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योगी सरकार ने दी कांवड़ यात्रा को मंंजूरी, सुप्रीम कोर्ट ने थमा दिया नोटिस

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा कांवड़ यात्रा को मंजूरी दिए जाने के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वयं संज्ञान लेकर नोटिस थमाया है। जस्टिस फली नरीमन ने नोटिस थमाई है, इस मामले में शुक्रवार यानी 16 जुलाई को सुनवाई होगी, यूपी सरकार अपना पक्ष रखेगी। महामारी के बीच कांवड़ यात्रा को मंंजूरी देते वक्त सीएम ने प्रोटोकॉल का पालन करवाने की बात कही, हालांकि धर्म के मामले में ये संभव होता नजर नहीं आता।

सीएम ने अधिकारियों से कहा था कि दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा, उत्तराखंड सरकार से बात करने के बाद दिशा-निर्देश जारी करें। वहीं पड़ोसी राज्य उत्तराखंड ने कांवड़ यात्रा की अनुमति न देने का फैसला किया है, सीएम धामी ने कहा- लोगों की जिंदगी प्राथमिकता में हैं।

जस्टिस आर.एफ. नरीमन ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि हमने परेशान करने वाली खबर पढ़ी है कि यूपी सरकार कांवड़ यात्रा को मंजूरी दे रही है, जबकि उत्तराखंड सरकार ने इस पर रोक लगाई है। बेंच ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि एक तरफ पीएम नरेंद्र मोदी ने कोरोना से निपटने के लिए सख्ती बरतने की जरूरत बताई है।

वहीं यूपी सरकार कांवड़ यात्रा को मंजूरी दे रही है। शीर्ष अदालत ने यूपी, उत्तराखंड और केंद्र सरकार से इस मामले पर शुक्रवार सुबह तक जवाब मांगा है। अदालत ने कहा कि 25 जुलाई से कांवड़ यात्रा की शुरुआत होनी है। ऐसे में इस अहम मुद्दे पर जल्दी सुनवाई होना जरूरी है।

बता दें कि उत्तराखंड सरकार ने कांवड़ यात्रा को कोरोना संकट के चलते रोकने का फैसला लिया है, जबकि यूपी सरकार ने कुछ पाबंदियों के साथ राज्य में इसे जारी रखने का फैसला लिया है। लंबे समय तक चली पसोपेश के बाद मंगलवार को उत्तराखंड सरकार ने कांवड़ यात्रा रोकने का फैसला लिया था। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा था कि कांवड़ यात्रा से अहम है लोगों की जानें बचाना।

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इसलिए कांवड़ यात्रा को लगातार दूसरी बार कैंसिल करने का फैसला लिया गया है। बता दें कि आईएमए की उत्तराखंड यूनिट ने भी कांवड़ यात्रा का विरोध किया था और सरकार से अपील की थी कि कोरोना की तीसरी लहर को रोकने के लिए इसे परमिशन देना ठीक नहीं होगा।

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