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रेप पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए योगिता भयाना ने छोड़ दी एविएशन की नौकरी

कई ऐसे लोग हैं जिन्होंने बेहतर समाज बनाने के लिए अपनी सुख-सुविधाओं से भरी जिंदगी  त्याग कर दूसरों के लिए समर्पित कर दिया है। योगिता भयाना (Yogita Bhayana) भी उन्हीं लोगों में से एक हैं, जो लगातार महिला सुरक्षा और रेप पीड़ितों की मदद के लिए काम कर रही हैं। बता दें कि योगिता एक सोशल एक्टिविस्ट हैं और पिछले 14 साल से इस क्षेत्र में सक्रिय हैं। आम लड़कियों की तरह योगिता भी अच्छी जिंदगी जीना चाहती थी, लेकिन एक घटना ने उन्हें सोचने पर मजबूर कर दिया। इस घटना के बाद वह दूसरों की सेवा के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया।

साल 2012 में निर्भया कांड का नेतृत्व योगिता भयाना ने किया था। इसके बाद से वह महिलाओं की सुरक्षा के लिए लोगों को जागरूक करने का काम कर रही हैं। योगिता भयाना के अनुसार, सामाजिक कार्यों में उनकी भागीदारी काफी पहले थे। जब वो कक्षा 9 और 10 में थी, तब अपने घर के बाहर एक पेड़ के नीचे बच्चों को पढ़ाया करती थी। साथ ही, वरिष्ठ नागरिकों के लिए फंड भी जुटाया करती थी। इस तरह वह आगे भी लोगों के लिए काम करती रहीं।

समाज सेवा के लिए छोड़ दी अच्छी खासी नौकरी

द बेटर इंडिया को दिए रिपोर्ट के अनुसार, सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को देख योगिता बुरी तरह टूट गई थीं, इस घटना ने उनकी रातों की नींद उड़ा दी थी। इस घटना के बाद योगिता सोचने पर मजबूर हो गई थीं। उस वक्त वह काफी यंग थी, जब उन्होंने एक एक्सीडेंट में व्यक्ति को मरते देथा। उस वक्त एक्सीडेंट के बाद अपराधी वहां से भाग गया था। उस एक्सीडेंट में घायल व्यक्ति दर्द से तड़प रहा था, लेकिन वहां मौजूद लोग तमाशा देख रहे थे। व्यक्ति को तड़पता देख वहां कोई मदद के लिए आगे नहीं आया।

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तब मैं और मेरी दोस्त वहां से गुजर रहे थे। हमने जब व्यक्ति को देखा तो उसकी मदद के लिए आगे आए। किसी तरह व्यक्ति को हम अस्पताल लेकर पहुंचे और तुरंत उसके घर वालों सूचित किया। अस्पताल सुसज्जित नहीं होने की वजह से उसे इलाज मिलने में घंटों लग गए। जब तक उसका इलाज शुरू होता, उसकी मौत हो गई थी। इस तरह एक व्यक्ति अपनी पत्नी और बच्ची को छोड़कर हमेशा के लिए चला जाता है। इस घटना ने मुझे यह सोचने  पर मजबूर किया कि आखिर इस देश में एक गरीब व्यक्ति का क्या जीवन है? इस घटना के बाद योगिता लोगों को जागरूक करने में जुट गईं। इसके बाद 2007 में, उन्होंने सड़क दुर्घटनाओं के शिकार लोगों की मदद के लिए दास चैरिटेबल फाउंडेशन का गठन किया।

योगिता भयाना ने दिल्ली से की है पढ़ाई

बेटर इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, योगिता भयाना ने गुरु गोबिंद सिंह विश्वविद्यालय से डिजास्टर मैनेजमेंट में मास्टर डिग्री हासिल की है। उन्हें किंगफिशर एयरलाइंस में काम करने का मौका भी मिला था, लेकिन इसकी जगह उन्होंने समाज सेवा को चुना। पढ़ाई पूरी करने के बाद से ही योगिता लगातार समाज सेवा के लिए काम कर रही हैं। साल 2012 में हुए निर्भया गैंगरेप जैसे अपराध के लिए भी योगिता लड़ चुकी हैं।

इस घटना से आहत होने के बाद योगिता ने रेप अपराध को सहने वालों को न्याय दिलाने के लिए कुछ करने का फैसला किया। उन्होंने बताया कि ‘जब निर्भया का मामला उठाया गया था तब उनके पास बलात्कार और क्रूरता के लगभग 8 या 9 मामले और आए थे। उस वक्त उनका सारा दिन कोर्ट में ही बीत जाता था, क्योंकि एक सुनवाई के बाद दूसरी सुनवाई में जा रही थी। हालांकि, उस वक्त सारा ध्यान और सहारा निर्भया की मां की तरफ था, लेकिन ऐसे कई और भी केस थे, जिनपर गौर नहीं किया जा रहा था। योगिता ने बताया कि उस वक्त उन्हें किसी ऐसे व्यक्ति की बहुत ज्यादा आवश्यकता थी, जो उन्हें सहायता प्रदान करें। ऐसे में वो उन सभी लोगों के साथ खड़ी रहीं।

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