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राज्य में किसानों के लिए खाद्य और प्रमाणित बीज उपलब्धता में कोई कमी नहीं: कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही

Surya Pratap Shahi

Surya Pratap Shahi

लखनऊ: राज्य में खाद्य एवं बीज की उपलब्धता के बारे में जानकारी देने के लिए कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही (Surya Pratap Shahi) ने पत्रकारवार्ता आयोजित कर, इस संबंध में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि रबी सीजन को देखते हुए राज्य में खाद्य एवं प्रमाणित बीज की उपलब्धता की कोई कमी नहीं है। साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में प्रदेश ने किसानों की आय और सिंचाई सुविधाओं को मजबूत करने के लिए किए गये महत्वपूर्ण निर्णयों की भी जानकारी दी। पत्रकारवार्ता में कृषि मंत्री ने राज्य में पीएम-कुसुम योजना, सिंचाई सुविधा में हुई बढ़ोतरी एवं प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में उत्तर प्रदेश की प्रगति के बारे में बताया। साथ ही उन्होंने किसानों की आय में वृद्धि के उद्देश्य से कैबिनेट द्वारा गन्ना मूल्य में की गई वृद्धि के बारे में भी जानकारी दी।

पत्रकारवार्ता में कृषि मंत्री (Surya Pratap Shahi) ने राज्य में खाद्य उपलब्धता पर विस्तृत आंकड़े पेश करते हुए बताया कि वर्तमान में राज्य में डीएपी 3.76 लाख मीट्रिक टन, एनपीके 3.94 लाख, एसएसपी 2.65 लाख, एमओपी 81 हजार और यूरिया 12.59 लाख मीट्रिक टन उपलब्ध है। पिछले वर्ष की तुलना में डीएपी दोगुना से अधिक है। साथ ही उन्होंने बताया कि अक्टूबर माह मे 3.70 लाख मीट्रिक टन डीएपी, 24.02 लाख एनपीके और 24 लाख मीट्रिक टन यूरिया की किसानों को बिक्री की जा चुकी है। वहीं नवंबर माह में दैनिक बिक्री 20,000 से 24,000 मीट्रिक टन तक पहुंच चुकी है। उन्होंने बताया कि सहकारी समितियों (पैक्स) में डीएपी 1.33 लाख, एनपीके 82 हजार और यूरिया 5.15 लाख मीट्रिक टन का स्टॉक उपलब्ध है। जबकि पिछले एक माह में पैक्स के माध्यम से 4.39 लाख मीट्रिक टन फॉस्फेटिक खाद्य और 1.31 लाख मीट्रिक टन यूरिया की बिक्री की जा चुकी है एवं लगभग 34.67 लाख किसान खाद्य विक्रय केंद्रों से प्राप्त कर चुके हैं।

कृषि मंत्री (Surya Pratap Shahi) ने पिछली सरकारों एवं आलोचना करने वाले राजनैतिक दलों पर तीखा प्रहार किया और बताया कि रबी सीजन में फॉस्फेटिक खाद्य बिक्री 2014-15 में 14.74 लाख मीट्रिक टन से बढ़कर 2023-24 में 22.60 लाख मीट्रिक टन हो चुकी है। वहीं राज्य में यूरिया की खपत खरीफ सीजन में 23 लाख से बढ़कर 38 लाख मीट्रिक टन हुई। साथ ही उन्होंने बताया कि राज्य में पैक्सों की संख्या 3,000 से बढ़कर 7,700 हो गई, जिनकी वर्किंग कैपिटल 3 लाख से 10 लाख रुपये प्रति समिति हो चुकी है। उन्होंने बताया कि योगी सरकार ने 200 करोड़ रुपये फर्टिलाइजर एवं 1 लाख रुपये प्रति समिति ब्याज के रूप में भुगतान किया है। साथ ही राज्य में लगभग 3,000 पैक्स डिजिटलाइज हो चुकी हैं।

राज्य में प्रमाणित बीजों की उपल्ब्धता के बारें में विस्तृत रूप से बताते हुए कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही (Surya Pratap Shahi) ने बताया कि रबी फसलों के लिए 11.12 लाख क्विंटल प्रमाणित बीज, किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान पर उपलब्ध कराये जा रहे हैं। इसमें गेहूं के 10.25 लाख, मटर 21,495, मसूर 1.02 लाख क्विंटल प्रमाणित बीज उपलब्ध हैं। जिसमें से अब तक 8.56 लाख क्विंटल बीज का वितरण हो चुका है। साथ ही उन्होंन बताया कि मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन राज्य में दलहन व तिलहन की खेती में आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से 3.19 लाख दलहन व 5.37 लाख तिलहन की मिनी किट राज्य के किसानों को निशुल्क बांटी जा रही है। साथ ही राज्य में मिक्सड फार्मिंग के तहत 1.77 लाख हेक्टेयर में गन्ने के साथ सरसों/मसूर की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए मुफ्त बीज उपलब्ध कराये जा रहे हैं। वहीं क्लस्टर खेती के लिए 5,700 क्विंटल बीज भारत सरकार की मदद से वितरित किये जाएंगे।

प्रदेश कैबिनेट के दूसरे महत्वपूर्ण फैसले गन्ना मूल्य वृद्धि के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि रबी सीजन 2025-26 के लिए गन्ने की अगैती प्रजाति का मूल्य 370 रुपये से बढ़ाकर 400 रुपये प्रति क्विंटल और सामान्य प्रजाति का 360 रुपये से 390 रुपये किया गया है। उन्होंने इसे गन्ना किसानों की आय में उल्लेखनीय वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण बताया साथ ही इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को धन्यवाद दिया।

कृषि मंत्री (Surya Pratap Shahi) ने बताया कि प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पीएम-कुसुम) योजना को पुनः शुरू करने की मंजूरी दी गई है। इस वर्ष 40,251 सोलर पंप लगाए जाएंगे, जिन पर किसानों को 60 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा। योजना के तहत लगाए जाने वाले सोलर पंप 2, 3, 5, 7 और 10 एचपी क्षमता के होंगे, जो डीजल पंपों वाले क्षेत्रों में स्थापित किए जाएंगे। योजना से पहले चरण में 6,345 सोलर पंप लग चुके हैं। इसके अलावा, 3,996 पंपों के बकाया अनुदान 29.51 करोड़ रुपये को भी मंजूरी दी गई। उन्होंन कहा कि राज्य सरकार का ये निर्णय धन की बचत के साथ पर्यावरण संवर्धन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने बताया कि पीएम कुसुम योजना के सफल क्रियान्वयन से राज्य में 1.5 लाख हेक्टेयर सिंचाई क्षमता बढ़ी है। अब तक 5.48 करोड़ यूनिट बिजली की बचत, 1.26 लाख मीट्रिक टन कार्बन उत्सर्जन में कमी और 87.75 लाख लीटर डीजल की बचत हुई है। जायद सीजन में नहरों के सूखने से सिंचाई संकट को देखते हुए सोलर पंप किसानों के लिए स्थायी समाधान साबित होंगे।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में उत्तर प्रदेश की प्रगति के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि राज्य में अबतक 20.92 लाख किसानों का बीमा हो चुका है एवं फसल बीमा के तहत 92.67 करोड़ रुपये का भुगतान हो चुका, 101.60 करोड़ जल्द वितरित किये जाएगें। साथ ही उन्होंने बताया कि अक्टूबर की बेमौसम बारिश से हुए नुकसान के लिए सर्वे चल रहा है। कृषि मंत्री ने मुख्यमंत्री के वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी बनाने के लक्ष्य में कृषि के योगदान को बढ़ाने के उद्देश्य से 17 नवंबर से इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित होने वाली कार्यशाला की भी जानकारी दी। उन्होंने ने बताया कि कार्यशाला में राज्य के अनुभवी कृषि वैज्ञानिक, विश्वविद्यालय और 89 कृषि विज्ञान केंद्रों के विशेषज्ञ हिस्सा लेंगे। उन्होंने कहा कि ये कार्यशाला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विकसित भारत विकसित उत्तर प्रदेश के संकल्प को पूरा करने में महत्वपूर्ण कदम साबित होगी। साथ ही उन्होंने बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की जीत पर बधाई भी दी।

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