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रजनीकांत का पेरियार पर आपत्तिजनक टिप्‍पणी के लिए माफी मांगने से इनकार

CAA और NPR

CAA और NPR

कोयंबटूर। तमिल सुपरस्‍टार रजनीकांत ने एक कार्यक्रम के दौरान पेरियार ईवी रामासामी को लेकर कथित तौर पर की गई अपमानजनक टिप्‍पणी पर माफी मांगने से इनकार कर दिया है। बता दें कि उन्‍होंने कहा था कि पेरियार हिंदू देवी-देवताओं के कट्टर आलोचक थे। उन्‍होंने 1971 में सलेम में अंधविश्वास उन्मूलन सम्मेलन के दौरान भगवान राम और सीता की आपत्तिजनक तस्वीरें दिखाई थीं। इसके बाद भी किसी ने पेरियार की आलोचना नहीं की।

केवल चो (रामासामी) ने उनसे मोर्चा लिया। बता दें कि रजनीकांत ने पेरियार के बारे में यह टिप्‍पणी चेन्‍नई में 14 जनवरी 2020 को तुगलक मैगजीन की 50वीं वर्षगांठ पर आयोजित कार्यक्रम में की थी। चो इस मैगजीन के संस्‍थापक थे। इस मामले में रजनीकांत के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई गई है। वहीं कई जगह उनके खिलाफ प्रदर्शन भी हो रहे हैं।

‘डीएमके सरकार ने मैगजीन को कर लिया था जब्‍त’

रजनीकांत ने कहा था कि तुगलक ही अकेली मैगजीन थी, जिसने उस कार्यक्रम को कवर किया। चो ने उस कार्यक्रम में हिंदू देवी-देवताओं के अपमान की बात उजागर की. ये सत्‍तारूढ़ डीएमके (डीएमके) को पसंद नहीं आया। मैगजीन के उस संस्‍करण को तमिलनाडु सरकार ने जब्‍त कर लिया. लेकिन, चो ने इसे दोबारा छापा। इसके बाद मैगजीन ब्‍लैक में बिकी। उस दौरान जो मैगजीन 10 रुपये की बिकती थी, उसकी बिक्री 50 और 60 रुपये में हुई. एम. करुणानिधि  ने मैगजीन को मुफ्त की पब्लिसिटी दे दी।अगले संस्‍करण में चो ने उन्‍हें पब्लिसिटी मैनेजर के तौर पर काम करने के लिए धन्‍यवाद भी दिया।

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रजनीकांत ने कहा, मैं अपनी बात को साबित करूंगा

सुपरस्‍टार ने कार्यक्रम में कहा कि चो का रुख डीएमके संरक्षक एम. करुणानिधि को पसंद नहीं आया. चो को करुणानिधि का गुस्‍सा झेलना पड़ा। इसके बाद चो पूरे देश में लोकप्रिय हो गए। वह उस समय की सरकार के कट्टर विरोधी थे। रजनीकांत की इस टिप्‍पणी के बाद द्रविड़ विधुथलाई कझगम (DVK) ने आरोप लगाया कि रजनीकांत ने पेरियार के बारे में सरासर झूठ बोला है। साथ ही अभिनेता से इस मामले में माफी मांगने की मांग की। इस पर रजनीकांत ने माफी मांगने से इनकार कर दिया। रजनीकांत ने सोमवार को कहा कि मैं अपनी बात से पीछे नहीं हटूंगा। मैं इसे साबित कर सकता हूं।

द्रविड़ विधुथलाई कझगम ने दर्ज कराई शिकायत

द्रविड़ समूह ने शुक्रवार को कोयंबटूर पुलिस आयुक्‍त को रजनीकांत के खिलाफ मामले में शिकायत दी। डीवीके के कोयंबटूर प्रमुख नेहरूदास ने उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 153 (a) (धर्म के आधार पर समाज में शत्रुता फैलाना) और 505 (लोगों को भ्रमित करने और उकसाने वाला बयान देना) के तहत कार्रवाई की मांग की। रजनीकांत ने कार्यक्रम के दौरान यह भी कहा था कि बहुत से लोगों को उनके विरोधियों ने ही ऊंचाइयों पर पहुंचाया। उनका विरोध के बाद भी ऊंचाई पर पहुंचना उनकी हालत से निपटने की क्षमता पर निर्भर रहा। इसके बाद उन्‍होंने 1971 की घटना की बात की। इसके साथ ही उन्‍होंने दो और घटनाओं का भी जिक्र किया।

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