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जीडीपी ग्रोथ रेट में छह साल में सबसे बड़ी गिरावट, घटकर 4.5 फीसदी पर आई

आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान

आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान

नई दिल्‍ली। वित्‍त वर्ष 2019 की दूसरी तिमाही यानी जुलाई से सितंबर के दौरान सकल घरेलू उत्‍पाद (GDP) दर 4.5 फीसदी रही है। यह अप्रैल-जून तिमाही के पांच फीसदी की तुलना में कम है। बता दें कि 2012-13 की चौथी तिमाही के बाद का न्‍यूनतम स्‍तर है। जीडीपी ग्रोथ रेट दूसरी तिमाही में छह साल के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गई है। इसके अलावा, अक्टूबर महीने में आठ कोर सेक्टरों का इंडस्ट्रियल ग्रोथ 5.8 फीसदी रही है।

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शुक्रवार को नेशनल इनकम डाटा जारी होने के बाद पिछले छह वर्षों की तुलना में इस बार भारतीय अर्थव्यवस्था का हाल सबसे खराब रहा है। हालांकि, 2019-20 को लेकर छह फीसदी जीडीपी का अनुमान जाहिर किया गया था। इतना ही नहीं आर्थिक वृद्धि दर के सरकारी आकड़ों की मानें तो ये पिछली 26 तिमाहियों में भारतीय अर्थव्यवस्था की सबसे धीमी विकास दर है।

राजकोषीय घाटे की बात करें तो 2018-19 के पहले 7 महीनों यानी अप्रैल से अक्टूबर के बीच राजकोषीय घाटा मौजूदा वित्त वर्ष के लक्ष्य से ज्यादा हो गया है। पहले सात महीनों में राजकोषीय घाटा 7.2 ट्रिलियन रुपये (100.32 अरब डॉलर) रहा। जो बजट में मौजूदा वित्त वर्ष के लिए रखे टारगेट का 102.4 फीसदी है। सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल से अक्टूबर की अवधि में सरकार को 6.83 ट्रिलियन रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ, जबकि खर्च 16.55 ट्रिलियन रुपए रहा।

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