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मुख्यमंत्री के निर्देश पर बाढ़ राहत कार्यों के लिए ग्राउंड जीरो पर उतरे मंत्रीगण

Relief operations on war footing in flood affected districts

Relief operations on war footing in flood affected districts

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) के निर्देश पर प्रदेश के मंत्रीगण बाढ़ (Flood) राहत एवं बचाव कार्यों के लिए ग्राउंड जीरो पर उतर गए हैं। अपने-अपने प्रभार के जिलों में मंत्रीगणों का भ्रमण प्रारंभ हो चुका है। वे प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचकर राहत कार्यों की वस्तुस्थिति का निरीक्षण कर रहे हैं, पीड़ितों से संवाद स्थापित कर रहे हैं और राहत व्यवस्था की सतत निगरानी कर रहे हैं। सरकार की प्राथमिकता है कि हर जरूरतमंद तक बिना किसी विलंब के सहायता पहुंचे, राहत पारदर्शिता और मानवीय संवेदना के साथ संचालित हो और कोई भी पीड़ित उपेक्षित न रहे। मुख्यमंत्री (CM Yogi) ने कहा है कि यह समय संवेदनशीलता, सतर्कता और सेवा का है। सरकार का हर प्रतिनिधि और हर संसाधन जनता के साथ खड़ा है।

इसी क्रम में, कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने रविवार सुबह जालौन और हमीरपुर जिलों का दौरा किया। उन्होंने बाढ़ (Flood) प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण करते हुए राहत शिविरों में पहुँचकर पीड़ितों से संवाद किया। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि किसी भी स्तर पर राहत कार्यों में कोताही न हो और ज़रूरतमंद लोगों की हर आवश्यक सहायता सुनिश्चित की जाए। उन्होंने राहत शिविरों में साफ-सफाई, स्वच्छ पेयजल, भोजन, चिकित्सा सुविधा और बिजली आपूर्ति जैसे विषयों पर विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए।

प्रयागराज जिले में कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ ने राहत शिविर पहुंचकर पीड़ितों से भेंट की और उन्हें राहत सामग्री वितरित की। मंत्री ने नाव से बाढ़ (Flood) प्रभावित इलाकों का भ्रमण कर स्थिति का अवलोकन किया और अधिकारियों को निर्देशित किया कि बचाव कार्यों में किसी प्रकार की देरी न हो और ज़रूरतमंदों तक मदद तत्काल पहुँचे। उन्होंने राहत शिविर में सभी आवश्यक व्यवस्थाओं को मजबूत बनाए रखने की हिदायत दी।

इटावा में राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मवीर प्रजापति ने बाढ़ (Flood) प्रभावित गांवों का दौरा किया। उन्होंने नाव के माध्यम से जलमग्न क्षेत्रों तक पहुँचकर लोगों से सीधे संवाद किया और उन्हें आश्वस्त किया कि सरकार उनके साथ खड़ी है। उन्होंने राहत शिविरों में भोजन, चिकित्सा, पेयजल और पशुचारे की व्यवस्था की बारीकी से समीक्षा की और अधिकारियों को पारदर्शिता और समयबद्धता के साथ कार्य करने के निर्देश दिए।

बलिया जिले में राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’ ने गंगा नदी के तटवर्ती इलाकों का मोटरबोट से भ्रमण कर हालात का जायज़ा लिया। उन्होंने तटबंधों की स्थिति, नावों की उपलब्धता, स्वास्थ्य सेवाओं और राहत सामग्री वितरण का निरीक्षण करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि संवेदनशील स्थलों पर 24×7 निगरानी सुनिश्चित की जाए और कोई भी व्यक्ति सहायता से वंचित न रह जाए। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार का उद्देश्य है कि “हर पीड़ित तक सहायता, बिना विलंब पहुंचे।”

जालौन जिले में राज्य मंत्री संजय गंगवार ने राहत शिविरों का दौरा कर पीड़ितों से संवाद किया और उन्हें राहत सामग्री वितरित की। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि चिकित्सा टीमें पूरी सतर्कता के साथ कार्य करें, जलजनित रोगों की रोकथाम हेतु समुचित प्रयास हों, और यह सुनिश्चित किया जाए कि कोई भी जरूरतमंद सहायता से वंचित न हो। उन्होंने पीड़ितों की समस्याओं को सुनकर उनके त्वरित निस्तारण के निर्देश भी दिए।

वाराणसी शहर दक्षिणी के विधायक एवं पूर्व मंत्री डॉ. नीलकंठ तिवारी ने रविवार को कोनिया और राजघाट क्षेत्र में नाव व पैदल भ्रमण कर दर्जनों बाढ़ग्रस्त घरों तक स्वयं राहत सामग्री पहुँचाई। उन्होंने प्रत्येक परिवार को दो पैकेट में लगभग 35 किलो खाद्यान्न, तिरपाल, बाल्टी, मग, मोमबत्ती, सैनिटरी पैड, साबुन, डेटॉल, बिस्कुट, चाय, फल आदि आवश्यक सामग्री प्रदान की। विधायक ने मौके पर मौजूद उपजिलाधिकारी व अन्य अधिकारियों को निर्देशित किया कि सभी मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति तत्काल सुनिश्चित हो। शिविरों में दूध, चाय, फल, बिजली, साफ-सफाई, फॉगिंग, ब्लीचिंग की सतत उपलब्धता सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए गए। उन्होंने स्थानीय पुलिस को चोरी की आशंकाओं से बचाव के लिए निरंतर पेट्रोलिंग करने के लिए कहा।

बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) स्वयं हर प्रभावित जिले की स्थिति की सतत समीक्षा कर रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि राहत कार्यों में त्वरितता, पारदर्शिता और मानवीय संवेदना को प्राथमिकता दी जाए। राज्य सरकार “हर पीड़ित तक सरकार” की भावना को ज़मीन पर उतारने के लिए संकल्पबद्ध है और जब तक अंतिम पीड़ित तक सहायता नहीं पहुंचती, राहत व पुनर्वास का यह अभियान निरंतर जारी रहेगा।

प्रदेश के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और पीएसी की टीमें सक्रिय रूप से कार्य कर रही हैं। स्थानीय प्रशासन चौबीसों घंटे फील्ड पर मौजूद रहकर राहत कार्यों की निगरानी और समन्वय सुनिश्चित कर रहा है।

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