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भाजपा हाईकमान को यकीन नहीं कि तीरथ सिंह चुनाव जीत सकेंगे, बदल सकते हैं उत्तराखंड के सीएम!

उत्तराखंड में अगले साल विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू हो गई हैं, सियासी गलियारों में चर्चा है कि उत्तराखंड सीएम बदल सकते हैं। द इंडियन एक्सप्रेस में छपे कॉलम दिल्ली कॉन्फिडेंशियल के मुताबिक भाजपा हाईकमान को यकीन नहीं है कि तीरथ सिंह रावत चुनाव जीत सकेंगे। मुख्यमंत्री तीरथ अप्रैल में सीएम बने थे और उन्हें 10 सितंबर तक विधानसभा का सदस्य निर्वाचित होना अनिवार्य है, गंगोत्री सीट से चुनाव लड़ सकते हैं।

रावत ने बुधवार को भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठक की, लेकिन उनके भविष्य पर कोई अंतिम फैसला नहीं हो पाया है। अब कयास लगाए जा रहे हैं कि अंतिम समय में चुनाव से बचने के लिए भाजपा नया मुख्यमंत्री नियुक्त कर सकती है।भाजपा उत्तराखंड में उपचुनाव कराना चाहती है। चुनाव आयोग कोविड की वजह से अभी एक राज्य में चुनाव कराने के पक्ष में नहीं है। वहीं, कांग्रेस ने पीपुल्स रिप्रेजेंटेशन एक्ट 1951 का हवाला देते हुए कहा है कि जब विधानसभा चुनाव एक साल के भीतर होने हैं तो उप-चुनाव नहीं कराए जा सकते।

ऐसे में भाजपा के पास मुख्यमंत्री बदलने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं है। हालांकि ये भाजपा का आंतरिक मामला है। हालांकि पीपुल्स रिप्रेजेंटेशन एक्ट के तहत चुनाव आयोग के पास ये अधिकार है कि वो खुद तय करे राज्य के लिए उपचुनाव कराना जरुरी है या नहीं। 1999 में ओडिशा राज्य में ऐसा हो चुका है। तब विधानसभा का कार्यकाल एक साल से कम बचा था, लेकिन उपचुनाव कराए गए थे।

उत्तराखंड के राजनीतिक इतिहास में 20 साल के भीतर राज्य के जनता ने 8 मुख्यमंत्री देखे। सिर्फ नारायण दत्त तिवारी ऐसे मुख्यमंत्री रहे, जिन्होंने अपना 5 साल का कार्यकाल पूरा किया है। नारायण दत्त साल 2002 से 2007 तक मुख्यमंत्री रहे।

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