आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि देश में रहने वाले सभी का डीएनए एक ही है, जो चाहते हैं कि मुसलमान यहां नहीं रहें, वो सच्चे हिन्दू नहीं हैं। भागवत के इसी बयान पर बयानबाजी का दौर जारी है, अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने एक बार फिर निशाना साधा है। दिग्विजय सिंह ने कहा कि अगर हिंदुओं और मुसलमानों का डीएनए एक ही है, तो धर्म परिवर्तन के खिलाफ कानून बनाने का क्या फायदा है?
सीहोर में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा की तो इसका मतलब है कि मोहन भागवत और ओवैसी का डीएनए भी एक ही है। इससे पहले दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर कहा था कि भागवत जी, कृपया आपके हिंदू राष्ट्रवादी समूहों के लोगों को समझाएं। जब हम सभी का एक ही DNA है तो फिर “लव जिहाद” कैसा?”
If the DNA of Hindus and Muslims is the same, then what is the use of the law against religious conversions? What is the use of the law against 'Love Jihad'? Then it means that the DNA of Mohan Bhagwat & Owaisi is the same: Congress leader Digvijaya Singh, in Sehore (MP) (07.07) pic.twitter.com/fqfXsGfZ3L
— ANI (@ANI) July 8, 2021
मध्य प्रदेश के सीहोर में दिग्विजय सिंह ने कहा कि, यदि हिंदुओं और मुसलमानों का डीएनए एक ही है तो फिर धर्म परिवर्तन के खिलाफ कानून की क्या आवश्यकता है। लव जिहाद के खिलाफ कानून की क्या जरूरत है। उन्होंने कहा कि इसका मतलब है कि मोहन भागवत और ओवैसी का डीएनए भी एक ही है।
गौरतलब है कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने मुस्लिम राष्ट्रीय मंच द्वारा आयोजित कार्यक्रम में रविवार को कहा था कि सभी भारतीयों का डीएनए एक है, चाहे वे किसी भी धर्म के हों। उन्होंने कहा था कि हिंदू-मुस्लिम एकता भ्रामक है क्योंकि वे अलग-अलग नहीं, बल्कि एक हैं. पूजा करने के तरीके के आधार पर लोगों में भेद नहीं किया जा सकता।
आरएसएस प्रमुख ने कहा था कि , यदि कोई कहता है कि मुसलमानों को भारत में नहीं रहना चाहिए तो वह हिन्दू नहीं है। हम एक लोकतंत्र में हैं। यहां हिन्दुओं या मुसलमानों का प्रभुत्व नहीं हो सकता। यहां केवल भारतीयों का वर्चस्व हो सकता है।