झारखंड। झारखंड के नक्सल प्रभावित इलाकों में जहां अब भी मूलभूत सुविधाओं की भारी कमी है। ऐसे में वहां की एक लड़की का बिना किसी आर्थिक मदद के अपने दम पर हॉकी खेलकर अपने मेधा को लोहा मनवाया और फिर ट्रेनिंग के लिए अमेरिका जाना अपने आप में बहुत बड़ी बात है।
पुंडी सारू आगामी 12 अप्रैल को अमेरिका के मिडलबरी कॉलेज हॉकी की ट्रेनिंग जाने वाली हैं
खूंटी के हेसल गांव की रहने वाली पुंडी सारू आगामी 12 अप्रैल को अमेरिका के मिडलबरी कॉलेज हॉकी की ट्रेनिंग जाने वाली हैं। रांची में आयोजित प्रशिक्षण शिविर में अमेरिका जाने के लिए उनका चयन हुआ है। पुण्डी के पिता एतवा सारू जानवरों को चराने का काम करते हैं। मां चंदू घर का काम करती है।
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सारू को अपने परिवार के तौर कई बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ा
सारू को अपने परिवार के तौर कई बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ा। पुण्डी पांच भाई-बहन में दूसरे नंबर पर है। पुण्डी के अलावा तीन भाई और एक बहन है। गरीबी के कारण बड़े भाई की पढ़ाई छूट गई। पिछले साल मैट्रिक परीक्षा में फेल हो जाने के कारण बड़ी बहन ने खुदकुशी कर ली थी।
घर में खाने के लिए पड़ा मड़ुआ और छात्रवृत्ति के पैसे मिलाकर बेचकर स्टिक खरीदी
पुंडी ने तीन साल पहले हॉकी खेलना शुरू किया था। हालांकि तब उनके पास खेलने के लिए हॉकी स्टिक नहीं थी। ऐसे में उन्होंने घर में खाने के लिए पड़ा मड़ुआ (एक तरह का अनाज) और छात्रवृत्ति के पैसे मिलाकर बेचकर स्टिक खरीदी थी।
पुंडी हर रोज साइकिल से गांव से 8 किमी दूर खूंटी के बिरसा मैदान हॉकी खेलने जाती हैं
पुंडी हर रोज साइकिल से गांव से 8 किमी दूर खूंटी के बिरसा मैदान हॉकी खेलने जाती है। वह कई पदक जीत चुकी हैं। पुंड़ी झारखंड की रहने वाली भारतीय खिलाड़ी निक्की प्रधान को अपना आर्दश मानती हैं। उनकी तरह भारत के लिए खेलना चाहती हैं।