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ग्लोबल इन्वेस्टर समिट और G20 के ज़रिए देश और प्रदेश की सेवा

AK Sharma

AK Sharma

किसने कितना किया ये कहानी यूँ सही…

दो साल पहले एके शर्मा (AK Sharma) जब उत्तर प्रदेश की राजनीति में आये तो ज़्यादातर लोगों ने कहा कि जो व्यक्ति प्रधानमंत्री मोदी के साथ उनके मुख्यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री के कार्यकाल में 20 साल तक काम किया है उसका तो अनुभव असीम होगा। जो सच भी है। इस सच्चाई का त्वरित उदाहरण कोरोना काल में एमएलसी बनने के तुरंत बाद ही उनको वाराणसी भेजकर स्वयं प्रधानमंत्री मोदी ने दे दिया। बाबा विश्वनाथ के आशीर्वाद से काम करने वाले एके शर्मा (AK Sharma) सिर्फ़ उस कार्य में खरे ही नहीं उतरे बल्कि उनके कार्य सार्वत्रिक प्रशंसा हुई। वाराणसी का कोरोना कंट्रोल का मॉडल पूरे देश में उदाहरण बना।

लेकिन कुछ लोग ऐसे भी थे और आज भी हैं जो इन बातों को नहीं मानते। अलग-अलग तरीक़े से एके शर्मा (AK Sharma) को कम दिखाने की कोशिश करते रहते हैं। दो बड़े एवं महत्वपूर्ण, जन उपयोगी किंतु पेंचीदे विभागों के मंत्री के रूप में उनका कार्य उत्कृष्ट होते हुए भी ऐसे लोग कोई न कोई कमी निकालते रहते हैं।

तो फिर एके शर्मा (AK Sharma) हैं क्या? अभी तक के उनके जीवन से जो लोग प्रभावित नहीं हैं उनको भी ठोस जवाब उत्तर प्रदेश की ही धरती से अब मिलना शुरू हो गया है। विनम्र और स्वयं कम बोलने वाले  एके शर्मा के बारे में हाल में उत्तर प्रदेश में आयोजित कार्यक्रमों से कुछ अन्दाज़ लगता है। एके शर्मा ने शांति से कार्य करते हुए जो मापदंड स्थापित किए उससे उनके आलोचकों को भी  दांतों तले उँगली दबानी पड़ी।

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सिर्फ़ ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (GIS) नहीं बल्कि G20  के उत्तर प्रदेश के नोडल विभाग के मंत्री के रूप में और विशेष रूप से नगर विकास के मंत्री के रूप में आगरा और लखनऊ सहित  राज्य के ज़्यादातर नगरों में जो सफ़ाई और सुशोभन कार्य हुआ है उसकी देश विदेश के प्रतिनिधियों ने, केंद्र सरकार के सम्बंधित विभागों के सचिवों ने और स्वयं अपनी महामहिम राष्ट्रपति सहित आए हुए सभी लोगों ने प्रशंसा किया है।

कुछ तो बात है…

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