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योगी सरकार के संस्कृत संवर्धन प्रयासों को मिला राष्ट्रीय सम्मान

Yogi Government's Sanskrit promotion efforts received national honor

Yogi Government's Sanskrit promotion efforts received national honor

लखनऊ/नई दिल्ली: संस्कृत (Sanskrit) भाषा के प्रचार-प्रसार और पुनरुत्थान के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश को ऐतिहासिक सफलता मिली है। योगी आदित्यनाथ सरकार की नीतिगत प्रतिबद्धता और सक्रिय पहल के फलस्वरूप आज उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान को राष्ट्रीय मंच पर विशेष सम्मान प्राप्त हुआ।

दिल्ली विश्वविद्यालय के खेल परिसर में संस्कृतभारती, दिल्ली एवं केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित 1008 सामूहिक संस्कृत संभाषण शिविरों के समापन समारोह में यह सम्मान प्रदान किया गया।

योगी सरकार की नीतियां बनीं सम्मान का आधार

उत्तर प्रदेश सरकार ने संस्कृत (Sanskrit) के प्रचार, संरक्षण एवं व्यवहारिक विस्तार को लेकर बीते वर्षों में जो योजनाएँ क्रियान्वित कीं—जैसे संस्कृत शिक्षकों की नियुक्ति, संवादात्मक प्रशिक्षण शिविर, पाठ्यक्रमों का आधुनिकीकरण तथा संस्कृत के लिए विशेष बजट प्रावधान—उन्हीं प्रयासों के परिणामस्वरूप यह राष्ट्रीय सम्मान प्राप्त हुआ।

यह पुरस्कार न केवल संस्थान के लिए, बल्कि योगी सरकार की भाषा नीति के लिए एक राष्ट्रीय स्वीकृति भी है।

संस्कृति नीति की विजय

उत्तर प्रदेश संस्कृत (Sanskrit) संस्थान की ओर से समन्वयिका राधा शर्मा ने यह सम्मान ग्रहण करते हुए इसे योगी सरकार के मार्गदर्शन, समर्पण और संस्कृतभाषा के प्रति निष्ठा का प्रतिफल बताया। उन्होंने कहा कि यह सम्मान पूरे प्रदेश की शिक्षा और संस्कृति नीति की विजय है।

प्रशिक्षकों ने निभाई अहम भूमिका

संस्थान के अनेक प्रशिक्षकों ने इस अभियान को सफल बनाने में सक्रिय भूमिका निभाई, जिनमें प्रमुख नाम हैं: अंजु मिश्रा, आस्था शुक्ला, दीपिका मिश्रा, डॉ. दिवाकर मिश्र, डॉ. सत्यप्रकाश मिश्र, गरुण मिश्र, गीता वशिष्ठ, कीर्ति अत्रि, खुशी शर्मा, नीतू सक्सेना, प्रियंका शुक्ला, शिवप्रताप मिश्र, रजनीश तिवारी, रुद्रनारायण पांडेय आदि।

उत्तर प्रदेश बना संस्कृत (Sanskrit) जागरण का पथप्रदर्शक

इस भव्य आयोजन में देशभर से आए संस्कृत (Sanskrit) प्रेमियों, विद्वानों, छात्रों एवं शिक्षकों ने भाग लिया। प्रतिनिधियों ने इस सम्मान को “उत्तर प्रदेश के लिए संस्कृत पुनर्जागरण का स्वर्ण क्षण” कहा और भविष्य में और अधिक समर्पण से कार्य करने का संकल्प लिया।

इस समारोह के मुख्य अतिथि भारत सरकार के गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह रहे। विशिष्ट अतिथि के रूप में दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता तथा मुख्य वक्ता संस्कृतभारती के संगठन मंत्री जयप्रकाश उपस्थित रहे। अध्यक्षता डॉ. वागीश बी. जी., प्रान्ताध्यक्ष, संस्कृतभारती, दिल्ली ने की।

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