाना होंगे और सीधे भावनगर पहुंचेंगे। यहां से वह हेलीकॉप्टर के जरिए उना, दीव, जाफराबाद और महुवा इलाकों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे और नुकसान का जायजा लेंगे।

अधिकारियों के मुताबिक वह अहमदाबाद में एक समीक्षा बैठक भी करेंगे।

केन्द्र शासित प्रदेश दमन और दीव दो जिलों (दमन और दीव) से मिलकर बना है। दोनों जिले भारत के पश्चिमी घाट पर लगभग 700 किमी की दूरी पर स्थित हैं। दमन इस केन्द्र शासित क्षेत्र का मुख्यालय है। दमन मुख्य भूमि पर स्थित है जबकि दीव एक द्वीप है।

ज्ञात हो कि चक्रवात ताउते (Taukate) से जुड़ी घटनाओं में गुजरात में कम से कम सात लोगों की जान चली गई जबकि इसकी वजह से तटीय इलाकों में भारी नुकसान हुआ, बिजली के खंभे तथा पेड़ उखड़ गए तथा कई घरों व सड़कों को भी नुकसान पहुंचा है।

राज्य के अधिकारियों ने बताया कि ताउते (Taukate) के कारण किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है और यह तूफान अब कमजोर पड़ गया है।

मौसम विभाग ने मध्यरात्रि के बाद ट्वीट किया जिसमें बताया कि ताउते (Taukate) अब काफी गंभीर चक्रवाती तूफान से कमजोर होकर गंभीर चक्रवाती तूफान में बदल गया है। विभाग ने ट्वीट किया,   चक्रवात का अगला हिस्सा तट से होकर गुजर चुका है और अब पिछला हिस्सा भी जमीनी हिस्से की ओर बढ़ रहा है।

भीषण चक्रवाती तूफान (Taukate) सोमवार रात में करीब नौ बजे गुजरात के सौराष्ट्र तट से टकराया था। इससे पहले, चक्रवात के कारण मुंबई में भारी वर्षा हुई और गुजरात में दो लाख से अधिक लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना पड़ा।

विभाग के अधिकारियों ने बताया कि तूफान के कारण दीव में 150 से 175 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चली और पूरे तटीय क्षेत्र में भारी बारिश हुई। जिलों के अधिकारियों ने बताया कि जूनागढ़, अमरेली और भावनगर जिलों में पेड़ उखड़ गए। क्षेत्रीय मौसम विभाग केंद्र की ओर से बताया गया कि चक्रवात अब उत्तरी गुजरात की ओर बढ़ेगा।

एक अधिकारी ने बताया, यह अमरेली जिले की ओर बढ़ेगा और फिर सुरेंद्रनगर जिले को पार करते हुए बनासकांठा की ओर जाएगा। हमें उम्मीद है कि आगे बढ़ने के साथ-साथ तूफान कमजोर होता जाएगा। चक्रवात के कारण कई स्थानों पर सड़कें अवरूद्ध हो गर्इं और इन जिलों में कई गांवों में बिजली गुल हो गई। चक्रवात के गुजरात तट से टकराने से पहले मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कहा था कि तटीय जिलों अमरेली, जूनागढ़, गिर-सोमनाथ और भावनगर में 150 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से हवाएं चलेंगी और ये जिले चक्रवात से सर्वाधिक प्रभावित होंगे।

गुजरात में 9 जून, 1998 को आए एक बड़े चक्रवात से व्यापक क्षति हुई थी और बड़ी संख्या में लोगों की मौत हुई थी, विशेष रूप से कांडला के बंदरगाह शहर में। वहीं आधिकारिक आंकड़ों ने तब मरने वालों की संख्या।,173 बताई थी, जबकि,774 लापता हो गए थे।

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