Site icon News Ganj

उत्तराखंड ने देश के इतिहास में जोड़ा नया अध्याय, योग नीति लागू करने वाला बना पहला राज्य

Uttarakhand implemented Yoga policy

Uttarakhand implemented Yoga policy

ऋषिकेश: आध्यात्म, योग और ध्यान की धरती उत्तराखंड (Uttarakhand) ने देश के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ दिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Dhami) के दूरदर्शी नेतृत्व में उत्तराखंड ने भारत की पहली योग नीति (Yoga Policy) लागू कर दी है। यह कदम केवल राज्य के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे भारत को विश्व पटल पर योग और वेलनेस की वैश्विक राजधानी के रूप में स्थापित करने का मार्ग प्रशस्त करेगा।

परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती ने मुख्यमंत्री को बधाई देते हुए कहा कि “आज पूरी दुनिया शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक संतुलन की तलाश में है। कोरोना महामारी के बाद योग (Yoga) और ध्यान का महत्व और बढ़ गया है। ऐसे समय में उत्तराखंड की यह पहल भारत की सॉफ्ट पावर को और मजबूत करेगी।”

भारत के लिए यह नीति केवल एक पर्यटन या आध्यात्मिक पहल नहीं है, बल्कि इसका व्यापक सामाजिक और आर्थिक प्रभाव होगा। ग्रामीण क्षेत्रों में योग केंद्र और प्रशिक्षण संस्थानों के जरिये युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। मानसिक तनाव और अवसाद जैसी समस्याओं से जूझ रही नई पीढ़ी योग (Yoga) और ध्यान के जरिये शांति और ऊर्जा पा सकेगी।

योग नीति (Yoga Policy) का एक और बड़ा पहलू पर्यावरण संरक्षण से जुड़ा है। हिमालय और गंगा की पवित्र धारा के बीच योग और प्रकृति का संगम भारत को विश्व के सामने टिकाऊ विकास का उदाहरण पेश करेगा।

मुख्यमंत्री धामी का स्पष्ट संदेश है, “योग भारत की आत्मा है और उत्तराखंड उसकी धड़कन।” इस नीति (Yoga Policy) के जरिये भारत न केवल अपने आध्यात्मिक धरोहर को पुनर्जीवित कर रहा है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वास्थ्य, शांति और समृद्धि का मार्ग भी प्रशस्त कर रहा है।

इस ऐतिहासिक कदम के साथ भारत ने दुनिया को एक बार फिर यह संदेश दिया है कि जब परंपरा और आधुनिकता का संगम होता है, तो विकास केवल आर्थिक ही नहीं बल्कि आध्यात्मिक और सामाजिक स्तर पर भी संभव होता है।

Exit mobile version