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‘सिक यूनिट’ की उपयोगिता के लिए शीघ्र तैयार करें नीति: सीएम योगी

CM Yogi

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लखनऊ। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 (GIS2023) में 33 लाख 50 हजार करोड़ के औद्योगिक निवेश प्रस्ताव प्राप्त करने के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने निवेश प्रस्तावों को जमीन पर उतारने की तैयारी शुरू कर दी है। मंगलवार को सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव तथा औद्योगिक विकास प्राधिकरणों के सीईओ के साथ विशेष बैठक कर मुख्यमंत्री ने विभागवार निवेश प्रस्तावों की समीक्षा की और क्रियान्वयन के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री (CM Yogi) ने समीक्षा बैठक में कहा कि यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 (UP GIS) का सफल आयोजन हुआ। इस आयोजन में 10 कन्ट्री पार्टनर, 40 देशों के 1000 से अधिक विदेशी प्रतिनिधियों, पार्टनर कंट्री के 04 मंत्रीगण, 17 केंद्रीय मंत्रीगणों, 05 राजदूतों-उच्चायुक्तों और 25 हजार से अधिक डेलीगेट्स सहित राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय निवेशकों तथा अन्य लोगों ने उत्साहपूर्वक सहभागिता कर उत्तर प्रदेश का मान बढ़ाया। यह आयोजन हमारी 25 करोड़ जनता की आकांक्षाओं, युवाओं की अपेक्षाओं को पूरा करने के साथ-साथ उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन इकोनॉमी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पड़ाव साबित होने वाला है।

उन्होंने कहा कि 16 देशों के 21 नगरों और देश के 10 शहरों में रोड शो सहित प्रदेश के सभी 75 जनपदों में निवेशक सम्मेलन के उपरांत तीन दिवसीय ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (GIS) के माध्यम से 33.50 लाख करोड़ रुपये के औद्योगिक निवेश प्रस्ताव होना अभूतपूर्व है। असमान विकास और उपेक्षा का दंश झेलने वाले बुंदेलखंड और पूर्वांचल के लिए व्यापक निवेश प्रस्ताव मिले हैं। मैन्युफैक्चरिंग, ग्रीन एनर्जी, ईवी, टेक्सटाइल, फ़ूड प्रोसेसिंग, सर्कुलर इकॉनमी, स्वास्थ्य, शिक्षा सहित हर सेक्टर में उद्यमियों ने रुचि दर्शायी है। इससे प्रदेश के औद्योगिक विकास को नयी गति मिलेगी और सबका साथ-सबका विकास का मंत्र साकार होगा।

योगी (CM Yogi) ने कहा कि जीआईएस के दौरान हमें 16 लाख करोड़ से अधिक राशि के 13 हजार से अधिक ऐसे प्रस्ताव मिले हैं, जिन्हें निवेशकर्ता द्वारा तत्काल जमीन पर उतारने की तैयारी कर ली गई है। 2.80 लाख करोड़ मूल्य के 29 एमओयू पब्लिक सेक्टर यूनिट (पीएसयू कंपनी) की ओर से मिले हैं। निवेशकर्ता इन प्रोजेक्ट पर तत्काल काम शुरू करने को तैयार हैं। सरकार के साथ मिलकर पीपीपी मोड पर विकास कार्यों के लिए 2.45 लाख करोड़ के 99 एमओयू हुए हैं। क्रियान्वयन सूची में इन्हें शीर्ष प्राथमिकता दी जाए।

चरणबद्ध रूप से संचालित होने वाली परियोजनाओं में 3 लाख 90 हजार करोड़ निवेश मूल्य के 34 औद्योगिक प्रस्ताव अगले दो वर्ष के भीतर क्रियान्वित होने को तैयार हैं। इसी प्रकार बड़े औद्योगिक समूहों की ओर से 4.11 लाख करोड़ के 782 निवेश प्रस्ताव मिले हैं। मुख्यमंत्री ने इनका समयबद्ध क्रियान्वयन शुरू कराने का निर्देश दिया है।

निवेशकर्ता से सतत संवाद-संपर्क बनाए रखने का निर्देश

मुख्यमंत्री (CM Yogi) ने अधिकारियों से कहा कि निवेश प्रस्तावों को जमीन पर उतारने के लिए यह अति आवश्यक है कि निवेशकर्ता से सतत संवाद-संपर्क बनाए रखा जाए। उनकी जरूरतों, अपेक्षाओं का तत्काल समाधान हो। प्रत्येक दशा में यह सुनिश्चित हो कि हर निवेशकर्ता को यथोचित रिस्पॉन्स मिले। कोई भी फाइल लंबित न रहे। निर्णय में कतई देरी न हो। हर एक एमओयू की नियमित अंतराल पर समीक्षा की जाए।

विभागों के प्रमुख सचिव निवेश प्रस्तावों की तत्काल समीक्षा करें

उन्होंने निर्देश दिया कि सभी अपर मुख्य सचिव अथवा प्रमुख सचिव विभागीय मंत्रियों के नेतृत्व में अपने सम्बंधित विभागों को प्राप्त औद्योगिक निवेश प्रस्तावों की तत्काल समीक्षा करें। हमें अगले छह माह की अवधि में एक बड़ी संख्या में निवेश प्रस्तावों को जमीन पर उतारते हुए ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी का आयोजन करना है। औद्योगिक विकास विभाग, इन्वेस्ट यूपी से आवश्यकतानुसार सहयोग लें।

हर एमओयू के लिए नोडल अधिकारी नामित करने का निर्देश

मुख्यमंत्री (CM Yogi) ने कहा कि निवेश प्रस्तावों के क्रियान्वयन, सतत मॉनीटरिंग के लिए सभी विभागों में ’इन्वेस्टमेंट इम्प्लीमेंटेशन यूनिट’ का गठन किया जाए। सचिव स्तर के अधिकारी को इसका मुखिया नामित किया जाना चाहिए। हर एमओयू के लिए नोडल अधिकारी नामित करें। यह यूनिट अपने विभाग से जुड़े हर निवेश प्रस्ताव के क्रियान्वयन और निवेशकों से संवाद-संपर्क के लिए जिम्मेदार होगी। इसके साथ ही, विशेष सचिव और इससे ऊपर स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों को सेक्टरवार अथवा निवेश प्रस्ताव वार मॉनीटरिंग की जिम्मेदारी दी जाए। कार्य की प्रगति संबंधित अधिकारी की दक्षता का प्रमाण बनेगी। हर एक प्रस्ताव की टाइमलाइन तय कर दी जाए।

उद्यमी मित्रों की होगी तैनाती

योगी (CM Yogi) ने निवेशकों की सुगमता के लिए मुख्यमंत्री उद्यमी मित्र योजना अंतर्गत ’उद्यमी मित्रों’ की तत्काल तैनाती का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि 10 उद्यमी मित्र राष्ट्रीय स्तर पर तैनात करें, अथॉरिटी लेवल पर न्यूनतम 25 और हर जिले में न्यूनतम एक उद्यमी मित्र की तैनाती कर दी जाए। साथ ही विदेशी निवेशकों की सुविधा को देखते हुए औद्योगिक विकास विभाग द्वारा एक कॉल सेंटर की स्थापना भी की जाए। मुख्यमंत्री ने यहां दक्ष प्रोफेशनल की तैनाती करने को कहा है। उन्होंने यह भी कहा कि एमओयू के क्रियान्वयन के लिए सभी विभागों में आवेदन का प्रारूप एक जैसा हो तो उद्यमियों को सुविधा होगी।

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मुख्यमंत्री (CM Yogi) ने कहा कि निवेश प्रस्तावों के लिए हमें व्यापक भूमि की आवश्यकता होगी। निजी इंडस्ट्रियल पार्क के लिए भी हमें प्रस्ताव मिले हैं। राज्य सरकार फार्मा पार्क, टेक्सटाइल पार्क का विकास करने जा रही है। उन्होंने कहा कि यद्यपि प्रदेश में पर्याप्त लैंडबैंक उपलब्ध है, फिर भी निवेशकर्ता की रुचि, प्रोजेक्ट की आवश्यकता के अनुसार भूमि उपलब्ध हो, इसके लिए और प्रयास करना होगा। इसमें राजस्व विभाग और सभी औद्योगिक विकास प्राधिकरणों की बड़ी भूमिका होगी। योगी ने कहा कि ’सिक यूनिट’ की पहचान करते हुए इनकी उपयोगिता के बारे में आवश्यक नीति तैयार करें। भारत सरकार से हरसंभव सहयोग मिलेगा। इन औद्योगिक इकाइयों की भूमि प्राइम लोकेशन पर है, इनका भी सदुपयोग किया जाना चाहिए।

उद्योग बंधु की बैठक जिले में हर माह और राज्य स्तर पर प्रत्येक तीसरे माह जरूर हो

योगी (CM Yogi) ने कहा कि राज्य स्तर पर उद्योग बंधु की बैठक प्रत्येक तीन माह पर जरूर हो। इसी प्रकार, जिलों में जिलाधिकारी, पुलिस कप्तान के साथ जनपदीय उद्योग बंधु की बैठक हर महीने अनिवार्य रूप से हो। उन्होंने कहा कि स्टेट लेवल बैंकर्स कमेटी की नियमित बैठक हो, इसमें अन्य वित्तीय संस्थानों को भी जोड़ा जाए।

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