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सीएम योगी ने किया ‘रामायण विश्‍व महाकोश’ पुस्तक का विमोचन

cm yogi adityanath launches ramayana vishwa mahakosh

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को लखनऊ में रामायण विश्व महाकोश (Ramayana Vishwa Mahakosh) के प्रथम संस्करण का विमोचन किया। उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी के प्रेक्षागृह में इस अवसर पर उन्होंने रामायण तथा महाभारत की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हम सब जानते हैं कि भारत आज जिस रूप में है, उसकी सीमाएं उत्तर से दक्षिण तक अगर आज भी उस रूप में बनी हैं तो उसका श्रेय भगवान राम को जाता है।

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को गोमतीनगर स्थित संगीत नाटक अकादमी में रामायण विश्व महाकोश (Ramayana Vishwa Mahakosh) पुस्तक के प्रथम संस्करण का विमोचन किया। इस दौरान सीएम योगी ने कहा कि पाकिस्तान एक अलग राजनितिक इकाई के रूप में भारत को अलग ही चुनौती देता है ,लेकिन सच्चाई यही है कि 1947 से पहले वह भारत का ही हिस्सा था और भगवान राम के समय में भगवान राम ने ही अपने भाई के पुत्र को वहां का शासक बनाकर वहां सीमाओं के विस्तार के लिए भेजा था, रामायण महाभारत की कहानियां हमें बताती है, भारत की उत्तर से दक्षिण और पूरब से पश्चिम तक का विस्तार, वृहत्तर भारत का दृश्य प्रस्तुत करती हैं। वहीं कार्यक्रम में लोक गायिका मालिनी अवस्थी भी शामिल हुई। पुस्तक विमोचन व मुख्यमंत्री भाषण के बाद संगीत नाटक अकादमी में कथक सीख रही छात्राओं ने डांस प्रस्तुति भी दी।

पाकिस्‍तान समेत दुनिया भर में रामायण के प्रमाण

वैश्विक स्तर पर पाकिस्तान, ईरान ईराक, यूरोप समेत दुनिया भर के देशों में लगभग 5000 वर्ष पूर्व से रामायण की मूर्त विरासत, स्थापत्य, मूर्ति और चित्रकला आदि के साक्ष्‍य मिलते हैं। कार्यशाला में शामिल विद्वानों के मुताबिक यूरोप के लगभग सभी देश राम को अपना पहला पूर्वज स्वीकार करते हैं। विद्वानों का दावा है कि गांधार क्षेत्र में 2500 ई0पू० ‘राम तख्त’ प्राप्त होते हैं और गान्धार के अनेक गांवों के नाम राम और सीता पर हैं। तक्षशिला का नाम भरत के बड़े पुत्र तक्ष के नाम से है। पाकिस्तान का पूरा गांधार क्षेत्र रामायण संस्कृति से समृद्ध है।

उन्होंने कहा, बहुत सारे लोग राम के अस्तित्व पर प्रश्नचिन्ह लगाते थे। वहीं अयोध्या के बारे में संदेह प्रकट करते थे। यही विकृत मानसिकता भारत को अपने गौरव से सदैव वंचित करती रही है। यहां लोग छोटे छोटे बातों को लेकर वितंडा खड़ा करते हैं, जो सेक्युलरिज्म शब्द है, भारत की परम्पराओं के वैश्विक मंच पर पहचान दिलाने का वहीं सबसे बड़ा खतरा है। जितने लोग भारत के खिलाफ वातावरण और माहौल बनाते हैं। इन्हे दुनिया से जूठन के रूप में पैसा मिल जाता होगा, लेकिन दुनिया के अंदर की कद्र नहीं है, इनके बारे में लोग जानते हैं कि ये अपने देश के साथ गद्दारी करते हैं, दुनिया के हितैषी नहीं हो सकते। ये लोग ,ये बिकाऊ लोग हैं. चंद पैसो के लिए ये लोग अपनी आत्मा बेच चुके हैं, भारत के बारे दुष्प्रचार करने वाले न घर के हैं न ही घाट के।

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