Site icon News Ganj

विकास में पुरुषों के बराबर योगदान कर रही हैं महिलाएं

लखनऊ डेस्क। आज सरकार की ओर से आजीविका मिशन के तहत गांवों में महिलाओं को समूह के माध्यम से धनराशि दी जा रही है। छोटे-छोटे उद्यम कर परिवार के विकास में महिलाएं पुरुषों के बराबर योगदान कर रही हैं। यह कहना है प्रभारी बीडीओ/एडीओ आईएसबी रामराज का।

ये भी पढ़ें :-स्मृति ईरानी ने शेयर की बेटी की फोटो, बोली- गर्व है मुझे कि मैं इसकी मां हूं 

आपको बता दें 10 से 15 महिलाएं समूह का गठन कर सकती हैं। इसके बाद धीरे-धीरे समूह को ढाई लाख तक धनराशि छोटे-छोटे उद्यम के लिए दिए जाते हैं। विशिष्ट अतिथि प्रभारी निरीक्षक सोनहा शिवाकांत मिश्र ने महिलाओं को सुरक्षा के संबंध में जानकारी दी। कहा कि सरकार और पुलिस प्रशासन के लाख कवायद के बाद चुप रहने के चलते समाज में महिलाओं के प्रति अपराध बढ़े हैं। झिझक छोड़कर हेल्पलाइन 1090, डॉयल 100 पर सही सूचना दें। आप का परिचय गुप्त रहेगा। समस्या निस्तारण तक महिला पुलिस संपर्क में बनी रहेगी।

ये भी पढ़ें :-पितृसत्तात्मक समाज को चुनौती दे रहीं हैं गुजरात की रसीला वाढेर 

जानकारी के मुताबिक महिलाएं आज घरेलू कामकाज के साथ-साथ योजनाओं के माध्यम से सिलाई, कढ़ाई बुनाई, फर्नीचर, हथकरघा, बांस की टोकरियां, पशुपालन आदि से पुरुषों के बराबर रुपये भी कमा रहीं हैं। सरकार भी ऐसे समूहों को सहायता प्रदान सशक्त बना रही है। घरेलू कामकाज कर बाकी समय में ऐसे समूहों और संगठनों से जुड़कर महिलाएं अपराजिता बन सकती हैं। स्वयं सहायता समूह में 10-15 महिलाएं होती हैं। उनके समूह को पंजीकृत कर, क्षमतावर्धन, आजीविका प्रशिक्षण के बाद 1.15 लाख तक की सहायता दी जाती है। इससे महिलाएं खुद का व्यवसाय शुरू कर सकती हैं।

Exit mobile version