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धर्म सिंह सैनी सहित दो और विधायकों ने छोड़ी पार्टी

Dharm Singh Saini

Dharm Singh Saini

लखनऊ। यूपी चुनाव की तारीखों का ऐलान होने के बाद भाजपा में भगदड़ मची है। एक-एक कर मंत्री और विधायक इस्तीफा दे रहे हैं। गुरुवार को दोपहर तक एक मंत्री और दो विधायकों ने भाजपा से इस्तीफा दिया। इसमें मंत्री धर्म सिंह सैनी (Dharm Singh Saini) , विधायक मुकेश वर्मा, विनय शाक्य शामिल हैं। धर्म सिंह सैनी (Dharm Singh Saini) ने सपा कार्यालय पहुंचकर अखिलेश से मुलाकात की।

मुकेश वर्मा शिकोहाबाद से विधायक हैं जबकि विनय शाक्य औरैया की बिधूना सीट से विधायक हैं। बीते दिनों में भाजपा से इस्तीफे देने वाले विधायकों की संख्या 14 तक पहुंच गई है।

धर्म सिंह सैनी ने अखिलेश यादव से मुलाकात की। इसके बाद अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर किया। कहा- सामाजिक न्याय के एक और योद्धा डॉ. धर्म सिंह सैनी (Dharm Singh Saini) के आने से सकारात्मक और प्रगतिशील राजनीति को और भी बल मिला है। सपा में उनका ससम्मान हार्दिक स्वागत है।

धर्म सिंह सैनी ने अखिलेश यादव से मुलाकात की। इसके बाद अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर किया। कहा- सामाजिक न्याय के एक और योद्धा डॉ. धर्म सिंह सैनी के आने से सकारात्मक और प्रगतिशील राजनीति को और भी बल मिला है। सपा में उनका ससम्मान हार्दिक स्वागत है।

अब तक ये दे चुके हैं इस्तीफा…

नाम                              सीट

स्वामी प्रसाद मौर्य    पडरौना, कुशीनगर

धर्म सिंह सैनी नकुड़, सहारनपुर

भगवती सागर  बिल्हौर

रोशनलाल वर्मा तिलहर

विनय शाक्य   बिधूना, औरैया

अवतार सिंह भड़ाना   मीरापुर

दारा सिंह चौहान     मधुबन, मऊ

बृजेश प्रजापति तिंदवारी, बांदा

मुकेश वर्मा    शिकोहाबाद, फिरोजाबाद

दिग्विजय नारायण जय चौबे  खलीलाबाद

बाला प्रसाद अवस्थी   धौरहरा, लखीमपुर

राकेश राठौर   सीतापुर

माधुरी वर्मा   नानपारा, बहराइच

आरके शर्मा   बिल्सी, बदायूं

स्वामी प्रसाद ने इस्तीफे में लिखा था- मंत्री के रूप में विपरीत परिस्थितियों और विचारधारा में रहकर उत्तददायित्व का निर्वहन किया, लेकिन दलितों, पिछड़ों, किसानों, बेरोजगार नौजवानों और व्यापारियों की उपेक्षा के कारण उत्तर प्रदेश के मंत्रिमंडल से इस्तीफा देता हूं।

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दारा सिंह ने योगी को भेजे इस्तीफे में लिखा- मैंने अपनी जिम्मेदारी पूरे मन से निभाई, पर सरकार किसानों, पिछड़ों, वंचितों, बेरोजगारों की उपेक्षा कर रही है। इसके अलावा पिछड़ों और दलितों के आरक्षण को लेकर जो खिलवाड़ हो रहा है, उससे मैं आहत हूं। इसी वजह से मंत्रिमंडल से इस्तीफा देता हूं।

अवतार सिंह भड़ाना किसान आंदोलन का समर्थन कर रहे थे। वो किसानों की उपेक्षा होने से खुद को आहत बता रहे हैं। उन्हें गुर्जर समुदाय का बड़ा नेता माना जाता है। वह पिछले कुछ समय से समुदाय को एकजुट करने की कोशिशों में जुटे हुए थे।

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