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राम नवमी 2022: आज करें मां सिद्धिदात्री की पूजा, देखें विधि और शुभ मुहूर्त

Maa Siddhidatri

Maa Siddhidatri

लखनऊ: चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) का शुभ त्योहार आज समाप्त होने वाला है क्योंकि आज के दिन सभी भक्त मां दुर्गा के नौवें अवतार की पूजा करते हैं। नवरात्रि के नौवें दिन मां दुर्गा के नौवें स्वरुप मां सिद्धिदात्री (Maa Siddhidatri) की पूजा की जाती हैं। हिन्दू पंचांग के अनुसार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को रामनवमी (Ram Navami) मनाई जाती है। मां सिद्धिदात्री आध्यात्मिक आनंद की इच्छा रखने वालों की सभी इच्छाओं को पूरा करने के लिए जानी जाती हैं। उन्हें आदिशक्ति भी कहा जाता है, जिनकी पूजा भगवान शिव करते हैं।

रामनवमी पर पूजा में शामिल करें ये चीजें

मां सिद्धिदात्री की कृपा पाने के लिए आपको देवी की मूर्ति को गंधम, पुष्पम, दीपम, सुगंधधाम और नैवेद्यम (भोग) चढ़ाकर पंचोपचार पूजा करनी चाहिए। आपको सिंदूर, मेहंदी, काजल, बिंदी, चूड़ियां, पैर की अंगुली की अंगूठी, कंघी, आलता, दर्पण, पायल, इत्र, झुमके, नाक की पिन, हार, लाल चुनरी, महावर, हेयरपिन आदि सहित श्रृंगार की वस्तुएं भी अर्पित करनी चाहिए।

माँ सिद्धिदात्री को प्रसन्न करने के लिए राम नवमी पर कहे जाने वाले मंत्रों की सूची इस प्रकार है

ॐ देवी सिद्धिदात्र्यै नमः॥

Om देवी सिद्धिदात्रयै नमः

सिद्ध गन्धर्व यक्षादैरसुरैरैरैरपि।

सेव्यना सदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धायिनी॥

सिद्ध गंधर्व यक्षदयैरासुरैरामाररैपी।

सेव्यामना सदा भुयत सिद्धिदा सिद्धिदायिनी॥

या देवी सर्वभूतेषु माँ सिद्धिदात्री रूपेण प्रतिष्ठितता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

या देवी सर्वभूतेशु माँ सिद्धिदात्री रूपेना संस्था।

नमस्तास्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः

राम नवमी 2022 के लिए शुभ मुहूर्त

राम नवमी 9 अप्रैल, 2022 को दोपहर 3:53 बजे शुरू हुई और यह 10 अप्रैल, 2022 को शाम 5:45 बजे तक रहेगी। मध्याह्न अवधि सुबह 10:45 बजे शुरू होकर 13:14 बजे समाप्त होगी। भक्तों को ध्यान देना चाहिए कि ठीक मध्याह्न क्षण दोपहर 12:00 बजे शुरू होगा।

आपको बता दें कि मां सिद्धिदात्री अपने दाहिने हाथ में चक्र और गदा धारण करने के लिए जानी जाती हैं। वह कमल पर बैठे हुए अपने बाएं हाथ में शंख और कमल भी रखती हैं। मान्यता के अनुसार, मां सिद्धिदात्री शुक्ल पक्ष (चंद्रमा के वैक्सिंग चरण) को नियंत्रित करती हैं। इस ग्रह के दुष्प्रभाव से पीड़ित सभी लोगों को इसके प्रतिकूल प्रभावों से छुटकारा पाने के लिए इनकी पूजा करनी चाहिए।

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