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सौर ऊर्जा क्रांति की ओर बढ़ा उत्तर प्रदेश

Solar energy

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने रविवार को उच्चस्तरीय बैठक में प्रदेश की ऊर्जा आवश्यकताओं की समीक्षा की। सौर ऊर्जा (Solar Energy) प्रकल्पों को बढ़ावा देने की जरूरत पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री ने नई सौर ऊर्जा नीति (solar energy revolution) तैयार करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य अगले पांच वर्ष में 22 हजार मेगावॉट सोलर पॉवर उत्पादन का होना चाहिए।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्रतिबद्धता और बढ़ती ऊर्जा जरूरतों की पूर्ति के लिए गैर पारंपरिक ऊर्जा विकल्पों को प्रोत्साहन दिया जाना आवश्यक है। सौर ऊर्जा इस दृष्टि से अत्यंत उपयोगी माध्यम है। विगत वर्षों में इस दिशा में प्रयास हुए हैं, किंतु ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लक्ष्य के लिए हमें और नियोजित व तेज प्रयास करना होगा।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में सौर ऊर्जा उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए ठोस प्रयास किया जाना आवश्यक है। पारंपरिक ऊर्जा विकल्पों पर अपनी निर्भरता हमें न्यूनतम करनी होगी। ऐसे में भविष्य की जरूरतों को देखते हुए नई सौर ऊर्जा नीति तैयार की जाए। हमारा लक्ष्य अगले पांच वर्ष में 22 हजार मेगावॉट सोलर पॉवर उत्पादन का होना चाहिए।

प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश सरकार अयोध्या को ”मॉडल सोलर सिटी” के रूप में विकसित करने की महत्वपूर्ण योजना पर काम कर रही है। यह परियोजना अन्य शहरों के लिए मानक प्रस्तुत करेगी। इस सम्बंध में सभी जरूरी प्रयास समयबद्ध ढंग से किए जाएं।

सौर ऊर्जा उत्पादन और भंडारण के क्षेत्र में निजी क्षेत्र के निवेश के लिए अनुकूल माहौल देना होगा। परियोजनाओं को समयबद्ध रूप से पूर्ण करने के लिए सिंगल विंडो प्रणाली लागू की जाए।

उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा (Solar Energy) क्षेत्र की निवेशकर्ता कंपनियों के लिए भूमि की सुलभ उपलब्धता, पूंजीगत उपादान सहित सभी जरूरी सहयोग उपलब्ध कराये जाएंगे। नवीन सौर ऊर्जा नीति तैयार करते समय औद्योगिक जगत से परामर्श जरूर करें। निवेशकर्ता संस्थाओं/कंपनियों की जरूरतों को समझें। सभी पक्षों की राय लेते हुए व्यापक विमर्श के बाद नवीन नीति तैयार की जाए।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि भवनों की छत पर सौर ऊर्जा प्लांट लगाए जाने के लिए जनजागरूकता को बढ़ाना होगा। इस सम्बंध में जिलों में मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में एक सोलर सेल का गठन किया जाए। सभी सौर परियोजनाओं का पंजीकरण अनिवार्य किया जाए।

सभी शासकीय, आवासीय, सार्वजनिक क्षेत्र, निजी व्यावसायिक भवनों, शिक्षण संस्थानों में रूफटॉप सोलर पॉवर प्लांट लगाने के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया जाए। वॉटर बॉडी पर भी सोलर प्लांट लगाया जाना चाहिए। इन्हें आवश्यकतानुसार नेट बिलिंग, नेट मीटरिंग की व्यवस्था से जोड़ा जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि कारागार में बंद कैदियों को सौर ऊर्जा उपकरण बनाने के लिए प्रशिक्षण दिया जाए। सौर ऊर्जा पैनल, एलईडी बल्ब आदि बनाने के लिए इनका उपयोग किया जाना चाहिए। सोलर रूफटॉप मॉडल को अपनाने और लागू करने के लिए एमएसएमई और स्टार्टअप को बढ़ावा दिया जाना उपयोगी होगा। इस बैठक में अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी, नवनीत सहगल, एसपी गोयल समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

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