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डीआरडीओ प्रमुख बोले – मिशन शक्ति को नहीं रख सकते थे गोपनीय

मिशन शक्ति

मिशन शक्ति

नई दिल्ली। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के प्रमुख जी सतीश रेड्डी ने शनिवार को पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के मिशन शक्ति पर दिए गए बयान पर पलटवार किया है। डीआरडीओ प्रमुख ने कहा कि मिशन शक्ति की प्रकृति ऐसी है कि इसको किसी भी स्थिति में गोपनीय नहीं रखा जा सकता है। उन्होंने बताया कि उपग्रह को दुनियाभर के कई स्टेशनों के जरिये ट्रैक किया जाता है।

अमेरिका और चीन ने भी परीक्षणों को करने के बाद दुनिया को दी थी जानकारी

इस दौरान उनसे यह पूछा गया कि इस तरह के परीक्षण को करने के बाद सार्वजनिक करने की क्या जरूरत थी? क्या चुनावी मौसम में इसके बारे में बताने से पहले सभी संबंधित संस्थानों से मंजूरी ली गई थी? इस सवाल के जवाब में रेड्डी ने कहा कि टेस्ट के बाद इस तरह के मिशन को तकनीकी रूप से गुप्त नहीं रखना चाहिए। उन्होंने बताया कि  मिशन शक्ति के लिए सभी जरूरी मंजूरियां ली गई थीं। जी सतीश रेड्डी ने कहा कि अमेरिका और चीन ने भी इस तरह के परीक्षणों को करने के बाद दुनिया को इसकी जानकारी दी थी।

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एंटी-सैटेलाइट मिसाइल टेस्ट का मलबा 45 दिनों के अंदर पूरी तरह हो जाएगा नष्ट

जी सतीश रेड्डी ने बताया कि भारत ने मिशन शक्ति के लिए बहुत ही निम्न कक्षा चुनी ताकि वैश्विक अंतरिक्ष संपत्तियों को मलबे से खतरा न हो। उन्होंने कहा कि एंटी-सैटेलाइट मिसाइल टेस्ट से अंतरिक्ष में जो मलबा तैयार हुआ है, वह 45 दिनों के अंदर पूरी तरह नष्ट हो जाएगा।

पी. चिदंबरम ने कहा ​था कि न समझ सरकार करती है देश की रक्षा क्षमता का खुलासा

गौरतलब है कि हाल ही में मिशन शक्ति को लेकर पी. चिदंबरम ने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि अंतरिक्ष में उपग्रह को मार गिराने की क्षमता हमारे पास कई सालों से रही है। लेकिन उस समय की सूझबूझ वाली सरकार ने देश की इस क्षमता को गोपनीय रखा था। उन्होंने कहा था कि न समझ सरकार ही देश की रक्षा क्षमता का खुलासा करती है।

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