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राष्ट्रीय शिक्षा नीति वैश्विक मानकों के अनुरूप : मोदी

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नयी दिल्ली।  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति ना सिर्फ अत्याधुनिक और वैश्विक मानकों के अनुरूप है बल्कि यह जितनी व्यावहारिक है, इसका क्रियान्वयन भी उतना ही व्यावहारिक है।

भारतीय विश्वविद्यालय संघ की 95वीं वार्षिक बैठक को पीएम ने किया वर्चुअली संबोधित

भारतीय विश्वविद्यालय संघ की 95वीं वार्षिक बैठक और कुलपतियों की राष्ट्रीय संगोष्ठी को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि नागरिकों के समान अधिकार से ही समाज में समरसता आती है और देश प्रगति करता है।   उन्होंने कहा कि डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन शिक्षा के भारतीय चरित्र पर जोर देते थे। आज के वैश्विक परिदृश्य में यह बात और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति अत्याधुनिक और वैश्विक मानकों के अनुरूप हैं।

रायसीना संवाद में कोरोना प्रभावित विश्व की चिंता

मोदी ने कहा कि डॉ राधाकृष्णन ने शिक्षा के विभिन्न पहलुओं की बात की थी और वही इस शिक्षा नीति के मूल में दिखता है। मैं राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर लगातार विशेषज्ञों से चर्चा करता रहा हूं। यह जितनी व्यवहारिक है, इसका क्रियान्वयन भी उतना ही व्यावहारिक है।   प्रधानमंत्री ने कहा कि हर छात्र की अपनी एक सामर्थ्य होती है और शिक्षक जब उसकी आंतरिक क्षमता के साथ संस्थागत क्षमता दे दे तो उनका (छात्रों का) विकास व्यापक हो जाता है।

शिक्षा से बढ़ता है आत्मसम्मान, होती है देश की तरक्की

उन्होंने कहा,   इससे हमारे युवा वह कर सकते हैं, जो वह करना चाहते हैं। इसलिए देश का खास जोर कौशल विकास पर है। आज देश जैसे-जैसे आत्मनिर्भर भारत अभियान को लेकर आगे बढ़ रहा है, कुशल युवाओं की भूमिका और उनकी मांग भी बढ़ती ही जा रही है।  संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत दुनिया में लोकतंत्र की जननी रहा है और लोकतंत्र हमारी सभ्यता तथा तौर-तरीकों का हिस्सा रहा है।

शिक्षा के साथ ही आत्म-सम्मान भी बढ़ता है। आत्म-सम्मान से व्यक्ति अपने अधिकार के लिए जागरूक होता है, समान अधिकार से ही समाज में समरसता आती है और देश प्रगति करता है।

इस दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन अहमदाबाद स्थित बाबा साहेब आंबेडकर मुक्त विश्वविद्यालय की ओर से किया गया है। इसमें गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी, राज्यपाल आचार्य देवव्रत और केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने भी हिस्सा लिया।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने बाबा साहेब आंबेडकर के जीवन पर आधारित और किशोर मकवाना द्वारा लिखित चार पुस्तकों का विमोचन भी किया।

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