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हरियाणा को बनाएंगे मैन्यूफैक्चरिंग का हब : नायब सिंह सैनी

CM Nayab Singh Saini

CM Nayab Singh Saini

गुरुग्राम: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी (CM Nayab) ने शुक्रवार को कहा कि विकसित भारत के निर्माण के संकल्प के साथ आगे बढ़ते हुए आने वाले दिनों में हरियाणा को मैन्यूफैक्चरिंग का हब बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में उद्योग अनुकूल और श्रमिक कल्याण नीतियों के कारण हरियाणा ने खुद को भारत के सबसे प्रगतिशील औद्योगिक शक्ति केंद्रों में से एक के रूप में स्थापित किया है। मुख्यमंत्री ने यह बात मानेसर स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ कॉरपोरेट अफेयर्स में उद्योग जगत के प्रतिनिधियों के साथ बजट के बाद बैठक को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2047 तक विकसित भारत का सपना देखते हैं। इस संकल्प को पूरा करने के लिए इस वर्ष के बजट में उद्योग एवं वाणिज्य विभाग का बजट बढ़ाकर 1,848 करोड़ रुपये से अधिक कर दिया गया है, जो पिछली बार से 129 प्रतिशत अधिक है।

उन्होंने (CM Nayab) कहा कि उद्योग जगत, विशेषकर निर्माण, कपड़ा, स्टार्टअप आदि के प्रतिनिधियों के सुझावों को भी इस वर्ष के बजट में शामिल किया गया है। बैठक में शामिल उद्योग जगत के प्रतिनिधियों ने भी बजट में उनके सुझावों को शामिल करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार ने औद्योगिक श्रमिकों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए चालू वित्त वर्ष के बजट में कई उपाय शामिल किए हैं। श्रमिकों की आवासीय जरूरतों को पूरा करने के लिए सभी औद्योगिक क्षेत्रों में 300 अटल किसान श्रमिक कैंटीन खोली जाएंगी, ताकि उन्हें उचित दरों पर पौष्टिक भोजन मिल सके। उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के विजन और ‘मेक इन हरियाणा’ के उद्देश्य के अनुरूप औद्योगिक नीतियों को केंद्र में रखकर हरियाणा मैन्युफैक्चरिंग हब बनेगा।

उन्होंने (CM Nayab) कहा कि औद्योगिक संस्थानों की प्रगति के बल पर आज हरियाणा जीएसटी संग्रह में देश में पांचवें स्थान पर है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से तीन तरफ से घिरा होने के कारण हमारी भौगोलिक स्थिति दिल्ली, पंजाब, राजस्थान और उत्तर प्रदेश जैसे पड़ोसी राज्यों के साथ अद्वितीय कनेक्टिविटी प्रदान करती है। यह निकटता व्यवसायों को बड़े उपभोक्ता बाजारों और उत्कृष्ट लॉजिस्टिक्स इंफ्रास्ट्रक्चर तक पहुंच प्रदान करती है। यह रणनीतिक लाभ वैश्विक निवेशकों को हमारे राज्य की ओर आकर्षित करता है। मुख्यमंत्री (CM Nayab) ने कहा कि हरियाणा सरकार ने व्यापार के अनुकूल माहौल बनाने और निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए हरियाणा उद्यम एवं रोजगार नीति-2020 जैसे कई महत्वपूर्ण उपायों को लागू किया है। उन्होंने कहा कि निवेशकों के लिए सरल और सुचारू स्वीकृति प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए हरियाणा सरकार ने ऑनलाइन सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम स्थापित किया है, जिससे हमें ईज ऑफ डूइंग बिजनेस इंडेक्स में शीर्ष राज्यों में स्थान पाने में मदद मिली है। उन्होंने कहा कि उपरोक्त प्रणाली में आवेदक को 15 दिनों की अवधि के भीतर सभी स्वीकृतियां प्रदान की जा रही हैं। यदि संबंधित व्यक्ति के दस्तावेजों में कुछ कमियां हैं, तो उन्हें दूर करने के लिए 30 दिनों की अवधि निर्धारित की गई है। इस पोर्टल के माध्यम से 40 से अधिक विभागों की 150 से अधिक सेवाएं ऑनलाइन प्रदान की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि औद्योगिक नीति को और अधिक व्यवसाय अनुकूल बनाने के लिए सरकार ने नई औद्योगिक नीति और एचएसआईआईडीसी की ईएमपी के सरलीकरण के लिए मौजूदा बजट में प्रावधान किया है।

आईएमटी खरखौदा की तर्ज पर हरियाणा में 10 नई औद्योगिक मॉडल टाउनशिप (आईएमटी) विकसित की जाएंगी, जिसके लिए भूमि की मांग एचएसआईआईडीसी द्वारा ई-भूमि पोर्टल पर दर्ज की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में लैंड पूलिंग और भूमि भागीदारी नीति को आकर्षक बनाने का काम चल रहा है, ताकि भूमिधारकों को विकास का समान लाभ मिल सके। नई औद्योगिक टाउनशिप को विश्व स्तरीय स्मार्ट औद्योगिक पार्क के रूप में विकसित किया जाएगा, जो हमारे उद्योग की वर्तमान और भविष्य की जरूरतों को पूरा करेगा। उन्होंने कहा कि स्टार्टअप की आवश्यकता और आर्थिक विकास में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को समझते हुए हरियाणा सरकार ने इस वर्ष के बजट में प्रत्येक औद्योगिक एस्टेट में इनक्यूबेशन सेंटर स्थापित करने का लक्ष्य रखा है। ये केंद्र युवा उद्यमियों को आवश्यक बुनियादी ढांचा, मार्गदर्शन और वित्तपोषण के अवसर प्रदान करेंगे ताकि वे अपने नवाचारों को सफल व्यवसायों में बदल सकें। उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री राव नरबीर सिंह ने कहा कि प्रदेश के उद्योग भी तेजी से आगे बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी औद्योगिक क्षेत्रों में सड़क, सीवरेज, सफाई आदि के लिए टेंडर जारी कर दिए गए हैं। औद्योगिक संगठनों की इस मांग पर अगले तीन महीने में काम शुरू हो जाएगा और छह महीने में इसे पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए नई नीति भी तैयार की जा रही है, जिसके तहत नए औद्योगिक क्षेत्र खोले जाएंगे।

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