Site icon News Ganj

इस महिला ने कर दिखाया सच्च कि पुरुषों से पीछे नही हैं महिलाएं

नई दिल्ली। बस में सफर करते वक्त अधिक्तर आपने देखा होगा पुरुष ही ड्राइवर होते हैं, लेकिन क्या आपने किसी महिला को बस चलाते हुए देखा है नही तो आज हम एक ऐसी महिला के बारे में बताने जा रहें है। जिसने अपनी मेहनत और लगन के चलते यह साबित कर दिखाया है कि पुरुषों से पीछे नही हैं महिलाएं। जी हां महिला कोई और नही तेलंगाना की सरिता देवी हैं।

ये भी पढ़ें :-किताबों में पढ़ी जानें वाली कहानियों को इस महिला ने कर दिखाया सच

आपको बता दें सरिता देवी दिल्ली में डीटीसी की बस चलाने वाली एकमात्र महिला ड्राइवर है। उनका दिन सुबह 5 बजे शुरू हो जाता है जब वह सरोजिनी नगर डिपो से बस लेकर निकलती हैं और दोपहर के करीब 12:30 बजे तक बस चलाती हैं। वो कहती हैं कि दिल्ली की सड़कों पर गाड़ी चलाते समय संयम रखना बहुत जरूरी है।सरिता का कहना है कि उन्होंने ड्राइवरी का पेशा सिर्फ इसलिए नहीं चुना कि वह अपने परिवार को सहारा देना चाहती थीं।

ये भी पढ़ें :-दिहाड़ी मजदूरी करने वाली यह महिला अपने हौसले के दम पर बनीं बीएड टीचर 

जानकारी के मुताबिक सरिता महज 18 साल की उम्र में ड्राइविंग करने लगी थीं। सबसे पहले उन्होंने तेलंगाना में ही ऑटो चलाना शुरू किया। जिससे वह अपने परिवार का पालन पोषण करती थी। पांच बहनों में सबसे छोटी सरिता ने बहनों की शादी से लेकर अपना घर बनाने तक का काम ऑटो चलाने से होने वाली आमदनी से ही पूरा किया। सरिता का दिल्ली का सफर साल 2012 से शुरू होता है।उन्हें एक एनजीओ आजाद फाउंडेशन के बारे में पता चला, जहां महिलाओं को बस की ट्रेनिंग दी जाती है। यहां शुरुआती दिनों में उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। क्योंकि उन्हें हिंदी नहीं आती थी।

ये भी पढ़ें :-67 साल की महिला ने बच्चे को जन्म दिया, लोगो में बना चर्चा का विषय

वहीँ छह महीने की ट्रेनिंग पूरी करने बाद यहां उन्होंने ऑटो चलाना शुरू कर दिया। आखिर 2015 में वह समय आ गया जब उन्हें डीटीसी में संविदा पर ड्राइवर की नौकरी मिल गई। यह उनके लिए बड़ी उपलब्धि थी, क्योंकि उन्हें उम्मीद थी कि जल्द ही वह स्थाई कर्मचारी हो जाएगी। लेकिन आज वह बहुत निराश है क्योंकि वह आज तक संविदा से स्थाई कार्मचारी नहीं हो पाई हैं।

Exit mobile version