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घरों में पाले जाने वाले विदेशी नस्लों के श्वानों का पंजीकरण अनिवार्य: अमृत अभिजात

Amrit Abhijat

Amrit Abhijat

लखनऊ। उच्चतम न्यायालय के आदेशों के क्रम में प्रदेश सरकार ने समस्त नगर निकायों में श्वान वंशीय पशुओं से सम्बंधित आदर्श कार्यवाही प्रक्रिया (SOP) को निर्गत कर दिया है। इसके लिए प्रमुख सचिव नगर विकास  अमृत अभिजात (Amrit Abhijat) ने निदेशक स्थानीय निकाय सहित समस्त नगर आयुक्त एवं अधिशासी अधिकारियों को इस (एसओपी) को लागू करने के निर्देश दिए हैं। इसके अन्तर्गत कहा गया है कि निराश्रित श्वानों की संख्या वृद्धि को रोकने के लिए इनके भोजन, पानी एवं आश्रय स्थलों, जिसमें खुला कचरा स्थल, मांस की दुकानों की निगरानी की जाय और इनके खाद्य कचरे की उपलब्धता को नियंत्रित भी करें। क्योंकि ऐसे स्थानों पर ही इनकी संख्या ज्यादा होती है जबकि साफ-सुथरे क्षेत्रों में इनकी संख्या कम होती है।

एसओपी मानक के अनुसार प्रत्येक 100 व्यक्ति पर 03 कुत्तों का अनुपात है। देशी श्वानों को पालतू बनाये जाने के लिए लोगों को जागरूक किया जाय और इसके लिए मुख्य सरकारी भवनों में पेंटिंग एवं हॉर्डिंग भी लगायी जाय। देशी निराश्रित श्वानों को सड़क अथवा पशु-शरणालयों से गोद लेने वाले परिवारों को नगर निकाय में रजिस्ट्रेशन से छूट दी जाए। साथ ही ऐसे श्वानों की नसबंदी एवं प्रथम टीकाकरण भी निःशुल्क किया जाए। Dog Breeding and Marketing Rules, 2017  तथा Pet Shop Rules 2018 के अनुरूप नगर निकायों में चल रहे विदेशी श्वानों के विक्रय तथा प्रजनन केंद्रों को बिना वैध लाइसेन्स के न चलने दिया जाये, जो डॉग ब्रीडर एवं पेट शॉप बिना पशु कल्याण बोर्ड के रजिस्ट्रेशन से कार्यरत हो, उन्हें नगर निकाय द्वारा तत्काल प्रभाव से बन्द किया जाय।

घरों में पाले जाने वाले विदेशी नस्लों के श्वानों का पंजीकरण कराया जाना अनिवार्य किया जाय, तथा इनके स्वामियों से श्वानों के नियमित टीकाकरण का प्रमाण-पत्र प्राप्त किया जाय। The Animal Birth Control Dog Rules,  2001 के अनुसार प्रत्येक नगर निगम/नगर पालिका परिषद/नगर पंचायत स्तर पर समितियों का गठन आगामी 02 माह में पूर्ण किया जाय। वर्तमान में लखनऊ नगर निगम में ए०बी०सी० सेन्टर क्रियाशील है, शेष 16 नगर निगमों में इसका निर्माण 03 चरणों में 03 वर्षों में किया जायेगा। इन 16 नगर निगमों में से गाजियाबाद, कानपुर, प्रयागराज, अलीगढ़, फिरोजाबाद एवं वाराणसी में ए०बी०सी० (Animal Birth Control) सेन्टर का निर्माण प्रथम चरण में किया जायेगा।

प्रदेश के नगर निगमों के अतिरिक्त शेष 58 जनपदों में निराश्रित श्वानों के बन्ध्याकरण हेतु जनपद स्तर पर ए०बी०सी० सेन्टर का निर्माण अगले 05 वर्ष में चरणबद्ध रूप से किया जायेगा एवं जनपद में स्थित समस्त स्थानीय निकायों के निराश्रित श्वानों के बन्ध्याकरण का कार्य संबंधित जनपद के ए०बी०सी० सेन्टर पर किया जायेगा। शल्य चिकित्सा के उपरांत पशुओं के शरीर से निकाले गए अंगों का निस्तारण भारतीय जीव जंतु बोर्ड द्वारा जारी किए गए दिशा निर्देशों के अनुरूप ही किया जायेगा।

प्रत्येक ए०बी०सी० Animal Birth Control सेन्टर में Operation Theatre, Quarantine Kennels, Post Operative Care Kennels, Isolation Kennels, Stores, Doctor’s Room fe Revised Module for Street Dog Population Management, Rabies Eradication and Reducing Man& Animal Conflict के अनुसार बनाए जाएँ।

समस्त नगर निकायों द्वारा श्वानवंशीय पशु बंध्याकरण हेतु कार्यदायी संस्था का चयन करने के लिए लखनऊ नगर निगम द्वारा निर्गत की गयी ईओआई को मॉडल माना जायेगा। ई०ओ०आई० का मॉडल नगर विकास की वेबसाइट http://urbandevelopment.up.nic.in  पर उपलब्ध है।

श्वान वंशीय पशुओं के लिए किये जा रहे कार्यों की निगरानी के लिए 04 सदस्यीय उप समिति गठित

प्रमुख सचिव नगर विकास  अमृत अभिजात (Amrit Abhijat) ने बताया कि प्रदेश के समस्त नगरीय निकायों में श्वान वंशीय पशुओं की निगरानी से सम्बंधित आदर्श कार्यवाही प्रक्रिया (एस0ओ0पी0) निर्गत कर दी गयी है और इसके अन्तर्गत किये जाने वाले कार्यों की निगरानी के लिए उत्तर प्रदेश श्वान पशु जन्म नियंत्रण अनुश्रवण समिति द्वारा विशेष सचिव नगर विकास विभाग की अध्यक्षता 04 सदस्यीय उप समिति गठित की गयी है। इस समिति में विशेष सचिव, नगर विकास अध्यक्ष होंगे। नगरीय निकाय निदेशालय द्वारा नामित प्रतिनिधि सदस्य सचिव, पीपुल्स फॉर एनिमल की सदस्य सचिव गौरी मौलेखी आमंत्रित सदस्य तथा उ०प्र० पशु कल्याण बोर्ड के प्रतिनिधि इस समिति के सदस्य होंगे।

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प्रमुख सचिव (Amrit Abhijat) ने बताया कि यह उप प्रत्येक दो माह में उत्तर प्रदेश श्वान पशु जन्म नियंत्रण अनुश्रवण समिति के अध्यक्ष को प्रदेश के समस्त नगर निकायों द्वारा श्वानवंशीय पशु बंध्याकरण के संबंध में किए जा रहे कार्यों की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। साथ ही श्वान वंशीय पशु बंध्याकरण के कार्यक्रम में सहभाग कराने हेतु उत्तर प्रदेश में कार्यरत पशु कल्याण संस्थाओं के नामों की सूची भी बनायेगी। ऐसी संस्थाओं का समय-समय पर प्रशिक्षण भी करायेगी। समिति द्वारा ए०बी०सी० प्रोग्राम के क्रियान्वयन में जन सहभागिता एजेंसियों, सिविल सोसाइटी इत्यादि की सहायता भी ली जा सकती है।

उन्होंने बताया कि एनिमल बर्थ कन्ट्रोल हेतु सुदृढ़ एवं सुविधायुक्त प्रशिक्षण केन्द्र लखनऊ नगर निगम द्वारा संचालित जरहरा एनिमल बर्थ कन्ट्रोल कैम्पस में स्थापित किया जायेगा। इसमें प्रदेश के अन्य निकायों की कार्यदायी संस्थाओं को प्रशिक्षित किया जायेगा। इस सम्बंध में लखनऊ नगर निगम, भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड (एनीमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इण्डिया) तथा प्रशिक्षक संस्था के साथ समन्वय स्थापित कर तीन माह में प्रशिक्षण आरम्भ करेगा। इसके अलावा एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इण्डिया द्वारा निर्गत रिवाइज्ड मॉड्यूल फॉर स्ट्रीट डॉग पॉपुलेशन मैनेजमेंट रेबीज इरेडिकेशन रिड्युसिंग मैन-डॉग कॉन्फ्लिक्ट का भी संदर्भ लिया जायेगा।

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