लखनऊ: मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा (Navdeep Rinwa) की अध्यक्षता में प्रदेश के सभी 18 मण्डलायुक्तों को अगले वर्ष उत्तर प्रदेश विधान परिषद के 05 स्नातक एवं 06 शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों के कुल 11 सदस्यों के चुनाव के दृष्टिगत नये सिरे से मतदेय स्थलों एवं निर्वाचक नामावलियों की तैयारियों के संबंध में तथा आगामी विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण (एसआईआर), रोल प्रेक्षक, ईआरओ नेट आदि से संबंधित विषयों, निर्वाचन से संबंधित संवैधानिक प्राविधानों तथा लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की महत्वपूर्ण धाराओं आदि की जानकारी देने तथा मतदाता सूची को शुद्ध व समावेशी बनाने के लिए प्रशिक्षण दिया गया।
मंगलवार को योजना भवन के सभाकक्ष में प्रशिक्षण के प्रथम सत्र में 05 स्नातक और 06 शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों के निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों (ईआरओ) अर्थात इन निर्वाचन क्षेत्रों के 07 मण्डलायुक्तों लखनऊ, मेरठ, वाराणसी, आगरा, झांसी, गोरखपुर, बरेली को अगले वर्ष विधान परिषद के 11 सदस्यों के चुनाव के दृष्टिगत नए मतदेय स्थलों का चिन्हांकन करने एवं नए सिरे से निर्वाचक नामावली की तैयारियों के परिप्रेक्ष्य में प्रशिक्षण दिया गया।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी (Navdeep Rinwa) ने कहा कि विधान परिषद की रिक्त हो रही शिक्षक एवं स्नातक सीटों के चुनाव के दृष्टिगत मतदाता सूची को शुद्ध होनी चाहिए और मतदाताओं की फोटो मानक के अनुरूप लगी होनी चाहिए। मतदाता बनने के लिए खण्ड स्नातक के लिए फार्म-18 तथा खण्ड शिक्षक के लिए फार्म-19 में आवेदन करने हेतु पहली बार ऑनलाइन पोर्टल की भी व्यवस्था की जा रही है। खण्ड स्नातक निर्वाचन के लिए 01 नवम्बर, 2025 अर्हता तिथि से मतदाता को 03 वर्ष पहले स्नातक होना चाहिए तथा खण्ड शिक्षक निर्वाचन के लिए 01 नवम्बर, 2025 अर्हता तिथि से मतदाता को पिछलेेेेेेेेेेेेेेेेे 06 वर्षो में कम से कम 03 वर्ष माध्यमिक स्तर या ऊपर के संस्थानों में शिक्षण कार्य किया हो, निर्वाचक नामावली में मतदाता बनाने के लिए अर्ह होगे। मतदेय स्थल बनाते समय मतदाताओं की संख्या, मतदेय स्थलों में सुविधाएं जिसमें पेयजल, शौचालय, विद्युत् आपूर्ति आदि की व्यवस्था हो। किसी भी मतदाता के पते से किसी भी मतदेय स्थल की दूरी 16 किलोमीटर ज्यादा न हो।
उन्होंने (Navdeep Rinwa) कहा कि मतदाता बनने के लिए व्यक्तिगत रूप से या डाक द्वारा या किसी राजनैतिक दल, बीएलए, आरडब्लूए द्वारा ज्यादा संख्या में भेजे गये आवेदन पत्रों को स्वीकार नहीं किया जायेगा। साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत प्रमाण पत्रों का सत्यापन अवश्य करवाया जाए, मतदाता बनने के लिए प्रस्तुत किये गये दस्तावेजों, साक्ष्यों को सुरक्षित रखे जाए तथा सभी पात्र मतदाताओं का नाम मतदाता सूची में सम्मिलित हो, इसका विशेष ध्यान दिया जाए।
विधान परिषद 05 स्नातक एवं 06 शिक्षक चुनाव के लिए 30 सितम्बर को सार्वजनिक नोटिस जारी होगी, 15 अक्टूबर को समाचार पत्रों में नोटिस का प्रथम पुनर्प्रकाशन तथा 25 अक्टूबर को इसका द्वितीय पुनर्प्रकाशन, 06 नवम्बर को आवेदन प्राप्त करने की अंतिम तिथि, 25 नवम्बर को आलेख्य प्रकाशन होगा। 25 नवम्बर से 10 दिसम्बर तक दावे और आपत्तियां ली जायेगी। 25 दिसम्बर तक दावे और आपत्तियों का निस्तारण किया जायेगा तथा 30 दिसम्बर को निर्वाचक नामावलियों का अंतिम प्रकाशन किया जायेगा।
उन्होंने (Navdeep Rinwa) बताया कि विधान परिषद की 05 स्नातक निर्वाचन क्षेत्रों में लखनऊ, वाराणसी, आगरा, मेरठ, इलाहाबाद-झांसी स्नातक की सीटें तथा 06 शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों में लखनऊ, वाराणसी, आगरा, मेरठ, बरेली-मुरादाबाद एवं गोरखपुर-फैजाबाद शिक्षक की सीटें आती हैं। इन सभी मण्डलों के मण्डलायुक्त स्नातक एवं शिक्षक निर्वाचन में निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (ईआरओ) तथा संबंधित जिलों के जिलाधिकारी सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी तथा इन निर्वाचन क्षेत्रों में आने वाली समस्त विधानसभा क्षेत्रों के निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी अपने क्षेत्र के स्नातक व शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र में सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी हैं। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश विधान परिषद में 100 सदस्य हैं, इसमें राज्यपाल द्वारा मनोनीत 10 सदस्य, विधानसभा सदस्यों द्वारा चयनित 38 सदस्य, लोकल बाडीज द्वारा चयनित 36 सदस्य, स्नातक क्षेत्र के 08 सदस्य एवं शिक्षक क्षेत्र के भी 08 सदस्य होते हैं। स्नातक क्षेत्र के बाकी 03 सदस्यों तथा शिक्षक क्षेत्र के बाकी 02 सदस्यों का कार्यकाल 02 फरवरी, 2029 को समाप्त होगा।
प्रशिक्षण के द्वितीय सत्र में प्रदेश में आगामी विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण (एसआईआर), रोल प्रेक्षक, ईआरओ नेट एवं निर्वाचन से संबंधित नियमों की जानकारी दी गई और मतदाता सूची को अपडेट करने संबंधी प्रशिक्षण दिया गया। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने सभी मण्डलायुक्तों को आगामी प्रगाढ़ पुनरीक्षण के संबंध में अवगत कराते हुए विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण के दृष्टिगत वर्ष 2003 की निर्वाचक नामावली को वर्ष 2025 की निर्वाचक नामावली के साथ मैपिंग किये जाने से संबंधित प्रक्रिया तथा बी0एल0ओ0 द्वारा घर-घर जाकर गणना प्रपत्र वितरित करने, भरने में सहयोग करने/एकत्रित करने, मतदाताओं का सत्यापन तथा उसे बी0एल0ओ0 ऐप पर अपलोड करने के संबंध में अवगत कराया। पुनरीक्षण की अवधि में रोल आब्जर्वर की भूमिका, दावे और आपत्तियों से संबंधित प्राप्त फार्मों की सुपरचेकिंग के संबंध में भी अवगत कराया गया तथा पुनरीक्षण की अवधि में रोल आब्जर्वर के भ्रमण से संबंधित चेकलिस्ट की प्रति भी उपलब्ध करायी गयी। आयोग द्वारा दिये गये निर्देशों के क्रम में प्रदेश के समस्त मण्डलों के आयुक्त निर्वाचक नामावलियों के पुनरीक्षण में रोल आब्जर्वर नामित किये जाते है।
उन्होंने (Navdeep Rinwa) सोशल मीडिया में मतदाता सूची एवं चुनाव के संबंध में गलत, भ्रामक तथ्य देने या नियम विरुद्ध सूचनाएं फैलाने के संबंध में सभी मण्डलायुक्त, जिला निर्वाचन अधिकारी एवं बीएलओ को अपने सोशल मीडिया एकाउन्ट को ग्रे-टिक कराकर सक्रिय रखने और ऐसी सूचनाओं का तत्काल साक्ष्य के साथ खंडन करने को कहा। लोगों की जानकारी हेतु इलेक्ट्रानिक, प्रिंट एवं सोशल मीडिया में व्यापक प्रचार प्रसार कराया जाए। प्रशिक्षण में सभी को फार्म -6, फार्म – 6ए, फार्म -7, फार्म -8 के संबंध में जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि मतदाता सूची को शुद्ध एवं समावेशी बनाने के लिए सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों, समस्त निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों, प्रत्येक जनपद से एक एईआरओ तथा एक बीएलओ को मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षित किया गया है जो अपने जनपद में 30 सितम्बर, 2025 तक अन्य समस्त एईआरओ तथा बीएलओ को प्रशिक्षण प्रदान करेंगे।