नई दिल्ली। रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती करने के बाद बैंकों और डाकघर में मियादी जमा पर ब्याज दर में कटौती हो सकती है। इस वजह से ब्याज की आमदनी पर निर्भर लोगों, खासकर वरिष्ठ नागरिकों को नुकसान होगा। रिजर्व बैंक के इस फैसले से पुराने बचतकर्ताओं पर कोई असर नहीं होगा।
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आपको बता दें रिजर्व बैंक के इस फैसले से वैसे लोगों को घाटा होगा, जो अपनी बचत की राशि को बैंक या डाकघर की जमा योजनाओं में लगाते हैं और उससे मिलने वाले ब्याज के सहारे अपना जीवन चलाने की योजना बना रहे हैं।
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जानकारी के मुताबिक रेपो रेट में कटौती का असर अब बैंक की ब्याज दरों पर शीघ्र ही दिखना शुरू हो जाएगा क्योंकि लगभग सभी बैंकों ने अपने सभी नए फ्लोटिंग रेट लोनों को बाहरी बेंचमार्क से लिंक कर दिया है। जब बैंक अपने लोन पर कम ब्याज दर ऑफर करेंगे तो जमाओं पर भी ब्याज दर में शीघ्र ही कटौती करेंगे।