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इत्र की खुशबू और आध्यात्मिक सर्किट से महका उत्तर प्रदेश पर्यटन

UP Tourism steals the spotlight at IATO Conference in Puri

UP Tourism steals the spotlight at IATO Conference in Puri

लखनऊ/पुरी (ओडिशा)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश पर्यटन (UP Tourism) ने एक बार फिर राष्ट्रीय मंच पर अपनी विशेष पहचान बनाई है। ओडिशा के पुरी में चल रहे भारतीय पर्यटन ऑपरेटर संघ ( IATO) के 40वें वार्षिक सम्मेलन में उत्तर प्रदेश चर्चा का मुख्य केंद्र रहा। 22 से 25 अगस्त तक आयोजित इस सम्मेलन का विषय “रीजुवेनेट इनबाउंड @2030” है और इसमें लगभग 1000 प्रतिनिधि (टूर ऑपरेटर, ट्रैवल मीडिया, होटल उद्योग और नीति निर्माता) शामिल हुए हैं। सम्मेलन के पहले ही दिन उत्तर प्रदेश पर्यटन (UP Tourism) का स्टॉल सबसे अधिक आकर्षण का केंद्र बना, जहां कन्नौज की सैकड़ों साल पुरानी इत्र बनाने की परंपरा, काशी-अयोध्या-प्रयागराज का आध्यात्मिक त्रिकोण और दीपोत्सव व रंगोत्सव जैसे भव्य सांस्कृतिक आयोजनों की झलक प्रस्तुत की गई। विशेष रूप से कन्नौज के इत्र और परफ्यूम टूरिज्म ने प्रतिनिधियों का मन मोह लिया।

उत्तर प्रदेश भारत का सबसे विविधतापूर्ण पर्यटन गंतव्य

स्टॉल का उद्घाटन ओडिशा की उपमुख्यमंत्री प्रावती परिदा ने किया। सम्मेलन में भाग लेते हुए पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि आईएटीओ सम्मेलन हमारे लिए बड़ा अवसर है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश को भारत का सबसे विविधतापूर्ण पर्यटन गंतव्य बनाया जा रहा है। कन्नौज का इत्र, दीपोत्सव जैसे सांस्कृतिक आयोजन और धार्मिक धरोहर हमारे पर्यटन (UP Tourism) की खास पहचान हैं। हमारा लक्ष्य है कि 2030 तक यहां आने वाला हर पर्यटक यूपी की संस्कृति और आध्यात्मिकता से गहरा जुड़ाव महसूस करे। पर्यटन और संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश कुमार मेश्राम ने कहा कि उत्तर प्रदेश केवल अपनी धरोहर और स्मारकों को दिखाने तक सीमित नहीं है, बल्कि यहां नई पर्यटन सुविधाएं, निजी निवेश और नए अनुभवों पर भी तेजी से काम हो रहा है। उन्होंने बताया कि नदी पर्यटन, वेलनेस, एग्रो टूरिज्म और परफ्यूम टूरिज्म जैसे क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इससे प्रदेश आने वाले पर्यटकों को एक संपूर्ण अनुभव मिलेगा।

यूपी टूरिज्म (UP Tourism) पर विशेष चर्चा

सम्मेलन के पहले दिन सांस्कृतिक प्रस्तुतियों और नेटवर्किंग सत्रों में रामायण सर्किट, वाराणसी के रिवरफ्रंट और दुधवा-बुंदेलखंड के इको-टूरिज्म पर विशेष चर्चा हुई। इन चर्चाओं ने यह साफ किया कि उत्तर प्रदेश पर्यटन केवल धार्मिक धरोहरों तक सीमित नहीं है, बल्कि आधुनिक और सतत पर्यटन मॉडल की दिशा में भी तेजी से आगे बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश पर्यटन ने बीते वर्षों में कई उपलब्धियां हासिल की हैं। काशी विश्वनाथ धाम का भव्य पुनर्निर्माण, अयोध्या में श्रीराम मंदिर का निर्माण, प्रयागराज में कुंभ का सफल आयोजन, मथुरा-वृंदावन में विकास कार्य, नए हवाईअड्डों और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट्स ने प्रदेश को न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी एक आकर्षक गंतव्य बना दिया है। आज यूपी में आने वाला हर पर्यटक यहां की आस्था, संस्कृति और आधुनिकता का संगम देखता है।

यूपी का प्रयास, पर्यटक न केवल यादें, बल्कि हमारी संस्कृति और आध्यात्मिकता से जुड़ाव की भावना भी लेकर जाए

पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि आईएटीओ सम्मेलन हमें उत्तर प्रदेश को भारत के सबसे बहुमुखी पर्यटन स्थल के रूप में प्रस्तुत करने का एक सुनहरा अवसर प्रदान करता है। कन्नौज में इत्र पर्यटन से लेकर दीपोत्सव जैसे विश्वस्तरीय सांस्कृतिक उत्सवों तक, हम ऐसे अनुभव निर्मित कर रहे हैं जो विरासत को नवीनता के साथ जोड़ते हैं। हमारा लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि वर्ष 2030 तक, उत्तर प्रदेश आने वाला प्रत्येक पर्यटक न केवल यादें, बल्कि हमारी संस्कृति और आध्यात्मिकता से जुड़ाव की भावना भी लेकर जाए।

अगले दो दिन तक जारी रहेगा कार्यक्रम

अगले दो दिनों तक उत्तर प्रदेश पर्यटन सम्मेलन में अपने कार्यक्रम जारी रखेगा और निवेशकों व साझेदारों को प्रदेश में पर्यटन की नई संभावनाएं दिखाएगा। यह सम्मेलन साबित करता है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश न केवल भारत के पर्यटन का भविष्य गढ़ रहा है, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी अपनी नई पहचान स्थापित कर रहा है। इस अवसर पर पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार के महानिदेशक सुमन बिल्ला, छत्तीसगढ़ पर्यटन बोर्ड की चेयरमैन नीलू शर्मा और उत्तर प्रदेश पर्यटन के अधिकारी मौजूद थे।

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