कांग्रेस पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एक बड़ा फैसला लेने का निर्णय किया है। बता दें कि वह जल्द ही लोकसभा में पार्टी का नेता बदल सकती हैं। इस मामले को लेकर अटकले लगाई जा रही हैं कि सोनिया गांधी अधीर रंजन को पद से हटाकर किसी और को लोकसभा में पार्टी के नेता की डोर सौंप सकती हैं।
बता दें कि कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी पश्चिम बंगाल के बहरामपुर से सांसद भी हैं। विधानसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल में कांग्रेस की तरफ से चेहरा थे और राज्य कांग्रेस के प्रमुख भी हैं। अधीर रंजन कांग्रेस के बागी नेताओं के समूह जी-23 के सबसे जाने मानें आलोचक हैं। जब इन नेताओं ने संगठन में बदलाव करने के लिए सोनिया गांधी को पिछले वर्ष अगस्त में पत्र लिखा था, तब रंजन नेतृत्व के साथ खड़े थे और वह संसद में पब्लिक अकाउंट कमेटी के चेयरमैन पद पर कार्यरत भी हैं।
बताते चलें कि अंग्रेजी समाचार पत्र इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार अधीर रंजन चौधरी को लोकसभा में पार्टी के नेता पद से हटाने के निर्णय को तृणमूल कांग्रेस के साथ मेलजोल बनाने और भाजपा के खिलाफ अभियान का समन्वय करने के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है। एक तरफ देखें तो जहां कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनावों में वामदल के साथ गठबंधन कर तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी। वहीं दूसरी तरफ केंद्रीय नेतृत्व ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हमला करने से बच रहे थे और उनकी जीत का स्वागत कर रहे थे।
सूत्रों के हवाले से पता चला है कि लोकसभा में कांग्रेस नेता बनने की रेस में सबसे पहले नम्बर में तिरुवनंतपुरम के सांसद शशि थरूर और आनंदपुर साहिब के सांसद मनीष तिवारी आगे हैं। इन्होंने 23 वरिष्ठ नेताओं द्वारा सोनिया गांधी को लिखे गए पत्र में हस्ताक्षर भी किये हैं। यह बताया जा रहा है कि सोनिया गांधी लोकसभा में अधीर रंजन चौधरी की जगह पर कांग्रेसी नेता शशि थरूर या मनीष तिवारी को चुन सकती हैं। अगर कांग्रेस लोकसभा में पार्टी के नेता के रूप में शशि थरूर या मनीष तिवारी को चुनती है, तो इसे कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में राहुल की संभावित वापसी से पहले गांधी परिवार की ओर से एक महत्वपूर्ण प्रयासों के रूप में देखा जा सकता है। सूत्रों के अनुसार पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह मनीष तिवारी को पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष पद के चेहरे के रूप में भी देख रहे हैं।