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पेट की पाचन क्रिया को दुरुस्त करने का सबसे लाभदायक योग वज्रासन

व्रजासन

व्रजासन

हेल्थ डेस्क। आज के समय में भागदौड़ के चलते ज्यादातर लोग बाहर ले खान-पान का सेवन अधिक करते हैं। जिसके कारण उन्हे पेट से जुड़ी कई समस्याओं का सामना करना पड़ता हैं। इसी खान-पान के कारण ज़्यादातर लोग मोटापे के भी शिकार हो जाते हैं। जिससे कई सारी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

बता दें शरीर की ज्यादातर बीमारियों पेट की गड़बड़ी की वजह से ही होती है। ऐसे में सबसे बेहतर ऑप्शन होता हैं योगा। जिसकी मदद से सारी बीमारियों से निजात मिल सकता है। इसी योगा में वज्रासन भी हैं जो पेट की पाचन क्रिया को दुरुस्त करने का सबसे लाभदायक योग है। तो चलिए जानते हैं इसको कैसे करते हैं।

वज्रासन करने का तरीका

इस आसन को करने के लिए सबसे पहले घुटनों को पीछे की ओर मोड़ लें। अब अपने हिप को अपनी एड़ी पर रख लें। ध्यान रहे कि आपके दोनों पैर एक दूसरे को छूने नहीं चाहिए। अब अपनी सिर, गर्दन और रीढ़ की हड्डी को एक सीधी रेखा में रखें और अपनी हथेलियों को अपने जांघो पर रख लें। कुछ देर तक इस अवस्था में बैठ रहें।

वज्रासन के लाभ

इस आसन को करने से गठिया, वात रोग की सम्भावना कम होती है।

व्रजासन करने से दर्द में आराम मिलता है साथ ही पैर और जांघो की नसें मजबूत होती हैं।

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वज्रासन में रीढ़ की हड्डी भी मजबूत रहती है।

व्रजासन करने से आपके पेट के नीचे के हिस्से में रक्त संचार बढ़ता है, जिससे पाचन प्रक्रिया में सुधार आता है।

भोजन करने के बाद वज्रासन में बैठने से भोजन अच्छी तरह से पच जाता है।

जिन लोगों के घुटने में समस्या होती है उन्हें यह आसन नहीं करना चाहिए। अगर आपकी रीढ़ की हड्डी में कोई समस्या है तो आपको यह आसन नहीं करना चाहिए। अगर कोई गर्भवती महिलाएं इस आसन को करना चाहती हैं तो उन्हें अपने घुटनों में थोड़ा अंतर बनाकर रखना चाहिए , इससे पेट पर दबाव नहीं पड़ता है।

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