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पंचायत चुनाव में न होने पाए हिंसा, जानें क्या है प्रशासन का फुल प्रूफ प्‍लान

UP panchayat chunav

गोरखपुर। त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों (UP Panchayat Election) के लिए डीएम की अध्यक्षता में गठित चार सदस्यीय टीम दो मार्च को सीटों के आरक्षण की अनंतिम सूची प्रकाशित करेगी। इस सूची को लेकर आपत्तियां दर्ज कराने के लिए लोगों के पास छह दिन का मौका रहेगा। इसके बाद आपत्तियों का निस्तारण और शासन की मुहर लगने के बाद 15 मार्च को आरक्षण की अंतिम सूची का प्रकाशन किया जाएगा। पंचायती राज विभाग आरक्षण सूची के प्रकाश की तैयारियों में जुटा है।

 भूमि विवाद से जुड़े मामलों की होगी विशेष निगरानी

पंचायत चुनाव (UP Panchayat Election) को देखते हुए गांवों में पुरानी रंजिश एवं भूमि विवाद से जुड़े प्रकरणों में छोटी-छोटी घटनाएं बड़ा रूप ले लेती हैं, इसे देखते हुए प्रशासन इस बार समय से सतर्क हो जाना चाहता है। अधिकारी हर कार्य दिवस पर कार्यालय में सुबह 10 से दोपहर 12 बजे तक अनिवार्य रूप से बैठकर समस्याएं सुनेंगे।

भूमि विवाद से जुड़े मामलों में टीम बनाकर उनका समय से निस्तारण कराया जाएगा। यदि समस्या नियम के अनुसार निस्तारित होने लायक होगी तो शिकायतकर्ता को स्पष्ट रूप से लिखित सूचना देनी होगी। थानाध्यक्ष एवं हल कांस्टेबल तथा लेखपाल से पुरानी रंजिश के बारे में फीडबैक लिया जाएगा और उसका समाधान किया जाएगा।

लेखपाल देंगे भूमि विवाद रहित ग्राम का प्रमाण पत्र

भूमि विवाद से जुड़े मामलों का निस्तारण कराने के बाद संबंधित क्षेत्र के लेखपाल से भूमि विवाद रहित गांव होने का प्रमाण पत्र लिया जाएगा। इसके बाद भी कोई विवाद होता को उसकी सूची बनाकर उसका निस्तारण करना होगा। समस्या यदि गंभीर होगी तो संबंधित एसडीएम, सीओ व थानाध्यक्ष को मोके पर संयुक्त रूप से जाना होगा।

जिला पंचायत अध्यक्ष का पद अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित होने से दिग्गज दावेदारों के साथ ही राजनीतिक दलों का समीकरण बिगड़ गया है। सत्ताधारी भाजपा से लेकर सपा, बसपा और कांग्रेस ने नए सिरे से दावेदारों की तलाश शुरू कर दी है। सभी की निगाहें ‘जिताऊ’ और ‘टिकाऊ’ उम्मीदवार पर हैं।

खुद नहीं लड़े तो पत्नी, भाभी, मित्र व चहेतों को लड़ाएंगे

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव(UP Panchayat Election) को लेकर सालों से तैयारी करने वाले अपनी मेहनत जाया नहीं होने देना चाहते। आरक्षण कुछ भी हो, वे मैदान में जरूर होंगे। आरक्षण में बदलाव से खुद न लड़ पाए तो परिजनों, रिश्तेदारों या चहेतों को चुनाव मैदान में उतारेंगे। ये सिर्फ मोहरे होंगे, दांव दिग्गज चलेंगे। जीत हासिल होने पर इन्हीं की हां या न चलेगी। सबसे ज्यादा मशक्कत ग्राम पंचायत चुनाव(UP Panchayat Election) को लेकर है। ग्राम पंचायतों में बड़ी संख्या में दावेदार हैं।

खंड विकास अधिकारियों का प्रशिक्षण आज

जिला पंचायत राज अधिकारी व जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी लखनऊ में दो दिवसीय प्रशिक्षण लेकर बृहस्पतिवार को जिला मुख्यालय लौटे। इसके बाद जिला स्तर पर बीडीओ को प्रशिक्षण दिया जाएगा। डीपीआरओ गोपाल जी ओझा ने बताया कि 19 फरवरी को बीडीओ प्रशिक्षित किए जाएंगे।

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