लखनऊ: यूपीईआरसी ने नए यूपीईआरसी (वितरण के लिए बहुवर्षीय टैरिफ) विनियम, 2025 के अनुसार वित्त वर्ष 2025-26 के लिए राज्य डिस्कॉम के लिए बिजली की दरें घोषित की हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बिजली उपभोक्ताओं (Electricity Consumers) के हितों का ध्यान रखा और लगातार छठे साल टैरिफ (Electricity Tariff) में कोई बदलाव नहीं किया।
लगातार छठे साल भी टैरिफ (Electricity Tariff) में कोई बदलाव नहीं
सभी कंज्यूमर कैटेगरी के लिए टैरिफ (Electricity Tariff) लगातार छठे साल भी वैसे ही रखे गए हैं। इसका मतलब ये है कि इस बार भी टैरिफ में कोई बदलाव नहीं किया गया है। वित्त वर्ष 2025-26 से वित्त वर्ष 2029-30 तक के कंट्रोल पीरियड के लिए डिस्ट्रीब्यूशन लॉस का ट्रैजेक्टरी तय किया गया। यू०पी०पी०सी०एल० को कुल डिस्ट्रीब्यूशन लॉस को वित्त वर्ष 24-25 के 13.78% से घटाकर वित्त वर्ष 29-30 में 10.74% करने का निर्देश दिया गया।
सभी कंज्यूमर को ग्रीन एनर्जी टैरिफ का फायदा मिलेगा
HV कैटेगरी के कंज्यूमर्स के लिए ग्रीन एनर्जी टैरिफ रु. 0.36 प्रति यूनिट से घटाकर रु. 0.34 प्रति यूनिट कर दिया गया है और LV कैटेगरी के कंज्यूमर्स के लिए रु. 0.17 प्रति यूनिट तय किया गया है। लाइसेंसी को उन कंज्यूमर्स के बिल में पावर फैक्टर बताना होगा जहां के वी.ए.एच. बिलिंग की जा रही है। यूपीपीसीएल को सिक्योरिटी डिपॉजिट पर दिए गए ब्याज से काटे गए इनकम टैक्स के लिए योग्य कैटेगरी के कंज्यूमर्स को टीडीएस सर्टिफिकेट जारी करने का निर्देश दिया गया।
यूपीइआरसी मल्टी स्टोरी बिल्डिंग्स और टाउनशिप के लिए अलग कंसल्टेशन पेपर
यूपीइआरसी मल्टी स्टोरी बिल्डिंग्स और टाउनशिप से जुड़े मुद्दों को सुलझाने के लिए एक अलग कंसल्टेशन पेपर जारी करेगा। 5 राज्य डिस्कॉम के टैरिफ ऑर्डर को, जिसमें वित्त वर्ष 2023-24 का टू-अप, वित्त वर्ष 2024-25 का एनुअल परफॉर्मेंस रिव्यू (एपीआर) और वित्त वर्ष 2025-26 का वार्षिक रेवेन्यू रिक्वायरमेंट (एआरआर) शामिल है, UPERC ने स्टेकहोल्डर्स, पब्लिक और स्टेट एडवाइजरी कमेटी के ऑब्जेक्शन, कमेट्स और सुझावों को ध्यान में रखते हुए फाइनल कर दिया है। टैरिफ ऑर्डर की जरूरी बातें नीचे दी गई हैं।
वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 5 राज्य डिस्कॉम का टू-अप
आयोग द्वारा अनुमोदित 140,580.13 (मिलियन यूनिट) की खरीद के लिए 5 राज्य डिस्कॉम के वित्त वर्ष 21023-24 के लिए समेकित वार्षिक राजस्व आवश्यकता (एआरआर) 85,082.83 करोड़ रुपये है, जबकि वार्षिक राजस्व आवश्यकता (एआरआर) 90,328 62 करोड़ रुपये के लिए 141,931.68 एमयू की खरीद का दावा किया गया है। लाइसेंसधारियों ने 15.48% की वास्तविक वितरण घाटे का दावा किया है. जबकि आयोग ने 10 अक्टूबर 2024 के टैरिफ आदेश में अनुमोदित घाटे के मुकाबले वास्तविक वितरण घाटे के निचले स्तर के रूप में 14.69% की वितरण घाटे को मंजूरी दी है। आयोग ने राज्य सरकार की सब्सिडी को राज्य सरकार से राज्य डिस्कॉम द्वारा प्राप्त 17,093.73 करोड़ रुपये माना है। कमीशन ने 60,235.65 करोड़ रुपये (डीम्ड रेवेन्यू सहित) तय किया है। इस वजह से वित्त वर्ष 2023-24 के लिए रेगुलेटरी अकाउंट में 1,246.55 करोड रुपये का सरप्लस है।
वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 5 राज्य डिस्कॉम का एआरआर
आयोग ने हाल ही में अधिसूचित यूपीईआरसी (वितरण के लिए एमवाईटी) विनियम, 2025 के अनुरूप वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 5 राज्य डिस्कॉम के एआरआर को मंजूरी दे दी है, आयोग ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 163,778.24 एमयू की खरीद के लिए 1,10,993.33 करोड़ रुपये की समेकित वार्षिक राजस्व आवश्यकता (एआरआर) को मंजूरी दी है। जबकि राज्य डिस्कॉम द्वारा 164,592.49 एमयू की खरीद के लिए 1.12.865.33 करोड़ रुपये का अनुमानित वार्षिक राजस्व आवश्यकता (एआरआर) दायर किया गया था। आयोग ने राज्य डिस्कॉम द्वारा दावा किए गए 13.77% के मुकाबले 13.35% के वितरण घाटे को मंजूरी दी है। राज्य सरकार द्वारा 17,100 करोड़ रुपये की सब्सिडी प्रदान की जाएगी।

आयोग ने कंज्यूमर्स द्वारा दिए जाने वाले 86.183.29 करोड़ रुपये के राजस्व को मंजूरी दे दी है। इससे UPPCL/DISCOMS को कुल 1,03.283.29 करोड़ रुपये का रेवेन्यू मिलेगा। इसके चलते लाइसेंसी के लिए FY 2025-26 में 7,710.04 करोड़ रुपये का रेगुलेटरी गैप होगा। हालांकि, यह देखते हुए कि 1.4.2025 तक यूपीपीसीएल / डिस्कॉम के पास 18592.38 करोड़ रुपये का अनमानित जमा रेगलेटरी सरप्लस है इसलिए आयोग को FY 25-26 के लिए टैरिफ रेट बढ़ाने का कोई कारण नहीं मिला है।
वित्त वर्ष 2025-26 के लिए टैरिफ ऑर्डर की अन्य मुख्य विशेषताएं
1. UPPCL/DISCOMS के लिए UPERC द्वारा FY 24-25 के लिए तय टारगेट और कंट्रोल पीरियड FY 25-26 से FY 29-30 के लिए तय DL ट्रैजेक्टरी टारगेट के मुकाबले डिस्ट्रीब्यूशन लॉस की स्थिति का सारांश आगे है। ये टारगेट अगले पांच सालों अर्थात 2029-30 के लिए रखा गया है जो प्रतिशत में है । DVVNL के लिए 3.70%, MVVNL के लिए 2.61%, PVVNL के लिए 1.92%, PuVVNL के लिए 4.28%, KESCO के लिए 1.18%, UPPCL के लिए 3.04% है।
2. सिर्फ मध्यांचल और पश्चिमांचल डिस्काम्स ही FY 24-25 के लिए डिस्ट्रीब्यूशन लॉस के लिए तय टारगेट हासिल कर पाए। सबसे खराब परफॉर्निंग PuVVNL की रही, उसके बाद DVVNL की रही।
3. यूपी सरकार लाइफलाइन कंज्यूमर्स (रूरल और अर्बन), रूरल शेडयूल्ड मीटर्ड घरेलू कंज्यूमर्स और प्राइवेट ट्यूबवेल्स को पिछले साल की तरह ही सब्सिडी देती रहेगी।
4. लाइसेंस होल्डर्स को निर्देश दिया गया है कि वे उन सभी कंज्यूमर्स की PAN डिटेल्स इकट्ठा करें और अपडेट करें, जहाँ भी सिक्योरिटी डिपॉजिट पर दिए जाने वाले इंटरेस्ट पर इनकम टैक्स एक्ट के प्रोविजन के अनुसार TDS काटा जाना है। लाइसेंस होल्डर्स काटे गए टैक्स को जमा करें और सिक्योरिटी डिपॉजिट पर इंटरेस्ट के पेमेंट के समय ऐसे कंज्यूमर्स को TDS सर्टिफिकेट जारी करें। कज्यूमर्स अपने ऑनलाइन अकाउंट में लॉग इन करके सर्टिफिकेट डाउनलोड कर सकें।
5. TOD टैरिफ कैटेगरी और टाइम पीरियड पिछले साल जैसे ही रहेंगे।
6. ओपन एक्सेस कंज्यूमर्स हेतु क्रॉस सब्सिडी सरचार्ज को और रैशनलाइज किया गया है और कुछ कैटेगरी के लिए कम किया गया है।
7. FY 25-26 के लिए सप्लाई की औसत लागत 8.18 (Rs/KWh) होने का अनुमान है, जबकि औसत बिलिंग दर 7.61 (Rs/KWh) होने का अनुमान है।
8- पब्लिक हियरिंग के दौरान, मल्टी स्टोरी बिल्डिंग और टाउनशिप में सिंगल पॉइंट कनेक्शन पर कंज्यूमर्स ने बिलिग में गड़बड़ियों, ट्रांसपेरेसी की कमी और दूसरी दिक्कतों के बारे में कई मुद्दे उठाए है। कमीशन जल्द ही स्टेकहोल्डर्स के कमेंट्स के लिए इन दिक्कतों और उन्हें हल करने के संभावित तरीकों पर रोशनी डालते हुए एक कंसल्टेशन पेपर जारी करेगा।
टैरिफ ऑर्डर लाइसेसी द्वारा कम से कम दो हिंदी और दो इंग्लिश डेली अखबारों में पब्लिश होने की तारीख से सात दिनों के बाद लागू होंगे। सभी टैरिफ ऑर्डर www.uperc.org पर अपलोड कर दिए गए हैं।

