Sugarcane

गन्ने से घुल रही महिलाओं के जीवन में मिठास

333 0

लखनऊ। गन्ने (Sugarcane) की खेती से सिर्फ किसानों के ही नहीं बल्कि महिलाओं के जीवन में भी मिठास घुल रही है। प्रदेश के 37 प्रमुख गन्ना उत्पादक जिलों में स्वयं सहायता समूहों के जरिये उन्नत प्रजाति के पौध (Seedling) तैयार करने से करीब 60 हजार महिलाओं को स्वरोजगार मिला है। इस काम से अब तक लगभग चार लाख मानव दिवसों का सृजन हो चुका है। ये महिलाएं उन्नत किस्म के गन्ने की प्रजातियों के पौध तैयार करती हैं और इसके जरिए गन्ने की उपज, रकबा, चीनी का परता और गन्ना किसानों की आय बढ़ाने में भी योगदान दे रही हैं।

प्रदेश के 37 गन्ना (Sugarcane) बहुल जिलों में गन्ना विकास परिषद एवं चीनी मिलों ने संयुक्त रूप से गांवों का चयन करते हुए महिलाओं का स्वयं सहायता समूह बनाकर इनके प्रशिक्षण की व्यवस्था की। इसके अंतर्गत महिलाओं को यथासंभव अनुदान के माध्यम से और चीनी मिलों के सहयोग से आवश्यक मशीनें एवं उपकरण उपलब्ध कराए गए। इन समूहों द्वारा 10 लाख से अधिक गन्ना पौधों का उत्पादन किया जा रहा है।

इनमें से कई समूह जैसे जागृति महिला स्वयं सहायता समूह बुलन्दशहर, अन्नपूर्णा महिला स्वयं सहायता समूह बरेली, गंगा महिला स्वयं सहायता समूह सहारनपुर आदि इस कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर अपनी भूमिका निभा रही हैं। बेहतर काम करने वाले समूहों को विभाग की ओर से सम्मानित भी किया जाता है।

रोजगार के साथ उन्नत खेती में भी योगदान

इसके माध्यम से न केवल ग्रामीण महिलाओं को स्वरोजगार एवं आय का अतिरिक्त जरिया मिला है, बल्कि गुणवत्तापूर्ण बीज की त्वरित उपलब्धता भी सुनिश्चित हुई है। सीडलिंग से कम बीज से अधिक आच्छादन किया जाना भी संभव हो रहा है। योजना के तहत अब तक प्रदेश के 37 गन्ना (Sugarcane) उत्पादक जिलों में 3,003 महिला स्वयं सहायता समूहों का गठन किया जा चुका है। इन समूहों के माध्यम से अब तक 2,463 लाख सीडलिंग का उत्पादन किया जा चुका है। इससे उन्हें लगभग 6478 लाख रुपये तथा प्रति समूह औसतन 75 हजार से 27 लाख रुपये प्रतिवर्ष की आय प्राप्त हुई है।

इसके अतिरिक्त महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार किये गये पौधों के खेत में रोपाई कराने के लिए उनके परिवार के सदस्यों को भी लगभग 1.70 करोड़ रुपये आय प्राप्त हुई है। इस योजना से अब तक 58,905 ग्रामीण महिलाओं को स्वरोजगार उपलब्ध हुआ है तथा कुल 3,70,600 कार्य दिवस का रोजगार सृजित हुआ है। समूहों द्वारा उत्पादित सीडिलिंग की बोआई से कुल 9,265 हेक्टेयर रकबे में गन्ने की नई प्रजातियों खासतौर पर नवीन गन्ना किस्मों (कोशा 13235, कोशा 14201, कोशा 15030 आदि) का आच्छादन हुआ है।

ग्राउंड जीरो पर उतरे सीएम योगी, लिया हालात का जायजा

उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में नगदी फसल के रूप में बड़े पैमाने पर गन्ने (Sugarcane) की खेती होती है। लगभग 46 लाख किसान परिवारों की आजीविका का यही प्रमुख स्रोत है। इन किसानों की बेहतरी के लिए योगी सरकार (Yogi Sarkar) अपने पहले कार्यकाल से ही प्रतिबद्ध है। गन्ना मूल्य में वृद्धि, नई एवं आधुनिक मिलों की स्थापना, पुरानी मिलों के आधुनिकीकरण के जरिये क्षमता विस्तार, पेराई एवं समय से रिकॉर्ड भुगतान इसके प्रमाण हैं।

Related Post

AK Sharma

स्वच्छता के प्रति गंभीर है प्रदेश सरकार, केन्द्र की गाइडलाइन्स के अनुसार कार्य कर रही: एके शर्मा

Posted by - September 13, 2024 0
लखनऊ। केन्द्रीय मंत्री, आवास एवं शहरी मंत्रालय मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व में स्वभाव स्वच्छता, संस्कार स्वच्छता की थीम के…
Siddharth Nath

अखिलेश इतने ही काबिल थे तो जनता ने क्यों किया खारिज : सिद्धार्थनाथ

Posted by - November 16, 2021 0
‘‘सुबह से मेरी हंसी रुक नहीं रही है। दरअसल अंग्रेजी के एक अखबार में मैंने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष…
Jewar Airport

2047 तक हर जिले को एयर कनेक्टिविटी से जोड़ेगा यूपी, निवेश और उद्योग को मिलेगी रफ्तार

Posted by - September 5, 2025 0
लखनऊ। उत्तर प्रदेश को 2047 तक विकसित यूपी (Viksit UP) बनाने के संकल्प में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने…