मारिब। यमन के मारिब शहर में सऊदी अरब के नेतृत्व वाले सैन्य गठबंधन और हूती विद्रहियों के बीच जंग जारी है। सऊदी गठबंध ने रविवार को बताया कि उसने एक दिन में कम से कम 165 विद्रोहियों को मार दिया है। रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण मारिब में बीते कई महीनों से जंग चल रही है। विद्रोहियों को हवाई हमले करके मारा गया है। इस लड़ाई में सऊदी गठबंधन यमन सरकार का साथ दे रही है। इनकी जंग ईरान समर्थित चरमपंथी संगठन हूती के साथ हो रही है।
सऊदी अरब की सरकारी समाचार एजेंसी के मुताबिक, गठबंधन ने एक बयान जारी कर कहा है कि ‘बीते 24 घंटे में हवाई हमलों में 10 सैन्य वाहनों को तबाह किया गया है, हमलों में 165 विद्रोहियों की मौत हो गई है। गठबंधन ने कहा कि उसने पिछले एक हफ्ते में क्षेत्र में किए गए हमलों में करीब 1,000 ईरान समर्थित विद्रोहियों को मार दिया है। रोजाना दर्जनों की संख्या में इन्हें मारा गया है। बता दें कि हूती विद्रोही शायद ही कभी अपने नुकसान पर बयान देते हैं। इसके अलावा वह मरने वालों की संख्या को लेकर भी कुछ नहीं बोलते।
मारिब के कई फ्रंट पर हूती विद्रोहियों का कंट्रोल
इससे पहले हूती विद्रोहियों ने रविवार को ट्विटर पर कहा था कि उन्होंने अब्दिया सहित मारिब के आसपास के कई फ्रंट पर नियंत्रण हासिल कर लिया है, जो शहर से लगभग 100 किलोमीटर (60 मील) दक्षिण में स्थित हैं। सैन्य प्रवक्ता याहिया सारा ने बताया कि हूती बलों ने दक्षिणी यमन के शबवा में तीन जिलों और सऊदी समर्थित सरकार के अंतिम उत्तरी गढ़ मारिब में दो और जिलों पर कब्जा कर लिया है।
मारिब पर क्यों कब्जा चाहता है हूती?
इस साल फरवरी में विद्रोहियों ने सरकार के आखिरी उत्तरी गढ़ मारिब पर कब्जा करने के लिए कोशिशें तेज कर दी थीं। जिसके कारण दोनों पक्षों के सैकड़ों लोग मारे गए हैं। हूती अगर यहां कब्जा कर लेते हैं, तो उन्हें शांति वार्ता में अपनी स्थिति मजबूत करने में मदद मिलेगी। जबकि संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका युद्ध को समाप्त करने पर जोर दे रहे हैं।
हूतियों ने किसी भी संघर्ष विराम या वार्ता से पहले 2016 से सऊदी नाकाबंदी के तहत बंद सेना हवाई अड्डे को फिर से खोलने की मांग की है। मारिब में खूनी हमले करने के साथ-साथ हूतियों ने सऊदी अरब पर ड्रोन और मिसाइल से हमले भी तेज कर दिए हैं, जिसमें उसकी तेल फैसिलिटी को नुकसान पहुंचाया जा रहा है।
बता दें कि यमन में साल 2014 से लड़ाई चल रही है, तब हूती विद्रोहियों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त सरकार को यहां से हटा दिया था और राजधानी सना पर कब्जा कर लिया था।