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… तो शाहीनबाग पर क्यों चला बुलडोजर? सुप्रीम कोर्ट ने पूछा सवाल

Shaheen Bagh

Shaheen Bagh

नई दिल्ली। शाहीन बाग(Shaheen Bagh) में अतिक्रमण के खिलाफ हुई कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की है। अब सुप्रीम कोर्ट दोपहर 2 बजे इसपर सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया है कि जब अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई का मामला पहले से कोर्ट में है तो फिर बुलडोजर क्यों पहुंचा?

साउथ एमसीडी की टीम सोमवार सुबह पुलिस फोर्स के साथ अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई करने शाहीन बाग (Shaheen Bagh) पहुंची थी। यहां एमसीडी की टीम को लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा। लोगों के विरोध को देखते हुए CRPF की एक कंपनी अतिरिक्त दिल्ली पुलिस के साथ लॉ एंड ऑर्डर के लिए लगाई गई थी। CRPF के भी करीब 100 जवान तैनात किए गए थे।

उधर, नगर निगम की टीम अतिक्रमण हटाने के लिए बुलडोजर के अलावा टीम मलबा उठाने के लिए कुछ गाड़ियां अपने साथ लेकर यहां पहुंची थी। इसके अलावा MCD के कर्मचारियों के हाथों में लाल रंग का रिबन बांधा गया था, ताकि उनकी पहचान हो सके।

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भाजपा और नगर निगम के खिलाफ लोगों में दिखा गुस्सा

शाहीन बाग(Shaheen Bagh) में एमसीडी की टीम पहुंचते ही लोगों ने इस कार्रवाई का विरोध करना शुरू कर दिया। विरोध कर रहे लोगों ने दिल्ली नगर निगम और भारतीय जनता पार्टी के विरोध में नारेबाजी की। विरोध-प्रदर्शन कर रहे लोगों ने कहा कि हमारा विरोध सामान्य नहीं बल्कि रोटी के लिए विरोध है। इस दौरान मौके पर मौजूद पुलिस की टीम ने कार्रवाई के बीच में नारेबाजी कर रहे लोगों को वहां से हटा दिया। एमसीडी की इस कार्रवाई का विरोध करने वालों में महिलाएं भी शामिल रही। कई महिलाएं अतिक्रमण हटाने के लिए लाए गए बुलडोजर के आगे आकर खड़ी हो गईं। महिलाओं ने कहा कि किसी भी कार्रवाई से पहले एमसीडी को पहले उनपर बुलडोजर चलाना होगा।

बुलडोजर के आगे बैठे लोग,

शाहीन बाग(Shaheen Bagh) में एमसीडी की कार्रवाई के दौरान कुछ स्थानीय नेता भी पहुंचे थे। इनमें से कुछ नेता बुलडोजर के आगे भी बैठ गए। स्थानीय नेताओं ने पुलिस, प्रशासन, एमसीडी और भाजपा के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। उन्होंने कहा कि बुलडोजर की ये कार्रवाई अतिक्रमण के खिलाफ नहीं बल्कि गरीबों के खिलाफ की जा रही है। इसे रोकने के लिए हर कोशिश की जाएगी। कुछ लोगों ने आजतक से बातचीत की। एक शख्स ने कहा कि दिल्ली में 80 फीसदी निर्माण गैरकानूनी है, ऐसे में सबको तोड़ देना चाहिए। कुछ लोगों ने कहा कि शाहीन बाग में कुछ गैरकानूनी नहीं है और MCD और बीजेपी की तरफ से राजनीति चमकाने के लिए ऐसा किया जा रहा है।

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