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सोनिया गांधी का कांग्रेस शासित राज्यों को निर्देश न करें वैक्सीन की बर्बादी, ज्यादा से ज्यादा लोगो को लगाए

कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी ने देश में कोरोना वैक्सीनेशन की गति को लेकर चिंता प्रकट करते हुए गुरुवार को कहा कि इस साल के आखिर तक सभी वयस्क नागरिकों को टीका लगाने के लिए जरूरी है कि टीकाकरण की दैनिक दर को तीन गुना किया जाए।

पार्टी महासचिवों एवं प्रदेश प्रभारियों के साथ डिजिटल बैठक में उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि covid-19 महामारी की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए तीव्रता से तैयारी करने और विशेषकर बच्चों की सुरक्षा के लिए कदम उठाए जाने की आवश्यकता है। सोनिया ने पार्टी नेताओं का आह्वान किया कि वे यह सुनिश्चित करें कि अगर कहीं टीकों को लेकर लोगों में हिचक है तो वह दूर हो तथा टीकों की बर्बादी कम से कम हो। उन्होंने कहा कि यह बिल्कुल जरूरी है कि हमारी पार्टी पूर्ण टीकाकरण सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय भूमिका निभाए।

राष्ट्रीय स्तर पर, रोजाना टीकाकरण की दर तीन गुना होने की जरूरत है ताकि इस साल के आखिर तक हमारे देश की 75 फीसदी आबादी का पूर्ण टीकाकरण हो सके। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह टीके की उचित आपूर्ति पर निर्भर करता है। इसके लिए हमें केंद्र सरकार पर दबाव बनाए रखना होगा। इसके साथ हमें यह भी देखना होगा कि टीकाकरण के लिए पंजीकरण हो, अगर कहीं टीके को लेकर लोगों में हिचक है तो वह दूर हो और टीकों की बर्बादी कम से कम हो।

सोनिया ने कहा कि विशेषज्ञ पहले ही महामारी की तीसरी लहर की आशंका जता रहे हैं। कुछ लोग कह रहे हैं कि आने वाले महीनों में बच्चों के इस महामारी की चपेट में आने की आशंका बढ़ सकती है। इस पर तत्काल ध्यान देने और अतिसक्रियता के साथ कदम उठाने की जरूरत है ताकि बच्चों को इस त्रासदी से सुरक्षित रखा जा सके। उन्होंने पार्टी महासचिवों और प्रभारियों का आह्वान किया कि सरकार के कोरोना से जुड़े ‘कुप्रबंधन’ पर कांग्रेस की ओर से तैयार ‘श्वेत पत्र’ को प्रसारित किया जाए।

पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि आप सभी इससे अवगत हैं कि ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी से लोगों को असहनीय बोझ का सामना करना पड़ रहा है। यह रेखांकित करने के लिए आंदोलन किए गए हैं कि इस बढ़ोतरी का किसानों और करोड़ों आम परिवारों पर किस तरह असर पड़ रहा है। सोनिया ने दावा किया कि ईंधन के साथ ही कई जरूरी खाद्य वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि के कारण लोगों को व्यापक स्तर पर परेशानी हो रही है। यह सब ऐसे समय पर हो रहा है जब अप्रत्याशित संख्या में रोजगार खत्म हो रहे हैं, जब बेरोजगारी बढ़ रही है और आर्थिक स्थिति का पटरी पर आना अभी वास्तविकता से दूर दिखाई देता है।

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