नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के बॉर्डर पर किसानों के प्रदर्शनों के संबंध में दाखिल याचिका की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार को फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि कानून का पालन करवाना आपका काम है। शीर्ष अदालत ने ये भी कहा कि किसानों को बॉर्डर से हटाने के मुद्दे पर केंद्र सरकार को कदम उठाना चाहिए। अदालत सार्वजनिक जगहों पर धरना देने के मामले में स्पष्ट दिशा-निर्देश दे चुका है। ऐसे में सरकार हमसे ये न कहे कि हम नहीं कर पा रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपसे हमने हल पूछा कि क्या हल है।
सड़कों को जाम करना ठीक नहीं
शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए ये भी कहा कि हाईवे और सड़कों को जाम नहीं किया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट की केंद्र सरकार पर नाराजगी नोएडा के याचिकाकर्ता की याचिका पर सुनवाई के दौरान सामने आई। याचिका में कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शनकारियों के सड़कों को जाम करने के कारण नोएडा और दिल्ली के बीच यात्रियों को हुई असुविधा का जिक्र किया गया है।
सोमवार को होगी अगली सुनवाई
केंद्र सरकार की तरफ से सॉलिसिटर तुषार मेहता ने कहा कि हमने तीन सदस्यीय कमेटी बनाकर किसान नेताओं को बुलाया था और अन्य स्थान पर धरने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन उन्होंने अस्वीकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप इस मामले में अदालत में आवेदन क्यों नहीं करते। जिस पर केंद्र सरकार की तरफ से हामी भरते हुए सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि हम आवेदन दाखिल कर देंगे। मामले में सोमवार को अगली सुनवाई होगी।
सरकार आवेदन दाखिल करे- सुप्रीम कोर्ट
केंद्र सरकार अपने आवेदन में किसान संघों को पक्षकार के तौर पर शामिल करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में आवेदन दाखिल करने का निर्देश केंद्र को दिया है। जिससे कि किसान संघ अपना पक्ष अदालत में रखें।
सुप्रीम कोर्ट किसान नेताओं से ये भी जानना चाहता है कि आखिर क्यों किसान दिल्ली-एनसीआर कि मुख्य सड़कों की जगह किसी दूसरी जगह प्रदर्शन नहीं कर सकते। केंद्र कल तक इस संबंध में आवेदन दाखिल कर देगा।