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सहज रीति से कार्यकर्ता सज्जनों के साथ मिलकर कार्य करें : मोहन भागवत

मोहन भागवत

मोहन भागवत

गोरखपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के पांच दिवसीय कार्यकर्ता सम्मेलन हो रहा है। सम्मेलन के दूसरे दिन सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने वामपंथ की ओर इशारा किया। इसके साथ ही उन्होंने लम्बे समय से समाज तोड़क विपरीत सम्वाद खड़ा करने की बात कही और इसे दूर करने को सामाजिक समरसता को जरूरी बताया।

मोहन भागवत ने सज्जन लोगों को सहयोगी बनाने का मंत्र भी दिया

उन्होंने स्वयं सेवकों को गांव जाने और सामाजिक परिवर्तन के लिए होने वाली गतिविधियों में सज्जन लोगों को सहयोगी बनाने का मंत्र भी दिया। बैठक में पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र की कार्यकारिणी, अवध, काशी, गोरक्ष, कानपुर प्रान्त टोली, प्रान्त कार्यकारिणी के अलावा पर्यावरण, सामाजिक समरसता, परिवार प्रबोधन, धर्मजागरण, समग्र ग्राम विकास व गो सेवा जैसी गतिविधियों की प्रान्त टोलियां शामिल हैं।

सरसंघचालक ने कहा कि सभी समाज को एक साथ लेकर है चलना 

शनिवार को सरसंघचालक ने कहा कि सभी समाज को एक साथ लेकर चलना है। गांव-गांव जाकर भारतीय जीवन मूल्यों के प्रकाश में सामाजिक परिवर्तन की चल रहीं गतिविधियों में सज्जनों को जोड़ें। इस कड़ी को बढ़ाते चलें। स्वस्थ्य समाज का निर्माण हो जाएगा। उन्होंने कहा कि बिना किसी प्रचार व शासन सत्ता के सहयोग से कार्य को गति दें। सहज रीति से कार्यकर्ता सज्जनों के साथ मिलकर कार्य करें। सामाजिक परिवर्तन का प्रकट रूप स्वतः खड़ा होगा। पूरे समाज से आपसी भेदभाव को दूर करने का कार्य ही स्वयंसेवक का गुण है। हमें समाज को सभी विकारों से मुक्त करके समरस भाव वाले सामाजिक परिवेश को तैयार करना है।

जाति-पाति, विषमता, अस्पृश्यता जैसे सामाजिक विकार समाज से शीघ्र करना है समाप्त 

तीन सत्रों में सम्पन्न बैठक में सरसंघचालक ने सभी गतिविधियों में चल रहे कार्यों की जानकारी ली। सामाजिक समरसता के कार्यकर्ताओं से चर्चा की। इस दौरान उन्होंने कहा कि कुछ विकृतियों के कारण समाज का तानाबाना टूटा है। जाति-पाति, विषमता, अस्पृश्यता जैसे सामाजिक विकार समाज से शीघ्र समाप्त करना है। समाज का मन बदलें। सामाजिक अहंकार और हीनभाव दोनों समाप्त करने से ही लक्ष्य प्राप्त होगा।

संघ प्रमुख ने दिया यह दिया मंत्र

जताई चिंता

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