नई दिल्ली। भारत में सूर्यग्रहण खत्म हो चुका है। जबकि दुनियाभर में सूर्यग्रहण दोपहर को 1.35 बजे खत्म होगा। भारत में सुबह आठ बजे से 11 बजे तक देश के विभिन्न हिस्सों में अद्भुत सूर्यग्रहण के नजारे देखने को मिले हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सूर्यग्रहण देखा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सूर्य ग्रहण का नजारा देखा
हालांकि वह घने बादलों की वजह से इसे ठीक तरह से नहीं देख पाए। दक्षिण के राज्यों केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु में जहां सूर्यग्रहण के दौरान बनने वाला कंकण दिखाई दिया है। वहीं बाकी के राज्यों में सूर्यग्रहण खंडग्रास के रूप में नजर आया है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सूर्य ग्रहण का नजारा देखा। उन्होंने ट्विटर हैंडल से तस्वीरें शेयर की हैं।
PM Modi tweets,"Like many Indians, I was enthusiastic about #SolarEclipse. Unfortunately, I could not see Sun due to cloud cover but I did catch glimpses of eclipse in Kozhikode & other parts on live stream. Also enriched my knowledge on the subject by interacting with experts." pic.twitter.com/s97rELVuMW
— ANI (@ANI) December 26, 2019
मां गंगा की भोर की आरती 11:30 बजे हुई
सूतक लगने के साथ ही काशी में मंदिरों के कपाट देर शाम को बंद हो गए। वहीं बाबा विश्वनाथ के मंदिर के कपाट सुबह 6 बजे बंद हो गए और साढ़े पांच घंटे तक श्रद्धालु बाबा के दर्शन से वंचित रहेंगे। इस दौरान काशी में गंगा स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। मंदिर न्यास के अनुसार ग्रहण के दिन भोग आरती में फलाहार अर्पित किया जाएगा। बुधवार को रात में श्रृंगार आरती में बाबा को फलाहार अर्पित किया गया। मां गंगा की भोर की आरती को भी 11:30 बजे से कर दिया गया है।
एक आग के छल्ले की तरह नजर आता है सूर्य
एरीज के वैज्ञानिक शशिभूषण पांडे ने बताया कि एन्यूलर सूर्यग्रहण की विशेषता यह होती है कि इसमें चंद्रमा सूर्य की परिधि के अलावा शेष भाग को ढक लेता है, जिससे केवल इसकी परिधि दिखाई देती है, जो एक आग के छल्ले की तरह नजर आता है, इसीलिए इस ग्रहण को रिंग ऑफ फायर नाम दिया गया है।
Solar eclipse witnessed in Dubai. #SolarEclipse https://t.co/rBM3tCDaTv pic.twitter.com/y9jmsR85lu
— ANI (@ANI) December 26, 2019
पौष माह में पड़ने वाला सूर्य ग्रहण ब्राह्मण, विद्वानों एवं शासक वर्ग के लिए शुभ नहीं
काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के अनुसार ग्रहण के बाद मंदिर खुलने पर 11 बजकर 30 मिनट से 12 बजकर 30 मिनट तक मध्याह्न भोग आरती होगी। ज्योतिषाचार्य पं. दीपक मालवीय के अनुसार पौष माह में पड़ने वाला सूर्यग्रहण बदलाव का महाविकट अवसर साथ लेकर आ रहा है। धनु राशि में छह ग्रहों का योग वातावरण को भययुक्त बना रहा है। इस पर सूर्यग्रहण इस दुर्योग को अधिक उग्र करेगा। पौष माह में पड़ने वाला सूर्य ग्रहण ब्राह्मण, विद्वानों एवं शासक वर्ग के लिए शुभ नहीं माना गया है।
अगले 100 वर्षों में भारत को होंगे महज 6 सूर्यग्रहण के दर्शन
भारत में इससे पहले कुंडलाकार सूर्यग्रहण 15 जनवरी 2010 को देखा गया था और अगला 21 जून 2020 को दिखाई देगा। खास बात है कि अगले 100 साल में भारतीयों को महज छह सूर्यग्रहण ही देखने को मिलेंगे। भारत में वर्ष 2020, 2031, 2034, 2064, 2085 तथा 2114 में सूर्यग्रहण दिखाई देंगे।