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बच्चों को तकनीक के साथ साइबर सुरक्षा में भी दक्ष बना रही योगी सरकार

Cyber Security

Cyber Security

लखनऊ । डिजिटल दौर में बच्चों पर साइबर क्राइम (Cyber Crime) के बढ़ते खतरे से निपटने के लिए योगी सरकार (Yogi GOvernment) गंभीरता से प्रयास कर रही है। इसी क्रम में इंडियन चाइल्ड प्रोटेक्शन फंड (आईसीपीएफ) की ओर से मोहान रोड स्थित जयप्रकाश नारायण सर्वोदय बालिका विद्यालय के सभागार में बुधवार से दो दिवसीय साइबर सुरक्षा (Cyber Security) एवं जागरूकता कार्यक्रम की शुरुआत हुई। इस जागरूकता कार्यक्रम के पहले दिन ‘ट्रेन द ट्रेनर’ पद्धति से प्रदेश में संचालित 105 आवासीय सर्वोदय व एकलव्य विद्यालयों में से प्रत्येक विद्यालयों के दो शिक्षकों को मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षित किया गया। इस जागरूकता कार्यक्रम में आईसीपीएफ की ओर से पहले चरण में 10 मंडल के 32 विद्यालयों के 64 शिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया।

बच्चों को मानसिक रूप से सशक्त बनाना उद्देश्य

योगी सरकार का उद्देश्य है कि सर्वोदय विद्यालय के छात्र-छात्राओं को साइबर शोषण से रोकथाम के लिए जागरूक कर मानसिक रूप से सशक्त बनाया जाए। इसी के मद्देनजर समाज कल्याण विभाग और आईसीपीएफ के बीच एमओयू साइन किया गया था। जागरूकता कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षित मास्टर ट्रेनर छात्र-छात्राओं को साइबर शोषण, ऑनलाइन गतिविधियों के दौरान तनाव का मानसिक स्वास्थ्य पर असर, डिजिटल उपकरणों जैसे मोबाइल, टैबलेट, कंप्यूटर आदि को सुरक्षित रखने संबंधी तकनीकी जानकारी एवं कानूनी पहलुओं के संबंध में जागरूक कर सुरक्षित वातावरण विकसित करेंगे। इस संबंध में राज्य मंत्री ,समाज कल्याण(स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने कहा कि सभी सर्वोदय विद्यालयों में कंप्यूटर और टैब लैब संचालित किए जा रहे हैं। ऐसे में बच्चों को तकनीक के साथ साइबर सुरक्षा (Cyber Security)के प्रति दक्षता भी आवश्यक है।

तीन चरणों में प्रशिक्षण कार्यक्रम

आईसीपीएफ की ओर से तीन चरणों में प्रदेश में संचालित 105 आवासीय सर्वोदय व एकलव्य विद्यालयों के शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। हर चरण में 10 मंडल के प्रत्येक विद्यालय के दो शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाएगा। पहले चरण में जागरूकता कार्यक्रम 18 और 19 अक्टूबर को, दूसरे चरण में 26 और 27 अक्टूबर को और तीसरे चरण में 20 और 21 नवंबर को चलेगा।

काउंसलिंग के जरिए करेंगे समाधान

प्री-इंटरवेंशन एवं पोस्ट-इंटरवेंशन सर्वेक्षण कर उसके अनुरूप छात्र-छात्राओं की काउंसलिंग की जाएगी, जिसके माध्यम से उनकी समस्याओं का समाधान किया जाएगा। विद्यालयों में लिखित सामग्री, वीडियो, सॉफ्टवेयर एवं पोस्टर के माध्यम से साइबर यौन शोषण संबंधी मामलों के प्रति जागरूक किया जाएगा। इसके अलावा मानसिक रूप से मजबूत कर ऐसी घटनाओं पर शिकायत दर्ज करवाने के लिए भी प्रेरित किया जाएगा।

बच्चों की ऑनलाइन सुरक्षा के लिए सजग आईसीपीएफ

आईसीपीएफ बच्चों की ऑनलाइन सुरक्षा (Cyber Security)और खास तौर से ऑनलाइन साइबर सुरक्षा के खतरों से निपटने के लिए काम कर रहा है। खास तौर से बच्चों, अभिभावकों और शिक्षकों के बीच जागरूकता पैदा करने के साथ ही बच्चों को ऑनलाइन साइबर सुरक्षा के खतरे से बचाने के लिए काम कर रहा है।

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