नई दिल्ली: डॉलर (Dollar) के मुकाबले भारतीय रुपया (Rupee) नुकसान के स्तर पर गिरता जा रहा है। भारतीय बाजार से लगातार विदेशी निवेशकों के बाहर निकलने से रुपया पिछले कुछ महीनों में कई बार अपने रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया है। एफपीआई के बाहर निकलने के अलावा रुपये (Rupee) में गिरावट की वजह डॉलर इंडेक्स में बढ़ोतरी और कच्चे तेल का महंगा होना है। आने वाले कुछ महीनों में रुपया चुनौतियों का सामना करेगा और अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 80 के स्तर को छू सकता है।
पिछले कुछ महीनों से लगातार रुपया गिर रहा है। 12 जनवरी, 2022 को रुपया 73.78 डॉलर प्रति डॉलर पर था और तब से यह छह महीने से भी कम समय में 5 रुपये से अधिक गिर गया है। हालांकि, 12 जनवरी से गिरावट लगातार नहीं रही है,पहले यह 12 जनवरी से 8 मार्च के बीच कमजोर होकर 77.13 पर पहुंचा और फिर 5 अप्रैल तक एक महीने के लिए मजबूत होकर 75.23 डॉलर प्रति डॉलर पर पहुंच गया। इसने शुक्रवार को 79.11 के अपने सर्वकालिक निचले स्तर को छुआ। 5 अप्रैल के बाद से रुपये में लगातार गिरावट देखी गई है और तब से यह कई बार सर्वकालिक निचले स्तर को छू चुका है।
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80 पर छुएगा रुपया
अगले 6-9 महीनों में रुपये को वैश्विक अर्थव्यवस्था की सुस्ती, अमेरिकी डॉलर की तरलता में कमी और तेल की ऊंची कीमतों से चुनौतियों का सामना करने पड़सकता है। उन्होंने कहा कि अगर वैश्विक स्तर पर डॉलर में तेजी बनी रहती है रुपया गिरकर 80 तक पहुंच जाएगा।