Site icon News Ganj

नशामुक्त दून की दिशा में जिला प्रशासन ने बढाया कदम, ‘‘राजकीय नशामुक्ति केंद्र’’ 1 नवम्बर से संचालित

Savin Bansal

Savin Bansal

देहरादून: जिलाधिकारी सविन बंसल (Savin Bansal) की अध्यक्षता में ऋषिपर्णा सभागार कलेक्ट्रेट सभागार में जिला प्रशासन एवं समाज कल्याण विभाग द्वारा स्थापित राजकीय “मॉडल नशा मुक्ति केंद्र” के संचालन के सम्बन्ध में बैठक ली।

मख्यमंत्री (Savin Bansal) की प्रेरणा से से दून को नशा मुक्त बनाने की दिशा में की दिशा में जिला प्रशासन ने प्रभावी कदम बढ़ाते हुए ‘‘राजकीय नशामुक्ति केंद्र’’ बनाया है जो उत्तरी भारत का पहला मॉडल राजकीय नशा मुक्ति केंद्र है जो एडिक्शन ट्रीटमेंट फैसिलिटी से लैस है। इसका संचालन 1 नवम्बर से सोसायटी प्रमोशन ऑफ यूथ एण्ड मासेस’’ द्वारा किया जाएगा। जिला प्रशासन द्वारा निर्मित उत्तरी भारत के इस पहले मॉडल नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केंद्र; एक ही नंबर पर परामर्श, चिकित्सा उपचार, पुनर्वास सपोर्ट सुविधा उपलब्ध रहेगी। जिलाधिकारी ने नशा मुक्ति केंद्र संचालन लिए मात्र दो माह में “सोसायटी प्रमोशन ऑफ यूथ एण्ड मासेस’’ चयन किया तथा भवन हुआ निर्मित करवाते हुए एम्स ऋषिकेश के साथ भी करवाया संस्था व समाज कल्याण विभाग का टाइअप कराया।

बैठक में बताया गया कि जिला प्रशासन देहरादून द्वारा रायवाला में स्थापित ‘‘मॉडल नशामुक्ति केन्द्र’’ है जिसमें एक ही फोन नम्बर पर परामर्श, चिकित्सा उपचार एवं पुनर्वास सेवाओं की सुविधाए उपलब्ध है, जिसका जल्द ही नम्बर जारी किया जाएगा। इस संचालन ‘‘सोसायटी प्रमोशन ऑफ यूथ एण्ड मासेस’’ द्वारा किया जाएगा ।

जिलाधिकारी (Savin Bansal) ने निर्देश दिए दिए कि ब्लॉक स्तर पर शिड्यूल बनाकर प्रशिक्षण आयोजित करते हुए एएनएम, आशा, आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों, स्वयं सहायता समूहों को प्रशिक्षण दिया जाए, जिससे नशे के विरूद्ध लड़ाई को मजबूती से लड़ा जा सके। जिलाधिकारी ने कहा कि स्कूलों मेें छोटे बच्चों को नशे के दुष्प्राभाव के प्रति जागरूक किया जाए। तथा जो बच्चे नशे में पड़ गए हैं उन्हे इससे निकाला जा सके तथा इसके लिए ठोस प्रयास करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी के केन्द्र सरकार के नवचेतना मॉडल के तहत् स्कूलों में वृहद् कार्यक्रम स्थापित करने के निर्देश दिए।

जिला प्रशासन द्वारा रायवाला में स्थापित देश का पहला ऐसा सरकारी मॉडल नशामुक्ति केन्द्र है जहां पर एक ही फोन परामर्श, उपचार, एवं पुर्नवास की सुविधा है, इस कार्य हेतु एम्स ऋषिकेश में 10 बैड आरक्षित किए गए हैं जहां नशे के आदी व्यक्ति का उपचार तथा परामर्श की सुविधा है।

जिलाधिकारी (Savin Bansal) ने कहा कि नशा मुक्ति के लिए जिला प्रशासन द्वारा एकीकृत व्यवस्था विकसित की गई है, जिसके अंतर्गत एक ही फोन कॉल पर निशुल्क परामर्श, चिकित्सा उपचार एवं पुनर्वास सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने कहा कि नशे की लत समाज और युवाओं के भविष्य को प्रभावित करती है, इसलिए इस दिशा में जनजागरूकता और शीघ्र उपचार दोनों आवश्यक हैं। जिसके लिए शिड्यूल निर्धारित करते प्रशिक्षण दिया जाए।

जिलाधिकारी (Savin Bansal) ने कहा कि “मॉडल नशा मुक्ति केंद्र” का उद्देश्य केवल इलाज नहीं बल्कि पूर्ण पुनर्वास एवं सामाजिक पुनर्स्थापन है। इसके लिए चिकित्सकों, परामर्शदाताओं, मनोवैज्ञानिकों तथा स्वयंसेवी संस्थाओं की संयुक्त भूमिका आवश्यक है। उन्होंने केंद्र से संबंधित हेल्पलाइन नंबर को अधिकतम प्रचारित करने और विद्यालयों, कॉलेजों, औद्योगिक संस्थानों में नशा विरोधी अभियान चलाने के निर्देश भी दिए।

बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह, जिला समाज कल्याण अधिकारी दीपांकर घिल्डियाल, ‘सोसायटी प्रमोशन ऑफ यूथ एण्ड मासेस’’ के निर्देश डॉ राजेश कुमार, समन्वयक आयुषी चौधरी आदि उपस्थित रहे।

Exit mobile version