Ganga of Vedas will flow in Maha Kumbh

प्रयागराज महाकुम्भ में प्रवाहित होगी वेदों की गंगा, संतों के शिविर में गूंजेगी वेदों की वाणी

147 0

महाकुम्भ नगर। महाकुम्भ (Maha Kumbh) भारतीय संस्कृति का महापर्व है। आध्यात्मिकता के साथ सामाजिकता का भाव समेटे यह आयोजन विभिन्न रूपों में प्रकट होता है जिसका मूलाधार हैं वेद। इन्ही वेदों की वाणी प्रयागराज महाकुंभ में भी गूंजेगी। महाकुम्भ क्षेत्र में संतों के विभिन्न शिविर इसके साक्षी होंगे ।

महाकुम्भ (Maha Kumbh) में गूंजेगी वेदों की वाणी

योगी सरकार जनवरी 2025 में आयोजित होने जा रहे महाकुम्भ (Maha Kumbh) को दिव्य और भव्य स्वरूप प्रदान कर रही है। महाकुम्भ क्षेत्र में साधु संतों और अखाड़ों के भव्य शिविर आकार लेने लगे हैं। एक तरफ जहां इन शिविरों को व्यवस्थित स्वरूप देने में मेला प्रशासन लगा हुआ है तो वहीं साधु संत अपने अपने शिविरों को वैदिक संस्कृति के ताने बाने में पिरोने में लगे हैं। धर्माचार्यों और अखाड़ों के महामण्डलेश्वरों के शिविरों में नियमित रूप से कथा, भागवत और प्रवचन की त्रिवेणी के साथ वेद मंत्रों की गंगा प्रवाहित करने की कवायद चल रही है।

वेद विद्यालयों में अध्ययन करने वाले बटुकों की वेद पाठ के लिए अग्रिम व्यवस्था की जा रही है। स्वामी नरोत्तमानंद गिरी वेद विद्यालय झूंसी के प्राचार्य ब्रज मोहन पांडेय का कहना है कि इस आयोजन से भारत की वैदिक संस्कृति को प्रचार प्रसार और नई पीढ़ी को समझने का अवसर मिलेगा।

अखाड़ों और महा मंडलेश्वरों के शिविर में सबसे अधिक है मांग

महाकुम्भ (Maha Kumbh) के अखाड़ों में सामान्य तौर पर साधक और साधना की विभिन्न क्रियाएं ही श्रद्धालुओं और पर्यटकों को देखने को मिलती हैं। लेकिन इस बार यहां वेदों की ऋचाएं भी गूंजेगी। श्री पंच अग्नि अखाड़े के महा मंडलेश्वर सोमेश्वरानंद ब्रह्मचारी कहते हैं कि वैदिक संस्कृति को विस्तार देने के लिए अखाड़ों में वेद पाठ करने वाले बटुकों को वेद पाठ के लिए आमंत्रित किया जाएगा।

महामंडलेश्वरों के शिविर में कथा वाचकों के प्रवचन और भजन कीर्तन चलते रहते हैं जिसमें इस बार वेदों की वाणी को भी अहम जगह मिलेगी। पंचायती अखाड़ा महा निर्वाणी के महा मंडलेश्वर स्वामी प्रणवानंद सरस्वती बताते हैं कि उनके शिविर में पांच लाख पञ्चमाक्षर का जाप प्रतिदिन 8 ब्राह्मण करेंगे। वेदों के ऋचाओं का पाठ भी शिविर में होगा।

आसपास के जनपदों में भी बढ़ी बटुकों की मांग

महाकुम्भ (Maha Kumbh) क्षेत्र में वेद का अध्ययन करने वाले 20 हजार से अधिक बटुकों की आवश्यकता होगी । प्रयागराज जनपद में सरकारी वेद पाठ शालाओं की बात करें तो यहां पाठशाला योजना के अंतर्गत पांच वेद विद्यालय और गुरु शिष्य इकाई के रूप में तीन वेद विद्यालय होंगे। इन सभी वेद विद्यालयों को महर्षि सांदीपनि राष्ट्रीय वेद संस्कृत शिक्षा बोर्ड चलाता है।

‘ब्रांड प्रयागराज’ को ‘ग्लोबल’ बनाने का बड़ा अवसर है महाकुम्भ 2025: मुख्यमंत्री

अलोपी बाग स्थित श्री भारती तीर्थ वेद शाला के प्राचार्य हरि ओम द्विवेदी का कहना है कि वेद विद्यालय के बटुकों को महाकुम्भ क्षेत्र में वेद पाठ के लिए बोर्ड से अनुमति लेनी पड़ती है। अनुमति मिल जाने पर उन्हें यह जिम्मेदारी दी जाएगी।

Related Post

मैं पूर्ण रूप से स्वस्थ हूं

अमित शाह ने स्वास्थ्य की अटकलों पर लगाया विराम, बोले- मैं पूर्ण रूप से स्वस्थ हूं

Posted by - May 9, 2020 0
नई दिल्ली। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उनके स्वास्थ्य को लेकर लगायी जा रही अटकलों पर ट्विट कर विराम…
ailplane

यात्री की तबियत बिगड़ने से लखनऊ आ रही फ्लाइट की करॉची एयपोर्ट पर आपात लैंडिंग

Posted by - March 3, 2021 0
शारजाह से लखनऊ आ रहे विमान की मेडिकल इमरजेंसी लैंडिंग मंगलवार को पाकिस्तान के कराची एयरपोर्ट पर कराई गई। ऐसा…
cm yogi

धर्म की वास्तविक प्रेरणा और भगवान की दिव्य वाणी है श्रीमद्भगवदगीताः सीएम योगी

Posted by - November 23, 2025 0
लखनऊ:  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने कहा कि श्रीमद्भगवदगीता के 18 अध्यायों के 700 श्लोक को भारत का हर…